Jammu Kashmir: राजनाथ सिंह ने आज BRO द्वारा बनाए गए 6 नए पुलों का ई-उद्घाटन किया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जम्मू में सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा बनाए गए 6 नए पुलों का उद्घाटन किया। ये 6 पुल लगभग 43 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए हैं।
कठुआ, राकेश शर्मा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज वीरवार को जम्मू संभाग के जिला कठुआ में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित 6 नए पुलों का ई-उद्घाटन किया। 43 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इन पुलों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे यह कहते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि इन पुलों का निर्माण दुश्मनों द्वारा निरंतर सीमा पर गोलीबारी के बावजूद समय पर पूरा किया गया। ये पुल सीमा से सटे ग्रामीण इलाकों के विकास में तेजी तो लाएंगी ही, सरहद की रक्षा कर रहे हमारे जवानों को भी इनका लाभ मिलेगा। सीमा पर तैनात जवानों को अपने रसद, आवश्यक सामान पहुंचाने में यह पुल मददगार साबित होंगे।
रक्षा मंत्री ने कहा, "मैं बीआरओ के सभी रैंकों को रिकॉर्ड समय में इन पुलों को पूरा करने के लिए बधाई देता हूं। ये परियोजनाएं सीमा के करीब रहने वालों के लिए जीवन रेखा साबित होंगी।" सिंह ने यह भी कहा कि सरकार सभी बीआरओ परियोजनाओं की प्रगति की नियमित निगरानी कर रही है और उनके समय पर निष्पादन के लिए पर्याप्त धन दिया जा रहा है।
रक्षामंत्री ने आज जिन 6 पुल पुलों का ई-उद्घाटन किया वे लगभग 43 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए हैं।रक्षामंत्री ने कठुआ जिला के हीरानगर सीमांत क्षेत्र में तरनाह नाले पर बने 160 मीटर लंबे पुल का सबसे पहले उद्घाटन किया।दस करोड़ की लागत से तैयार इस पर ही मुख्य समारोह का आयोजन किया गया था। समारोह में जम्मू-पुंछ संसदीय क्षेत्र के सांसद जुगल किशोर शर्मा, डिवीजनल कमिश्नर संजीव वर्मा, कठुआ के डीसी ओपी भगत, बीएसएफ के आइजी एनएस जम्वाल, बीआरओ के वरिष्ठ अधिकारी सहित भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता एवं कुछ प्रमुख नागरिक मौजूद रहे। इस पुल बाद रक्षामंत्री ने तरनाह नाले के साथ ही बोबिया से लोंडी के बीच बहने वाले नाले पर 16 करोड़ की लागत से बनाए गए 300 मीटर लंबे पुल का भी ई-उद्घाटन किया।इन दोनों पुलों के बनने से हीरानगर सीमांत इलाकों में खुशी की लहर है। स्थानीय लोग इन पुलों के निर्माण के लिए पिछले छह दशकों से मांग कर रहे थे।
समारोह में मौजूद स्थानीय लोगों ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा कि केंद्र में मोदी सरकार के आते ही इन पुलों के निर्माण को हरी झंडी मिली। दो साल में ये पुल बनकर लोगों को समर्पित कर दिए गए।इससे पहले ओल्ड सांबा कठुआ रोड पर बने तरनाह पुल के अलावा एक साल में दो और पुलों का निर्माण पूरा हुआ। जिनमें एक बई नाले और उज्ज दरिया पर एक किलोमीटर लंबा पचास करोड़ की लागत से बना है।वहीं सांबा के बसंतर पर भी 617 मीटर लंबा पुल 41 करोड़ की लागत से बनाया गया। इन सभी पुलों के निर्माण से अब सीमांत क्षेत्र के लोगों को एक बेहतर सड़क नेटवर्क है। इसके अलावा इन पुलों के बनने से कठुआ-सांबा के बीच 40 किलोमीटर लंबा वैकल्पिक मार्ग भी बन गया है। अहम बात यह है कि जिला कठुआ, सांबा के सीमांत क्षेत्र सीधा पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर और अमृतसर से जुड़ गए हैं।ये सभी मार्ग टोल प्लाजा से मुक्त होंगे।
वहीं समारोह के दौरान बीआरओ के अधिकारियों ने बताया कि कठुआ-सांबा से लेकर अखनूर सीमांत इलाकों में 17 और पुलों का निर्माण चल रहा है। जिनमें 16 पुल इसी साल तैयार कर लिए जाएंगे।इन पुलों के निर्माण से सीमांत इलाकों में बेहतर सुविधाओं के साथ-साथ सार्मिक दृष्टि से अहम साबित होंगे। आजादी के बाद यह पहला मौका है जब सीमांत क्षेत्र के लोगों को बेहतर सड़क नेटवर्क मिला है। इससे लोगों का हाइवे व कई शहरों से सीधा संपर्क तो हुआ ही है, घंटों का सफर भी अब मिनटों में हो गया है।
इसी के साथ ही तीन अन्य छोटे पुलों का लोकार्पण भी हुआ। सीमांत क्षेत्र के सौ गांवों के लोगों की तकदीर बदलने वाले पुल को बरसात शुरू होने से पहले आवाजाही के लिए खोल दिया। कोरोना संकट के दौरान जिला कठुआ के हीरानगर सीमांत क्षेत्र के लोगों के लिए यह केंद्र सरकार का सबसे बड़ा तोहफा है। इस पुल के बनने से भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे क्षेत्र में उन 35 गांवों के लोगों के लिए नया युग लेकर आया है, जो आए दिन पाकिस्तान की गोलीबारी का दंश झेल रहे हैं। अब किसी भी आपात स्थिति में चंद मिनटों में वह सुरक्षित स्थानों पर पहुंच सकेंगे।
केंद्र सरकार खासकर क्षेत्र के सांसद डॉ. जितेंद्र सिंह के प्रयास से सीमांत क्षेत्र में गोलीबारी की सीधी मार से बचने के लिए बंकरों का निर्माण भी जारी है। इससे भी लोगों को काफी सुरक्षा मिलने लगी है। वहीं, अब बेहतर सड़क सुविधा मिलने से लोगों का जीवन स्तर में सुधार आएगा।
सौ करोड़ से बन चुके हैं तीन पुल
बता दें कि एक वर्ष के दौरान जिस मार्ग पर तरनाह नाले का पुल बना है, इसी ओल्ड सांबा कठुआ मार्ग पर ये तीसरा बड़ा पुल बना है। जिन पर करीब 100 करोड़ रुपये की लागत आई है। एक पुल बेई नाले पर बनकर तैयार हुआ है, उसका भी उद्घाटन ऑनलाइन ही हुआ था, जबकि उज्ज दरिया पर बने पंडोरी के पास पुल का लोकार्पण खुद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया था। इसी के साथ करीब 8 और छोटे पुलों का निर्माण जारी है। जिसमें तीन छोटे पुलों का तरनाह नाले के साथ ही लोकार्पण हो जाएगा। उसके बाद इसी मार्ग पर पांच और छोटे पुलों का निर्माण अगले तीन महीने में हो जाएगा। जिनकी लागत भी 25 करोड़ से ज्यादा हैे। पंजाब के लोगों को भी लाभ पुल का लाभ सिर्फ कठुआ जिला को ही नहीं, बल्कि सांबा, पठानकोट, गुरदासपुर और अमृतसर के लोगों को भी होगा। जिनके लिए जम्मू जाने के लिए दूसरा वैकल्पिक हाईवे बनेगा। सबसे अहम यह मार्ग हाईवे टोल प्लाजा टैक्स से मुक्त होगा।
60 सीमांत गांवों को फायदा
इससे न केवल सीमा क्षेत्र के साठ के करीब गांवों के लोगों को हीरानगर आने-जाने की सुविधा मिलेगी, बल्कि सांबा-कठुआ ओल्ड मार्ग पर दोबारा बसें दौड़ेगी। यह बसें 1980 के बाद खस्ताहाल मार्ग तथा नालों पर पुल नहीं होने की वजह से बंद हो गई थीं।
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
तैयारियों का जायजा लेने के लिए भाजपा नेता विकी शर्मा, अनिल खजूरिया व अनुज भारती ने कहा कि ओल्ड सांबा कठुआ मार्ग पर बहने वाले नालों पर पुलों के निर्माण के बाद सांबा-कठुआ मार्ग पर दोबारा बस सेवा शुरू होने से दोनों जिलों के दो सौ के करीब गांवों के लोगों को आने जाने की सुविधा मिलेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।