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UP Budget 2020 : अब नहीं रहेगा बिजली संकट, अगले दो वर्षों में 3960 मेगावाट बढ़ेगा उत्पादन

UP Budget 2020 चौतरफा विकास में बिजली की अहमियत को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने चौथे बजट में भी ऊर्जा क्षेत्र की पूरी चिंता की है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 01:02 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 01:29 PM (IST)
UP Budget 2020 : अब नहीं रहेगा बिजली संकट, अगले दो वर्षों में 3960 मेगावाट बढ़ेगा उत्पादन
UP Budget 2020 : अब नहीं रहेगा बिजली संकट, अगले दो वर्षों में 3960 मेगावाट बढ़ेगा उत्पादन

लखनऊ [अजय जायसवाल]। चौतरफा विकास में बिजली की अहमियत को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने चौथे बजट में भी ऊर्जा क्षेत्र की पूरी चिंता की है। विकास को रफ्तार देने के साथ ही सूबे के हर घर में उजियारा बनाए रखने के लिए बजट में प्रतिबद्धता जताई गई है। शहरों से लेकर सुदूर मजरे के हर एक आशियाने में बल्ब की रोशनी के लिए बजट में सौभाग्य और पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनाओं का जिक्र करते हुए योगी सरकार ने भविष्य में भी पर्याप्त बिजली की उपलब्धता बनाए रखने का दावा किया है। बिजली आपूर्ति बेहतर करने के साथ ही बिजली चोरी पर अंकुश के लिए स्मार्ट मीटर लगाए जाने की भी बजट में व्यवस्था की गई है। 

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पूर्व की सपा व बसपा सरकार को खराब बिजली व्यवस्था के लिए घेरने वाली भाजपा पहले पंचायत और फिर विधानसभा चुनाव के लिए जनता के बीच जाने से पूर्व, प्रदेशवासियों को बिजली संकट से पूरी तरह निजात दिलाकर खुश बनाए रखना चाहती है। चूंकि बिजली ही विकास का आधार है और बिना बिजली अब कुछ भी संभव नहीं लगता है इसलिए मजरे तक के हर घर में बिजली से उजियारा फैलाने के लिए योगी सरकार ने पिछले तीन वर्षों के दौरान ऊर्जा क्षेत्र को कहीं ज्यादा तवज्जो दी है। दावा है कि 1,21,324 मजरे में बिजली पहुंचाने के साथ ही 1.24 करोड़ घरों में बिजली पहुंचाकर विद्युत क्षेत्र के पुराने मिथकों को तोड़ा गया है।

बिजली चोरी रोकने को लगेंगे स्मार्ट मीटर

बिजली चोरी पर अंकुश लगाने के लिए सभी कनेक्शन की मीटङ्क्षरग करने के साथ ही सरकार ने वर्ष 2022 तक 47 शहरों में 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा है। सरकार का मानना है कि मीटङ्क्षरग से पांच से सात फीसद बिलिंग क्षमता में इजाफा होगा।

यूं बढ़ रहा ऊर्जा क्षेत्र का बजट

अखिलेश सरकार के अंतिम बजट में ऊर्जा क्षेत्र के लिए 25764 करोड़ रुपये थे। अपने पहले बजट में 19347.71 करोड़ रखने वाली योगी सरकार ने दूसरे बजट में 29883.05 करोड़ रुपये बिजली की व्यवस्था सुधारने के लिए रखे थे। पिछली बार के 32849.32 करोड़ से कहीं अधिक अबकी 33754.48 करोड़ रुपये के चौथे बजट में 585 करोड़ रुपये नए मदों के लिए भी रखे गए हैं। इसमें उत्तर प्रदेश पावर सेक्टर इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट के तहत 300 करोड़ रुपये और अनपरा, हरदुआगंज व पारीछा बिजली परियोजनाओं के लिए 285 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

सौर ऊर्जा को भी तव्वजो

भविष्य में बिजली संकट न रहे इसके लिए कहा गया है कि दो वर्षों में 3960 मेगावाट तापीय बिजली का उत्पादन सूबे में बढ़ जाएगा। तीन हजार मेगावाट की उपलब्धता और बढ़ने का भी दावा किया गया है। बजट में निजी क्षेत्र के जरिए 10700 मेगावाट की सौर विद्युत परियोजनाएं लगाने का लक्ष्य भी रखा गया है। बुंदेलखंड में चार हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए ग्रीन इनर्जी कॉरीडोर बनाने का भी निर्णय किया गया है। निजी आवासों पर ग्रिड संयोजित रूफटॉप सोलर पावर प्लांट के लिए 30 हजार रुपये प्रति उपभोक्ता तक अनुदान की व्यवस्था भी रखी गई है।

दावा रिकार्ड बिजली आपूर्ति का

सरकार ने बजट में दावा किया है कि उसने पिछले दो वर्षों में 2.80 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं को रिकार्ड बिजली आपूर्ति की है। शहरों व गांवों को मांग के अनुरूप लगभग 22922 मेगावाट बिजली दी जा रही है।


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