Video: टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने दुर्गा अष्टमी पर की पूजा, डांस किया और बजाया ढांक
West Bengal टीएमसी सांसद और बांग्ला फिल्मों की अभिनेत्री नुसरत जहां ने दुर्गा अष्टमी के मौके पर शनिवार को कोलकाता के सुरुचि संघ के पंडाल में पहुंचकर मां दुर्गा का आशीर्वाद लिया। इस दौरान पंडाल में नुसरत जहां ने मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद और बांग्ला फिल्मों की अभिनेत्री नुसरत जहां ने दुर्गा अष्टमी के मौके पर शनिवार को कोलकाता के सुरुचि संघ के पंडाल में पहुंचकर मां दुर्गा का आशीर्वाद लिया। इस दौरान पंडाल में नुसरत जहां ने मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की। साथ ही, उन्होंने मां दुर्गा की आरती भी उतारी। इसके बाद नुसरत ने पंडाल में हो रहे दुर्गा पूजा के परंपरागत डांस में हिस्सा लिया। इसके बाद वह ढाक बजाती भी नजर आई। गौरतलब है कि इससे पहले पिछले साल भी नुसरत जहां ने दुर्गा पूजा में हिस्सा लिया था। इस दौरान नुसरत जहां ने अपना एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें नुसरत जहां शादी के बाद मां दुर्गा के मंदिर में बंगाली स्टाइल में डांस करते हुए नजर आ रही थी।
#WATCH Kolkata: Trinamool Congress (TMC) MP Nusrat Jahan dances as well as plays the 'dhak' at Suruchi Sangha on Durga Ashtami today. https://t.co/NjDsqmc0KF" rel="nofollow pic.twitter.com/7UqYWQ2EL9
— ANI (@ANI) October 24, 2020
नुसरत जहां हिंदुओं के सभी पूजा त्योहारों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं। इसको लेकर वह हमेशा मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर भी रहती है। नुसरत जहां को अक्सर सोशल मीडिया के जरिए धमकियां भी मिलती रही है। हालांकि वह इसकी परवाह नहीं करतीं। पिछले दिनों नुसरत ने मां दुर्गा के अवतार में एक फोटो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था जिसको लेकर उन्हें ट्रोल किया गया था। नुसरत 2019 में बंगाल के बसीरहाट सीट से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुनी गई थीं।
गौरतलब है कि गत दिनों हिंदू देवी की पूजा को लेकर तृणमूल कांग्रेस की सांसद व अभिनेत्री नुसरत जहां के समर्थन कुछ संगठन उतर आए थे। उनका कहना है कि जब हिंदू मजार में पूजा कर सकते हैं, तो नुसरत जहां हिंदू देवी की पूजा क्यों नहीं कर सकती।नुसरत ने देवी दुर्गा के रूप में एक वीडियो पोस्ट किया, जिसको लेकर उनके खिलाफ फतवा जारी हो गया। एक संगठन का कहना है कि क्या यह नुसरत जहां के मानवाधिकार का हनन नहीं है। संगठन ने इसके लिए डिजिटल हस्ताक्षर अभियान चलाया था।