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Bengal Elections: दागी नेताओं को बेटिकट करने की तैयारी में तृणमूल कांग्रेस

Bengal Elections ऐसे नेता जो सिंडिकेट और कट मनी लेने जैसे अवैध कामों में लिप्त व आरोपों में घिरे हैं उन्हें आगामी नावों में टिकट से बेटिकट किया जा सकता है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 19 Mar 2020 05:11 PM (IST)Updated: Fri, 20 Mar 2020 12:50 PM (IST)
Bengal Elections: दागी नेताओं को बेटिकट करने की तैयारी में तृणमूल कांग्रेस
Bengal Elections: दागी नेताओं को बेटिकट करने की तैयारी में तृणमूल कांग्रेस

राजीव कुमार झा, कोलकाता। Bengal Elections: बंगाल में भाजपा से मिल रही जबर्दस्त चुनौती से पार पाने के लिए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) जनता का विश्वास जीतने के लिए अब अपनी पार्टी के दागी नेताओं से पिंड छुड़ाने की तैयारी में है। ऐसे नेता जो सिंडिकेट और कट मनी लेने जैसे अवैध कामों में लिप्त व आरोपों में घिरे हैं, उन्हें आगामी नगर निकाय व अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में टिकट से बेदखल करने की योजना है। इसके पीछे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) की रणनीति है।

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पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि आगामी चुनावों में साफ-सुथरी छवि वाले उम्मीदवारों को ही टिकट दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे नेता जिनके चलते पार्टी की छवि धूमिल हो रही है उन्हें किनारे लगाकर समाज में अच्छी छवि रखने वाले पार्टी के जमीनी नेताओं को तरजीह दी जाएगी। दरअसल, भाजपा सहित अन्य विपक्षी दल हमेशा तृणमूल नेताओं पर सिंडिकेट चलाने व कट मनी (कमीशन) लेने जैसे गंभीर आरोप लगाती रही है। पीएम मोदी व गृहमंत्री अमित शाह भी अपनी रैली के दौरान यह मुद्दा उठाते रहे हैं।

दूसरी ओर, पिछले साल लोकसभा चुनाव में बंगाल में तृणमूल को भाजपा से मिली करारी हार के बाद पार्टी ने जनता की नब्ज टटोलने के लिए जुलाई में 'दीदी के बोलो' अभियान शुरू किया था। प्रशांत किशोर की सलाह पर शुरू इस संपर्क अभियान के तहत एक हेल्पलाइन नंबर और एक वेबसाइट शुरू की थी। दीदी के बोलो को पहले महीने में ही जबर्दस्त समर्थन प्राप्त हुआ था और 10 लाख से अधिक लोगों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराई थी। अभी भी इस अभियान में रोजाना हजारों की संख्या में राज्यभर से लोग फोन करके विभिन्न प्रकार की शिकायतें दर्ज कराते हैं। इनमें ग्राम पंचायत से लेकर नगर निगमों व पालिकाओं के पार्षद से लेकर विधायकों व अन्य नेताओं के क्रियाकलाप व सरकारी योजनाओं के लाभ दिलाने के एवज में लिए गए कमीशन (कट मनी) व उनके द्वारा चलाए जा रहे सिंडिकेट आदि के बारे में लोग शिकायत करते हैं।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, इन्हीं शिकायतों के आधार पर ऐसे दागी नेताओं का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर इसके सत्यापन के बाद उन्हें किनारे लगाने की तैयारी है। बड़ी संख्या में ऐसे नेताओं की लिस्ट तैयार भी हो चुकी है। प्रशांत किशोर की अगुवाई में चुनावी रणनीति के काम में जुटी टीम इस काम को अंजाम दे रही है। सूत्रों ने दावा किया कि कोलकाता नगर निगम सहित बंगाल के 111 नगरपालिकाओं के लिए अगले एक-दो माह में होने वाले चुनाव में इसकी साफ झलक दिखेगी। किसी सूरत में दागी नेताओं को टिकट नहीं दिया जाएगा। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि ऐसी दागी नेताओं के चलते उनकी सरकार की ओर से किए जा रहे विकास कार्यों व विभिन्न योजनाओं की अच्छाई भी प्रभावित होती है। इसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ता है। क्योंकि इन नेताओं का कृत्य विकास कार्यों पर भारी पड़ जाता है। साथ ही, जनता में एक गलत संदेश जाता है। इसी को देखते हुए पार्टी अब यह सख्त कदम उठाने जा रही है।

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