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हरियाणा कांग्रेस प्रभारी के लिए दौड़ में गुलाम नबी सहित तीन नेता

हरियाणा कांग्रेस का नया प्रभारी जल्‍द नियुक्‍त किए जाने की संभावना है। नए प्रभारी के तौर पर गुलाम नबी आजाद, सुशील कुमार शिंदे आैर पृथ्‍वीराज चौहान के नाम चर्चा में हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 09:11 AM (IST)Updated: Thu, 24 May 2018 08:48 PM (IST)
हरियाणा कांग्रेस प्रभारी के लिए दौड़ में गुलाम नबी सहित तीन नेता
हरियाणा कांग्रेस प्रभारी के लिए दौड़ में गुलाम नबी सहित तीन नेता

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हिमाचल और बिहार कांग्रेस के प्रभारियों की नियुक्तियों के साथ ही हरियाणा में भी हलचल तेज हो गई है। कमलनाथ के मध्यप्रदेश कांग्रsस का अध्यक्ष बनने के बाद से हरियाणा कांग्रsस को नए प्रभारी की दरकार है। अपनी पसंद का प्रभारी नियुक्त कराने के लिए हुड्डा और तंवर खेमों ने लामबंदी बढ़ा दी है। नए प्रभारी पद के लिए गुलाम नबी आजाद, पृथ्वी राज चव्हाण और सुशील कुमार शिंदे के नाम आगे चल रहे हैं।

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हिमाचल और बिहार में नियुक्तियों के साथ ही हरियाणा कांग्रेस में भी हलचल

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी विभिन्न राज्यों में जिस तरह से नई नियुक्तियां कर रहे हैैं, उन्हें देखकर लग रहा कि हरियाणा कांग्रेस का नया प्रभारी गैर विवादित और अनुभवी चेहरा होगा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिहार के प्रभारी पद पर वीरेंद्र सिंह राठौर की नियुक्ति कर हरियाणा को महत्व दिया है। 

राहुल गांधी की टीम से हरियाणा के वीरेंद्र राठौर को बिहार में मिली अहम जिम्मेदारी

मूल रूप से करनाल जिले के रहने वाले राठौर घरौंडा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में उन्हें सचिव बनाकर दोहरी जिम्मेदारी सौंपी गई है। राठौर को बिहार का प्रभार मिलने से राहुल गांधी की टीम में लंबे समय से काम कर रहे पार्टी वर्करों का हौसला बढ़ा है।

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कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने हिमाचल के प्रभारी पद पर रजनी पाटिल की नियुक्ति कर और सुशील कुमार शिंदे को हटाकर हरियाणा को भी संदेश दिया है। शिंदे हरियाणा कांग्रेस की गुटबाजी से भली भांति परिचित हैैं। चर्चा है कि शिंदे को हरियाणा कांग्रेस का प्रभार दिया जा सकता है। हालांकि शिंदे इसके लिए राजी दिखाई नहीं दे रहे।

कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी की दिल्ली रैली में जब हुड्डा और तंवर समर्थकों के बीच मारपीट हुई थी, तब उसकी जांच शिंदे को सौंपी गई थी। शिंदे की यह जांच रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हो पाई है। उन्हें यदि हरियाणा का प्रभार नहीं दिया जाता तो सबसे मजबूत नाम गुलाम नबी आजाद का है। उनके बाद पृथ्वी राज चव्हाण का नाम तेजी से उभर रहा है।

नए प्रभारी के लिए की जा रही हाईकमान में लॉबिंग

हरियाणा कांग्रेस के नए प्रभारी के लिए हाईकमान में जबरदस्त लाबिंग की जा रही है। राहुल गांधी की दिल्ली रैली के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर, किरण चौधरी, कैप्टन अजय सिंह यादव और कुलदीप बिश्नोई राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात कर चुके हैैं। रणदीप सुरजेवाला तो रहते ही राहुल गांधी के साथ हैैं। कांग्रेस हाईकमान ने कर्नाटक में राजनीतिक सरगर्मियां ख्रत्म होने के बाद हरियाणा की तरफ ध्यान देने का संकेत दिया है।

नए प्रभारी की नियुक्ति के साथ ही तेज होगी अध्यक्ष पद की कवायद

हरियाणा कांग्र्रेस का नया प्रभारी नियुक्त होने के साथ ही नए प्रदेश अध्यक्ष की कवायद भी तेज हो जाएगी। दरअसल, राज्य कांग्रेस में प्रभारी को लेकर किसी तरह के विवाद की स्थिति नहीं है, लेकिन अध्यक्ष हर कोई दिग्गज बनना चाहता है। प्रत्येक कांग्र्रेस दिग्गज को लगता है कि अध्यक्ष पद की कुर्सी से ही मुख्यमंत्री तक पहुंचने का रास्ता तय होगा। लिहाजा नए प्रभारी की नियुक्ति के बाद अध्यक्ष पद की लड़ाई भी तेज हो सकती है।

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