UP Cabinet Meeting : कुशीनगर में अब पर्यटन विभाग लगाएगा बुद्ध की भव्य प्रतिमा, मैत्रेय परियोजना ट्रस्ट से समझौता निरस्त
भगवान बुद्ध की निर्वाण स्थली कुशीनगर में बुद्ध की भव्य प्रतिमा लगाने और बौद्ध सर्किट को विकसित करने के लिए मैत्रेय परियोजना ट्रस्ट से हुए समझौते को निरस्त कर दिया गया है।
लखनऊ, जेएनएन। पर्यटन विकास के जरिये देश-दुनिया को आकर्षित करने में जुटी सरकार ने सोमवार को एक बड़ा कदम उठाया। भगवान बुद्ध की निर्वाण स्थली कुशीनगर में बुद्ध की भव्य प्रतिमा लगाने और बौद्ध सर्किट को विकसित करने के लिए मैत्रेय परियोजना ट्रस्ट से हुए समझौते को निरस्त कर दिया गया है। कैबिनेट ने इसे मंजूरी देते हुए भगवान बुद्ध की भव्य प्रतिमा और इंटीग्रेटेड बुद्ध सर्किट विकसित करने की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को सौंपी है।
पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नीलकंठ तिवारी ने पत्रकारों को इस फैसले की जानकारी दी। तिवारी ने बताया कि राज्य सरकार तथा मैत्रेय परियोजना ट्रस्ट के बीच एमओयू तथा लीज डीड निरस्त कर दिया गया है। इंटीग्रेटेड बुद्ध सर्किट को विकसित करने के लिए पर्यटन विभाग को कुशीनगर में महात्मा बुद्ध की विशाल प्रतिमा की स्थापना, धर्मार्थ चिकित्सालय, प्रारंभिक शिक्षा से उच्च शिक्षा तक के लिए एक धर्मार्थ शिक्षण संस्थान, विशाल ध्यान केंद्र (मेडिटेशन पवेलियन), फौव्वारों से सुसज्जित भव्य सुरुचिपूर्ण जलाशय, बच्चों के लिए पार्क, बौद्ध विहार व अतिथि गृह आदि के लिए कार्ययोजना तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। इस पर अनुमानित लागत और विस्तृत मसौदा जल्द ही तैयार किया जाएगा।
ध्यान रहे कि पर्यटन तथा संस्कृति के विकास के लिए कुशीनगर में मैत्रेय परियोजना 2003 में प्रारंभ की गई थी। इसका पूरा खर्च मैत्रेय परियोजना ट्रस्ट ने वहन करने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी न दे सकी। राज्य सरकार ने ट्रस्ट को निश्शुल्क 195 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई थी। नीलकंठ ने बताया कि इतनी लंबी अवधि बीत जाने के बाद भी ट्रस्ट द्वारा वहां निर्माण कार्य न किए जाने की वजह से समझौता निरस्त कर दिया गया और दी गई जमीन वापस ले ली गई है।