UP Assembly By-Election Result 2019 : प्रियंका वाड्रा के दांव फेल, कांग्रेस फिर चित
11 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने अपना फार्मूला चलाया। मनमाफिक प्रत्याशी उतारे लेकिन कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल सका।
लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। आईने से मुंह चुराने की कोशिश कर रही कांग्रेस की कड़वी हकीकत है कि वह विफलता के गड्ढे से जरा भी बाहर नहीं निकल सकी है। 11 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने अपना फार्मूला चलाया। मनमाफिक प्रत्याशी उतारे लेकिन, कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल सका। पार्टी न सिर्फ शून्य पर ठिठकी रही, बल्कि दूसरे स्थान पर रहने की 2017 जैसी स्थिति भी न बचा सकी।
सूबे में सत्ता वापसी की चाह में कांग्रेस की कमान बतौर प्रभारी, राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने संभाल ली है। वही एकमात्र उम्मीद भी मानी जा रही हैं, लेकिन फिलहाल उपचुनाव के पहले इम्तिहान में तो वह असफल ही साबित हुई हैं। दरअसल, उपचुनाव में प्रियंका ने युवाओं को आगे बढ़ाने का फार्मूला लागू किया। अनुभवी कांग्रेसियों को किनारे कर अधिकांश टिकट उन्हें थमाए, जिनकी उम्र चालीस या उससे भी कम है। नतीजनत, पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव की तरह कोई भी सीट नहीं जीत सकी। यह नतीजे भी तब आए, जिस वक्त प्रियंका रायबरेली में आगामी रणनीति को लेकर प्रदेश के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दे रही थीं, चुनावी जीत के दांव सिखा रही थीं।
बढ़े मत फीसद के 'ऑक्सीजन मास्क' पर नजर
इस करारी हार से फिर वेंटिलेंटर पर जा पड़ी कांग्रेस बढ़े मतदान फीसद के 'ऑक्सीजन मास्क' को संघर्ष का सहारा बनाना चाहती है। पार्टी का दावा है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 6.25 फीसद वोट मिला था, जो इस उपचुनाव में बढ़कर 12.80 फीसद हो गया है। इसे सफलता मान रही कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव के परिणामों से नजरें चुरा रही है। दरअसल, 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सपा से हाथ मिलाया था। इन 11 में से छह सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी मैदान में उतरे थे।