Move to Jagran APP

Triple Talaq Bill : पीड़िताओं ने कहा- PM मोदी ने निभाया वादा, उलमा बोले- यह शरीयत पर हमला

आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्ष निदा खान ने कहा कि सरकार ने मुस्लिम औरतों की सुरक्षा और सम्मान के लिए तीन तलाक बिल लाकर अपना वादा निभाया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 25 Jul 2019 10:59 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jul 2019 07:38 AM (IST)
Triple Talaq Bill : पीड़िताओं ने कहा- PM मोदी ने निभाया वादा, उलमा बोले- यह शरीयत पर हमला
Triple Talaq Bill : पीड़िताओं ने कहा- PM मोदी ने निभाया वादा, उलमा बोले- यह शरीयत पर हमला

जेएनएन, लखनऊ। लोकसभा में विरोध और लंबी बहस के बाद तीन तलाक विधेयक एक फिर से पास हो गया। इस बिल के पास होने पर तलाक पीड़िताओं ने खुशी का इजहार किया है, तो वहीं उलमा और  मुस्लिम धर्म गुरुओं ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे शरीयत विरोधी साजिश ठहरा रहे हैं। दारुल उलूम समेत दीगर उलमा ने एतराज जताते हुए इसे शरीयत में दखलंदाजी करार दिया है।

loksabha election banner

तीन तलाक के खिलाफ बरेली से बड़ी आवाज उठाने वाली आला हजरत खानदान की बहू रहीं निदा खान ने अपने तलाक को लेकर इसके विरुद्ध मुखर हुईं। पीड़िताओं को एकजुट कर मोर्चा खोला। आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्ष निदा खान ने कहा कि सरकार ने मुस्लिम औरतों की सुरक्षा और सम्मान के लिए तीन तलाक बिल लाकर अपना वादा निभाया है। मुस्लिम महिलाओं ने इसी उम्मीद से उन्हें वोट दिया था। बिल से उलमा को भी चेताया है कि वह अब महिलाओं का शोषण-उत्पीड़न नहीं कर सकेंगे। कानून सबसे ऊपर है। उन्हें इसे मानना होगा। पीड़िताओं की ओर से प्रधानमंत्री का धन्यवाद। मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी ने कहा कि सरकार ने यह साबित किया है कि वह तीन तलाक पर रोक के लिए प्रतिबद्ध है। इस लड़ाई के लिए संघर्ष करने वाली महिलाओं को न्याय मिला है। उम्मीद है कि अबकी राज्यसभा में भी यह बिल पास होगा और कानून बनेगा। ताकि महिलाएं सम्मान से जीवन जी सकें।

हिंदू मैरिज एक्ट की तरह बने मुस्लिम मैरिज एक्ट

ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर का कहना है कि अच्छी की बात कि सरकार तीन तलाक पर कानून बनाने जा रही है। यह महिलाओं के हित के लिए है। मेरा मानना है कि जिस तरह हिंदू मैरिज एक्ट बना है, उसी तरह मुस्लिम मैरिज एक्ट बनना चाहिए। सभी के समर्थन से कानून बनना चाहिए, कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। तीन तलाक देने वाले लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। बज्म-ए-ख्वातीन की अध्यक्ष शहनाज शिदरत ने कहा कि यह अच्छी खबर है कि सरकार महिलाओं के प्रति संवेदनशील है। इस कानून से महिलाओं को शक्ति मिलेगी। इस कानून में तलाक देने वाले शौहर पर बीवी व बच्चों की जिम्मेदारी भी देनी चाहिए। ऐसा देखा गया है कि तलाक के बाद महिला व बच्चा आर्थिक तंगी झेलने पर मजबूर हो जाते हैं।

तलाक के बिल से पारिवारिक विवाद बढ़ेंगे 

सचिव तंजीम उलमा-ए-इस्लाम मौलाना शहाबुद्दीन रजवी का कहना है कि तलाक के बिल से पारिवारिक विवाद बढ़ेंगे। कानून और शरीयत में टकराव की स्थिति पैदा होगी। दूसरा, उलमा के सामने भी समस्या खड़ी होगी। तलाक के मसलों में वह फतवा कैसे देंगे। राष्ट्रीय सुन्नी उलमा कौंसिल के अध्यक्ष मौलाना इंतेजार हुसैन कादरी ने कहा कि सरकार ने चंद औरतों के जरिये मुस्लिम महिलाओं की हमदर्दी पाने के लिए तलाक बिल की चाल चली है। यह शरीयत पर हमला है, जो ठीक नहीं है। वह सरकार में हैं, कुछ भी कर सकते हैं लेकिन आज भी 99 प्रतिशत महिलाएं शरीयत के मुताबिक ही जिंदगी गुजारना चाहती हैं और गुजारेंगी। 

तीन तलाक बिल शरीयत में दखलंदाजी : नौमानी

दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि तीन तलाक पर किसी भी तरह का कानून शरीयत में दखलंदाजी है। मजहबी मामलों में हस्तक्षेप करने के बजाए यह मसला सरकार को उलमा पर छोड़ देना चाहिए। नौमानी ने कहा कि हिंदुस्तान में संविधान के मुताबिक सभी मजहब के लोगों को अपने हिसाब से जीवन गुजारने का अधिकार है। इसके बावजूद इस तरह की दखलंदाजी सरासर गलत है। दारुल उलूम वक्फ के शेखुल हदीस एवं तंजीम उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अहमद खिजर शाह मसूदी ने कहा कि शरीयत के खिलाफ कोई भी बिल मंजूर नहीं है। फतवा आनलाइन के प्रभारी मुफ्ती अरश फारुकी ने कहा कि यह शरीयत में हस्तक्षेप है। इस मसले पर सरकार को उलमा की राय लेनी चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.