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कैबिनेट बैठक : राम की प्रतिमा और पर्यटन केंद्र के लिए 447 करोड़ मंजूर

सारनाथ में पर्यटन विभाग की 650 वर्गमीटर जमीन गृह विभाग को देंगे। सोनभद्र के कोन और कर्मा का बना रहेगा वजूद। औचित्य की विवेचना के लिए गठित होगी टीम।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 10:30 AM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 08:20 AM (IST)
कैबिनेट बैठक : राम की प्रतिमा और पर्यटन केंद्र के लिए 447 करोड़ मंजूर
कैबिनेट बैठक : राम की प्रतिमा और पर्यटन केंद्र के लिए 447 करोड़ मंजूर

लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुजरात में स्थापित सरदार पटेल की प्रतिमा की तर्ज पर अयोध्या में भगवान राम की भव्य प्रतिमा लगाने की घोषणा की थी। इसके लिए पहले ही औपचारिकता पूरी की गई है, लेकिन शुक्रवार को कैबिनेट ने प्रतिमा और पर्यटन से जुड़े विभिन्न केंद्रों की स्थापना के लिए जमीन खरीदने को 447.46 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले योगी सरकार ने अयोध्या के विकास के लिए यह कदम उठाया है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में इसके लिए सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को लोकभवन में संपन्न कैबिनेट की बैठक में कुल सात प्रस्तावों पर मुहर लगी। राज्य सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा तथा खादी ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। श्रीकांत ने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम की नगरी अयोध्या से देश और दुनिया के करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है।

अयोध्या के सुंदरीकरण, पर्यटन के विकास, डिजिटल म्यूजियम, लाइब्रेरी, पार्किंग, फूड प्लाजा, लैंड स्केपिंग और राम की भव्य प्रतिमा के लिए जमीन खरीदी जाएगी। अयोध्या के जिलाधिकारी ने सदर तहसील के मीरापुर में 61.387 हेक्टेयर भूमि के लिए 447.46 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया है। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। हर वर्ष यहां लाखों पर्यटक आते हैं।

सरकार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसके विकास के लिए कदम बढ़ा रही है। इस परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपये का अनुमोदन पहले ही किया गया था। दो मार्च, 2019 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में ट्रस्ट और सोसाइटी गठित करने का फैसला किया गया था। कैबिनेट ने आगे के सभी फैसलों के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।

पीएम के क्षेत्र में पर्यटकों के लिए खुलेगा थाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को विश्व स्तर के पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने पर सरकार जोर दे रही है। विदेशी सैलानियों से लेकर देश के विभिन्न राज्यों के पर्यटक वहांं बड़ी संख्या में जाते हैं। पर्यटकों को सुरक्षा देने के लिए सरकार ने सारनाथ में पर्यटक पुलिस थाना खोलने का फैसला किया है। इसके लिए सारनाथ में पर्यटन विभाग की 650 वर्ग मीटर जमीन गृह विभाग को हस्तांतरित की जाएगी। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 

वाराणसी में लालपुर-पांडेयपुर नाम से बनेगा नया थाना 

वाराणसी में लालपुर-पांडेयपुर नाम से नया थाना बनेगा। वहां के कैंट थाना को विभाजित कर यह थाना बनाया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग की 2530 वर्ग मीटर जमीन गृह विभाग को उपलब्ध कराई जाएगी। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। 

करीब 20 हजार मुकदमे होंगे समाप्त 

कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश दंड विधि (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन) (संशोधन) विधेयक, 2019 को मंजूरी दे दी है। ट्रैफिक से जुड़े अपराधों के दंड 31 दिसंबर 2015 तक माफ किए गए थे, लेकिन इस फैसले से 31 दिसंबर 2016 तक के अपराध माफ होंगे। यह अवधि बढ़ाने से 107 व 109 से संबंधित करीब 20 हजार मुकदमे समाप्त हो जाएंगे।

28 ब्लाकों को खत्म करने पर नए सिरे से होगा विचार

सपा शासन में एक ही दिन में 30 विकास खंड (ब्लाक) गठित करने के फैसले को भाजपा सरकार ने पलटने की तैयारी की थी, लेकिन शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में इस पर नए सिरे से विचार करने की सहमति बनी। इसके लिए जल्द ही समिति का गठन होगा। समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद तय होगा कि कौन सा विकास खंड बनाये रखा जाए और किसे समाप्त कर दिया जाए। सोनभद्र जिले के दो विकास खंडों कोन व कर्मा का वजूद बना रहेगा।

सपा सरकार में दिसंबर 2016 में एक साथ 30 विकास खंडों का सृजन किया गया। कई जिलों में दो से तीन विकास खंड बने। योगी सरकार ने इसके औचित्य पर छानबीन कराई तो तय हुआ कि इसे निरस्त कर दिया जाए। खंड विकास अधिकारियों की कमी भी इसमें बड़ी समस्या है। शुक्रवार को कैबिनेट में इन विकास खंडों को निरस्त करने का प्रस्ताव भी आया। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने नक्सल प्रभावित सोनभद्र के कोन और कर्मा विकास खंड को बहाल रखने को हरी झंडी दे दी लेकिन, बाकी 28 विकास खंडों के सृजन की नए सिरे से विवेचना को कहा। इस पर सभी ने हामी भरी। सूत्र बताते हैं कि भाजपा के कई जनप्रतिनिधियों ने अपने जिलों के विकास खंडों को बनाये रखने की वकालत की। इससे मुख्यमंत्री उपयोगी विकास खंडों को बनाये रखने पर सहमत हो गए हैं। इसलिए कैबिनेट ने तय किया कि इसकी नए सिरे से रिपोर्ट तैयार की जाए। इसका अधिकार मुख्यमंत्री को दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि बहराइच के कारीकोट, श्रावस्ती के लक्ष्मणपुर बाजार, बाराबंकी के महादेवा व सुबेहा, रायबरेली के खजूरगांव, अंबेडकरनगर के बेवाना, बदायूं के नाधा, दबतेरी व बिनावर, सोनभद्र में कोन व कर्मा, बस्ती में शुभम नगर और चंगरेवा बाबू, अलीगढ़ में गभाना, उन्नाव में माखी, रामपुर में टांडा व पटवाई, कुशीनगर में कुबेरनाथ, प्रयागराज में बरांव, बुलंदशहर के काकोड़, कन्नौज के ठठिया, पीलीभीत के माधौटांडा, प्रतापगढ़ के मंगापार उदयपुर व डेरवा, महोगा के श्रीनगर, अमरोहा के नौगावा सादात व उझारी, गाजीपुर में नौली व देवड़ी, बलिया में भीमपुरा नंबर एक और बिजनौर में बढ़ापुर ब्लाक का गठन किया गया था। योगी सरकार में तीन नए विकास खंड बने हैं। इन्हें मिलाकर अब प्रदेश में 854 विकास खंड हो गए हैं। 


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