UP कैबिनेट : लखनऊ-गौतमबुद्धनगर में Police Commissioner, सीएम योगी बोले- 50 वर्ष की मांग अब पूरी
UP Cabinet Meeting लखनऊ-गौतमबुद्धनगर में कमिश्नर प्रणाली का प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में पास हुआ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में प्रस्ताव पास।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की कैबिनेट बैठक में लखनऊ और गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में पुलिस कमिश्नर प्रणाली का प्रस्ताव पास हो गया है। लोक भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली पर मुहर लग गई है। इसके साथ ही छह अन्य प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई है। लखनऊ में एडीजी सुजीत पाण्डेय पुलिस कमिश्नर होंगे जबकि गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी एडीजी आलोक सिंह को दी गई है।
कैबिनेट की बैठक के बाद आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मीडिया को संबोधित किया। इससे पहले कैबिनेट बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह तथा श्रीकांत शर्मा मीडिया को कैबिनेट के फैसले की ब्रीफिंग करते थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में पिछले 50 वर्ष से कानून-व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण और स्मार्ट पुलिसिंग की मांग हो रही थी। राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव के कारण इतने वर्षों तक यह कार्य नहीं हो पाया। समयबद्ध तरीके से कार्रवाई ना हो पाने के कारण न्यायालय हमेशा पुलिस को कटघरे में खड़ा करता था। पुलिस विभाग में सुधार का सबसे बड़ा कदम हमारी सरकार ने उठाया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। हमारी कैबिनेट ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ और आर्थिक राजधानी गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव पास किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस अधिनियम के अन्तर्गत दस लाख से ऊपर की आबादी में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होनी चाहिए। 2011 की जनगणना के अनुसार लखनऊ की आबादी 29 लाख थी, जो अब बढ़कर 40 लाख से ज्यादा हो गई है। वहीं गौतमबुद्धनगर की आबादी 16 लाख थी, जो अब बढ़कर 25 लाख से अधिक हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने यूपी पुलिस में सुधार का सबसे बड़ा कदम उठाया है। पिछले 50 वर्ष में बेहतर पुलिसिंग के साथ ही साथ मजबूत कानून व्यवस्था के लिए इस प्रणाली की मांग हो रही थी। हमने लखनऊ तथा नोएडा में आयुक्त प्रणाली को लागू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि दस लाख से अधिक की आबादी वाले महानगरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने की जरूरत थी। राजनीतिक उदासीनता की वजह से यह नहीं किया गया। प्रदेश में महिला अपराधों पर त्वरित कार्यवाही हो। हमने महिला एसपी और महिला एडिशनल एसपी को तैनाती दी है। उन्होंने कहा कि पुलिस महकमे के लिए उम्मीद से ज्यादा देने वाला फैसला है। यह फैसला जनता के हित में लिया गया ऐतिहासिक फैसला है। आम आदमी के लिए त्वरित न्याय, आम लोगों के दरवाजे पर ही मुहैया होगा। लगातार बेहतर हो रही कानून व्यवस्था को और और बेहतर करने में सरकार का बड़ा फैसला है। पुलिस कमिश्नर को मजिस्ट्रेट पावर भी होंगे। पुलिस कमिश्नर को मजिस्ट्रेट के साथ 15 और शक्तियां दी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस की दृष्टि से आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। हमारी सरकार ने बेहतर पुलिसिंग के लिए बड़ा तथा बढिय़ा कदम उठाया है। लम्बे समय से उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था के लिए इसकी मांग की जा रही थी। उसको पूरा किया गया है। आज के समय में लखनऊ में करीब 40 लाख तथा गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में करीब 25 लाख के आसपास की आबादी है। लखनऊ में अभी तक कुल 40 थाना हैं। अब लखनऊ में पुलिस आयुक्त प्रणाली होगी। जिसमे एडीजी रैंक के अफसर पुलिस कमिश्नर होंगे। प्रदेश मे आयुक्त प्रणाली मेट्रोपॉलिटन सिटी में लागू होगी। इसके साथ ही दोनों जगह पर महिला एसपी रैंक की अधिकारी को अलग से नियुक्ति दी जाएगी। जिससे महिलाओं की सुरक्षा के लिए अलग से काम हो सके। उनके साथ एएसपी रैंक की अधिकारी भी रहेंगी। लखनऊ तथा गौतमबुद्धनगर में यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए एसपी तथा एएसपी रैंक के अधिकारी तैनात होंगे। जिससे यातायात की व्यवस्था मजबूत हो।
अब ऐसी होगी लखनऊ पुलिस
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बताया कि लखनऊ शहर के अन्तर्गत पुलिस आयुक्त प्रणाली में 40 थाने आएंगे। जिसमें एडीजी स्तर का अधिकारी पुलिस आयुक्त के रूप में काम करेगा। इसके साथ ही आईजी रेंज के दो ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर होंगे। जिसमें एक लॉ एंड आर्डर और एक क्राइम की दृष्टि से होंगे। इसके अलावा एसपी रैंक के नौ अधिकारी तैनात होंगे। महिला संबंधित अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए एक एसपी रैंक की महिला अधिकारी और एक एडिशनल एसपी रैंक की महिला अधिकारी की विशेष तैनाती दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यातायात की दृष्टि से एक पुलिस अधीक्षक और एक अपर पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी को तैनात किया जा रहा है। निर्भया फंड के अंतर्गत सीसीटीव कैमरे और ट्रैफिक लाइट आदि की व्यवस्था की जाएगी।
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गौतमबुद्धनगर रहेगी यह व्यवस्था
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गौतमबुद्धनगर में इस प्रणाली के तहत एडीजी स्तर के अधिकारी को पुलिस आयुक्त के तौर पर तैनात किया जा रहा है। उनके साथ डीआईजी रैंक के दो एडिशनल पुलिस कमिश्नर होंगे। इसके साथ ही पांच पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों की भी यहां तैनाती होगी। उन्होंने कहा कि महिला संबंधित अपराधों पर अंकुश लगाने और विवेचना के लिए एक महिला पुलिस अधीक्षक की तैनाती की जाएगी। वहीं यातायात को सुदृढ़ करने के लिए एक पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को तैनात किया जाएगा। इस प्रणाली के अंतर्गत जनपद में दो नये थाने भी बनाए जा रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों डिप्टी सीएम, सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा, जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह, डीजीपी ओपी सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी तथा निदेशक सूचना शिशिर सिंह भी मौजूद थे।
हर छह माह पर होगी समीक्षा
पुलिस आयुक्त प्रणाली की व्यवस्था प्रदेश में पहली बार लागू की जा रही है। नवीन व्यवस्था में शामिल शहरों का शान्ति व कानून व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, महिला अपराध नियंत्रण व यातायात प्रबन्धन आदि पर प्रत्येक 6 माह में समीक्षा एवं नवीन व्यवस्था का मूल्यांकन किया जाएगा।
मा० @myogiadityanath जी ने आज लखनऊ एवं नॉएडा में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने की महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक घोषणा की है. आपके इस निर्णय से जहाँ सुरक्षा एवं कानून-व्यवस्था कि स्थिति बेहतर होगी, वहीँ स्मार्ट पुलिसिंग को भी बल मिलेगा. उत्तर प्रदेश पुलिस आपके विश्वास के लिए आभारी है. — DGP UP (@dgpup) January 13, 2020
पुलिस आयुक्त के पास होंगी यह शक्तियां
1- दंड प्रक्रिया संहिता की धारा- 58 व अध्याय 8 (परिशांति कायम रखने के लिए और सदाचार के लिए प्रतिभूत) और अध्याय-10 (लोक व्यवस्था और शांति बनाए रखना) में परिभाषित कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्रदान की जाएंगी।
2- उत्तर प्रदेश गुण्डा नियंत्रण अधिनियम, 1970 (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 8 सन् 1971) के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
3- विष अधिनियम, 1919 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
4- अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
5- पुलिस (द्रोह-उद्दीपन) अधिनियम, 1922 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
6- पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
7- विस्फोटक अधिनियम, 1884 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
8- कारागार अधिनियम, 1894 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
9- सरकारी गोपनीयता अधिनियम, 1923 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
10- विदेशी अधिनियम, 1946 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
11- गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
12-भारतीय पुलिस अधिनियम, 1861 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
13-उत्तर प्रदेश अग्नि शमन सेवा अधिनियम, 1944 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
14-उत्तर प्रदेश अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा अधिनियम, 2005 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
15-उत्तर प्रदेश गिरोहबन्द और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1986 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।
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कैबिनेट की बैठक में इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर
2- घाघरा नदी का नाम अब सरयू
घाघरा नदी का नाम परिवर्तित कर राजस्व अभिलेखों में सरयू दर्ज किए जाने के संबंध का प्रस्ताव पर कैबिनेट में पास।
3- बरेली में बस स्टेशन के लिए भूमि
बरेली के विधानसभा क्षेत्र बरेली नगर में मिनी बाईपास पर केन्द्रीय कारागार तथा नगर निगम की रिक्त भूमि को बस स्टेशन का निर्माण के लिए परिवहन विभाग को नि:शुल्क हस्तान्तरित किये जाने का प्रस्ताव कैबिनेट में पास।
4- प्रयागराज में जिला कारागार
प्रयागराज में निर्माणाधीन जिला कारागार, प्रयागराज को पूर्ण कराये के लिए प्रस्तावित पुनरीक्षित लागत 200 करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्ताव कैबिनेट में पास।
5- निष्प्रयोज्य भवन का ध्वस्तीकरण
पुलिस विभाग के पूर्व निर्मित जर्जर भवनों को निष्प्रयोज्य घोषित कर ध्वस्तीकरण कराये जाने का प्रस्ताव कैबिनेट में पास।
6- उन्नाव में नया थाना दही चौकी
जनपद उन्नाव में थाना कोतवाली सदर के अन्तर्गत दही पुलिस चौकी के उच्चीकृत कर नवीन मार्डन पुलिस थाना स्थापना हेतु यूपीएसआईडीसी से नि:शुल्क भूमि उपलब्ध कराने जाने के संबंध का प्रस्ताव कैबिनेट में पास।
7- चार लेन की सड़क चौड़ीकरण
गोरखपुर में सोनौली-नौतनवॉ-गोरखपुर-देवरिया-बलिया मार्ग (राज्य मार्ग संख्या-1) के चैनेज- 98.975 से चैनेज-125.00 तक (गोरखपुर शहर से देवरिया बार्डर तक) (लम्बाई 26.025 किमी.) मार्ग का चार लेन में चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य की पुनरीक्षित लागत रुपये 25094.90 लाख के व्यय का प्रस्ताव कैबिनेट में पास।
लखनऊ के 40 थाना मेट्रोपॉलिटन
लखनऊ में 40 थाना मेट्रोपॉलीटन श्रेणी में आएंगे। यहां पर एसपी रैंक के नौ अधिकारी तैनात होंगे। गौतमबुद्धनगर में डीआईजी रैंक के दो अधिकारी एडिशनल पुलिस कमिश्नर पद पर तैनात होंगे। एसपी रैंक के भी पांच अधिकारी तैनात होंगे। यहां पर दो नए थाना भी बनाए जा रहे है।
नोएडा तीन जोन में बांटा जाएगा
नोएडा में डीआईजी रैंक के दो जॉइंट कमिश्नर होंगे। नोएडा को तीन जोन में बांटा जाएगा। नोएडा में एसपी स्तर के कुल छह अधिकारी तैनात किए जाएंगे। इनके साथ कुल 9 एडिशनल एसपी की भी तैनाती होगी। एसीपी के पद पर 15 डिप्टी एसपी तैनात होंगे। इसमें से 10 डिप्टी एसपी सर्किल में रहेंगे और बाकी पांच ट्रैफिक, अपराध, अभिसूचना और मुख्यालय की जिम्मेदारी संभालेंगे।
कमिश्नर के पास होंगे यह अधिकार
पुलिस कमिश्नर को सिर्फ कानून व्यवस्था से जुड़े अधिकार ही मिलेंगे। पुलिस कमिशनर के पास धारा 144, कर्फ्यू लगाना, पाबंदी की कार्रवाई, धारा 151, गैंगस्टर, जिला बदर, असलहा लाइसेंस देने जैसे अधिकार होंगे। अभी तक यह सभी अधिकार जिलाधिकारी के पास थे। कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद बार, मनोरंजन कर, होटल, सराय एक्ट से जुड़े अधिकार डीएम के पास रहेंगे।
ऐसा होगा ढांचा
लखनऊ में एडीजी स्तर के अधिकारी को कमिशनर बनाया गया। उनके साथ आईजी रैंक दो अधिकारी ज्वाइंट कमिश्नर होंगे। यह एडिशनल कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) और एडमिन की जिम्मेदारी संभालेंगे। पूरे शहर को पांच जोन में बांटा जाएगा, एसपी स्तर के आईपीएस ऑफिसर तैनात किए जाएंगे। चार एसपी रैंक के अधिकारी होंगे जो सुरक्षा, अभिसूचना, ट्रैफिक और क्राइम की जिम्मेदारी संभालेंगे। इन सभी एसीपी के साथ एक-एक एडिशनल एसपी तैनात होंगे। लखनऊ में डीसीपी के पद पर 26 सीओ तैनात होंगे। इनमें 14 सीओ सर्किल की और बाकी के 12 सीओ ऑफिस, ट्रैफिक, क्राइम और इंटेलिजेंस की जिम्मेदारी संभालेंगे।
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सुजीत पाण्डेय लखनऊ तथा आलोक सिंह गौतमबुद्धनगर के पुलिस कमिश्नर
बढ़ेंगे दो-दो थाने
लखनऊ में सुशांत गोल्फ सिटी व गोमतीनगर एक्सटेंशन दो नए थानों के गठन की मंजूरी हो चुकी है। गौतमबुद्धनगर में भी दो नए थानों के गठन का प्रस्ताव पास हो चुका है। बताया गया कि दोनों जिलों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की मंजूरी के साथ ही दो-दो नए थानों की अधिसूचना भी जारी करने की तैयारी है।
पीपीएस अधिकारियों के बढ़ेंगे अधिकार
लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में पदोन्नति पाकर आइपीएस बने अधिकारियों व पीपीएस संवर्ग के अधिकारियों को तैनाती में बराबर का मौका दिया जाएगा। कमिश्नर प्रणाली में अब पीपीएस संवर्ग के अधिकारियों के पास कानून-व्यवस्था से जुड़े किसी मौके पर वह अधिकार हासिल होंगे, जिनके लिए उन्हें वर्तमान मेंं पीसीएस संवर्ग के अधिकारियों की अनुमति का इंतजार करना पड़ता है।
इन शहरों में भी बदलेगी व्यवस्था
प्रदेश में लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी, गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नर प्रणाली बतौर पायलेट प्रोजेक्ट लागू किए जाने पर चर्चा शुरू हुई थी। माना जा रहा है कि लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में इस प्रणाली की सफलता के आधार पर अन्य बड़े शहरों में भी कदम बढ़ाए जाएंगे।