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UP Assembly Winter session : बिजनौर कोर्ट में हत्या के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष का जोरदार हंगामा

UP Assembly Winter session विपक्ष ने बिजनौर कोर्ट में हत्या व लोनी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर के साथ पुलिस उत्पीड़न के मुद्दे को उठाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 11:42 AM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 04:41 PM (IST)
UP Assembly Winter session : बिजनौर कोर्ट में हत्या के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष का जोरदार हंगामा
UP Assembly Winter session : बिजनौर कोर्ट में हत्या के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष का जोरदार हंगामा

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में कनून व्यवस्था, महिलाओं के खिलाफ अपराध और नागरिकता संशोधन कानून पर सत्ता पक्ष को विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष ने घेरते हुए जोरदार हंगामा किया। विधनमंडल के दोनों सदनों कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के सदस्यों खासकर सपा और कांग्रेस ने प्रदेश में कानून व्यवस्था का मुद्दा खासकर बिजनौर कोर्ट में हत्या का मामला उठाया। हंगामा बढ़ा तो विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही करीब एक घंटे के लिए स्थगित कर दी। विधान परिषद में भी कार्यवाही बाधित रही।

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बुधवार को सुबह 11 बजे विधानसभा मंडप में जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई सपा, बसपा और कांग्रेस के सदस्यों ने खड़े होकर हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस सदस्य काली पट्टी व स्लोगन लिखकर सदन में पहुंचे और प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था का विरोध किया। सपा और कांग्रेस ने बिजनौर हत्याकांड का सवाल उठाया और बहस की मांग करने लगे। काफी संख्या में सदस्य वेल में पहुंच गए और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर चर्चा की मांग विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित से करने लगे। इस मांग को स्पीकर ने खारिज कर दिया तो सपा और कांग्रेस के सदस्यों ने कानून व्यवस्था को लेकर हंगामा करने लगे।

मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने हंगामा कर रहे सदस्यों को खूब समझाने की कोशिश की, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। सपा नेता राम गोविंद चौधरी ने कहा कि जब न्यायालय ही सुरक्षित नहीं तो न्याय कहां मिलेगा। उन्नाव में जैसी घटना हुई। उससे पता चलता है कि कानून खत्म हो गया है। जब भाजपा के लोग ही दुष्कर्म और हत्या की वारदात में शामिल हैं तो क्या होगा। देश में पर्यटक नहीं आ रहे हैं, क्योंकि माहौल बन गया है कि यूपी में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। सरकार पंगु हो गई है। 

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विपक्ष के हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित को सदन की कार्यवाही को पहले साढ़े ग्यारह बजे तक और फिर करीब बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद उन्होंने सभी दलों के नेताओं को अपने कक्ष में बुलाया और चर्चा की। तब जाकर प्रश्नकाल शुरू हो सका। इसके बाद निधन के निर्देश जारी किये गए।

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भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने व्यक्त किया खेद

गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने विधनसभा में मंगलवार की घटना को लेकर खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मेरी मंशा किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था। मैं सिर्फ अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों के उत्पीड़न के मुद्दे को उठाना चाह रहा था, लेकिन मुझे मौका नहीं मिला। उम्मीद है कि मुझे न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि अधिकारी जानबूझकर जनप्रतिनिधियों का उत्पीड़न कर रहे हैं। ये अधिकारी पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। हमने कभी एक रुपया कमीशन नहीं लिया, लेकिन हमारे यहां अफसर 18 से 22 प्रतिशत कमीशन ले रहे हैं। यहां तक कि विधायक निधि में भी कमीशन की मांग की जाती है। विधायक ने कहा कि एक अफसर कह रहे थे कि अधिकारी कहते हैं कि बीजेपी सरकार में चार प्रतिशत कमीशन कम लिया जाता है।

अधिकारियों और उनकी पत्नियों की संपत्तियों की जांच हो

भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि अधिकारियों और उनकी पत्नियों की संपत्तियों की जांच कराई जाए तो सच सामने आ जाएगा। इसके साथ ही अधिकारियों की पत्नियों के एनजीओ की भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे अपराधी बताया गया, जिससे मुझे दुख हुआ है। मुझे न्याय की उम्मीद है। मैंने कभी किसी अधिकारी से कोई काम नहीं कहा है। जो बेईमानी की पुरानी परंपरा चली आ रही है, उस पर जांच कराकर कार्रवाई की जाए।

भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर का यह है मामला...

बता दें कि मंगलवार को पहली बार सत्ता पक्ष के विधायकों के कारण विधानसभा सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। पुलिस उत्पीड़न पर अपनी बात कहना चाह रहे गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से विधायक नंद किशोर गुर्जर के समर्थन में उनकी पार्टी के विधायक तो आए ही, विपक्ष भी साथ खड़ा हो गया। अंतत: विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। सदन स्थगित होने के बावजूद भाजपा व विपक्ष के करीब 200 विधायक सदन में ही डटे रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना और उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से इस मामले के बारे में जानकारी ली। उन्होंने भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर की समस्या को सुना और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

पहले दिन भी खूब हुआ हंगामा

विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन भी नागरिकता संशोधन कानून और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय व लखनऊ के नदवा कालेज में पुलिस के लाठीचार्ज को लेकर दोनों सदनों में खूब हंगामा हुआ। सपा और कांग्रेस के सदस्यों ने वेल में नारेबाजी की और सरकार विरोधी नारे लिखे हुए पोस्टर लहराए। बसपा सदस्य वेल में नहीं पहुंचे, लेकिन उन्होंने अपनी सीटों पर खड़े होकर विरोध प्रदर्शन किया। विधानसभा व विधान परिषद में हंगामे के चलते प्रश्नकाल भी नहीं हो सका। सदन की कार्यवाही आरंभ होने से पूर्व सपा विधायकों ने विधानभवन परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरना दिया।


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