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योगी सरकार ने कर्मचारियों का नियत यात्रा भत्ता 100% तक बढ़ाया पर कर्मचारी संगठनों ने जताया असंतोष

उत्तर प्रदेश में सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियां लागू करने के लिए गठित वेतन समिति की रिपोर्ट के मुताबिक स्थायी मासिक भत्ता को पुनरीक्षित करने पर योगी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 08:52 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 08:49 AM (IST)
योगी सरकार ने कर्मचारियों का नियत यात्रा भत्ता 100% तक बढ़ाया पर कर्मचारी संगठनों ने जताया असंतोष
योगी सरकार ने कर्मचारियों का नियत यात्रा भत्ता 100% तक बढ़ाया पर कर्मचारी संगठनों ने जताया असंतोष

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य कर्मचारियों का स्थायी मासिक भत्ता यानी नियत यात्रा भत्ता 50 से सौ फीसद तक बढ़ा दिया है। सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियां प्रदेश में लागू करने के लिए गठित वेतन समिति की रिपोर्ट के मुताबिक इस भत्ते को पुनरीक्षित करने पर कैबिनेट ने मंगलवार को मुहर लगा दी।

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वेतन समिति 2016 के भत्तों एवं सुविधाओं संबंधी 7वें प्रतिवेदन की संस्तुतियों पर कैबिनेट ने नियत यात्रा भत्ते की एक नवंबर, 2012 से लागू दरों को संशोधित कर दिया है। मंगलवार को राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा ने कैबिनेट बैठक के बाद बताया कि इस निर्णय से विभिन्न राजकीय विभागों में कार्यरत डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारी लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि नियत यात्रा भत्ते की पुनरीक्षित दरें तत्काल प्रभाव से लागू होंगी। इस निर्णय से राज्य सरकार पर करीब 20 करोड़ रुपये अतिरिक्त वार्षिक व्ययभार आएगा।

हालांकि कर्मचारी संगठनों ने केवल एक भत्ता बढ़ाए जाने और इस बढ़ोतरी से भी कुछ खास असर न पड़ने का दावा करते हुए असंतोष जाया है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के एक गुट के महामंत्री अतुल मिश्र ने कहा कि सरकार ने परिवार नियोजन, कंप्यूटर और कैश हैंडलिंग भत्ते न केवल भविष्य के लिए बंद किए बल्कि उन कर्मचारियों का भी भुगतान रोक दिया, जिन्हें यह भत्ते पहले से मिल रहे थे।

परिषद महामंत्री ने कर्मचारियों के सभी संवर्गों को मिल रहे 90 से अधिक भत्तों में से केवल एक को पुनरीक्षित किए जाने पर भी सवाल उठाया है। परिषद के दूसरे गुट के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने भी तीन साल पहले की वेतन समिति की रिपोर्ट में अब केवल एक भत्ता बढ़ाने और समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक न किए जाने को गलत ठहराया है।

मौजूदा दरें :  पुनरीक्षित दरें (रुपये प्रतिमाह में)

100         :  200

200         :  300

300         :  450

400         :  600


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