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Rajasthan Politics: केंद्रीय मंत्री बोले-मुख्यमंत्री गहलोत ही स्क्रिप्ट के डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और एक्टर

Rajasthan Politics जोधपुर से सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान में चल रहे घटनाक्रम को सुनियोजित रूप से लिखी स्क्रिप्ट बताया।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 05:21 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 05:21 PM (IST)
Rajasthan Politics: केंद्रीय मंत्री बोले-मुख्यमंत्री गहलोत ही स्क्रिप्ट के डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और एक्टर
Rajasthan Politics: केंद्रीय मंत्री बोले-मुख्यमंत्री गहलोत ही स्क्रिप्ट के डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और एक्टर

रंजन दवे, जोधपुर। जोधपुर से सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान में चल रहे घटनाक्रम को सुनियोजित रूप से लिखी स्क्रिप्ट बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस स्क्रिप्ट के डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, एक्टर और सबकुछ हैं। स्वयं का नाम पूरे घटनाक्रम में घसीटने पर शेखावत ने कहा कि ये प्रतिष्ठा को कम करने या नुकसान पहुंचाने के षड्यंत्र के अतिरिक्त और क्या है?

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शेखावत ने कहा कि जिस दिन पहली बार सचिन पायलट घर छोड़कर बाहर निकले थे, उस दिन कांग्रेसी नेताओं ने कहा था कि ये हमारे घर का मसला है। हम मिलकर सुलझा लेंगे। वहां से गद्दार, नकारा और निकम्मा तक होते हुए वापस हमारे घर का मुद्दा है। हमने बैठकर सुलझा लिया है। इस सारे रास्ते में भाजपा की आलोचना, हमारे केंद्रीय नेतृत्व और केंद्र सरकार को टारगेट करना, मुझे लगता है कि ये सारी स्क्रिप्ट सुनियोजित रूप से लिखी गई। उन्होंने कहा कि अब मेरे और लाखों राजस्थान के लोगों के मन में कहीं न कहीं ये प्रश्न होगा कि ये स्क्रिप्ट जिस उद्देश्य से लिखी गई थी, मुख्यमंत्री उसमें सफल हुए या विफल हुए, ये प्रश्नचिह्न हमेशा रहेगा। आने वाले समय इसका जवाब निश्चित रूप से देने वाला है।

पुत्र की हार की खिसियाहट

शेखावत ने कहा कि जोधपुर की जनता ने जिस तरह से उनको लगभग पौने तीन लाख वोटों से नकार दिया। मुझे लगता है कि उसके खीझ और खिसियाहट अब बाहर आ रही है। शेखावत ने कहा कि एक तीर से कई निशाने लगाने की मुख्यमंत्री की पुरानी फितरत है। राजस्थान में कांग्रेस का इतिहास उठाकर देख लीजिएगा। बहुत सारे ऐसे शिकार मिलेंगे। एक तीर चलाया और कई शिकार हुए होंगे। ये राजनीतिक जादू और कौशल निश्चित रूप से मुख्यमंत्री के पास है। इस बार भी उन्होंने एक तीर से कई निशाने लगाने की कोशिश की थी। विरोधियों को पार्टी से हमेशा के लिए बाहर करना, भाजपा को बदनाम करना, पुत्र की हार का बदला लेना, इन सब चीजों में वो कितने सफल हो पाए, ये भविष्य में वो भी जान जाएंगे और देश की जनता तो देख रही है।

अब फोन टैप का मालिक बनने को कोई तैयार नहीं

शेखावत ने कहा कि ये घर की लड़ाई थी। अब तो यह पूरी तरह स्पष्ट है कि मैं उनमें कहां सम्मलित था। एक ऑडियो टैप की सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी होती है। मीडिया कहता है कि ये टैप उन्हें मुख्यमंत्री के ओएसडी ने दिया। राजस्थान कांग्रेस पार्टी के मुख्य सचेतक जाकर एसओजी में राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज कराते हैं। पंद्रह दिन बाद फिर एक किसी सज्जन, जिन्हें मैं जानता नहीं हूं, की गिरफ्तारी होती है। पंद्रह दिन बाद एसओजी कहती है कि धाराएं हमने गलत लगा दी हैं। दो दिन बाद कोर्ट में जाकर उस मुकदमे को भी वापस ले लेते हैं। कुल मिलाकर ये किसी की प्रतिष्ठा को कम करने या नुकसान पहुंचाने के षड्यंत्र के अतिरिक्त और क्या है। मुख्यमंत्री कहते हैं कि टैप अगर झूठा होगा तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। उसके बाद वो टैप कहां से आया, आज तक कोई उसको प्रमाणित करने को तैयार नहीं है। कोई उस टैप का मालिक बनने को तैयार नहीं है।गहलोत से पूछा,अब यू-टर्न क्यों?

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने पूछा कि अगर इतना सब कुछ हुआ था तो यू-टर्न क्यों? 124ए में राष्ट्रद्रोह में मुकदमा दर्ज किया, कल्पना कीजिए किसी चुने हुए जनप्रतिनिधि, जो भारत सरकार में जिम्मेदारी के पद पर बैठा हो, उस पर आप राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज कराएं और पंद्रह दिन बाद आपकी एजेंसी कोर्ट में कह दे कि ये धारा बनती नहीं। एक आदमी को गिरफ्तार कर लें, उसको एक महीने तक गिरफ्तार रखें और उसके बाद कह दें की ये धारा बनती नहीं हैं। मुझे लगता है कि अपनी एजेंसियों का दुरुपयोग और न्यायपालिका का मजाक बनाने की इससे अच्छी टैक्स्ट बुक स्टडी कोई नहीं हो सकती है।


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