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बागियों से नहीं है कांग्रेस को गुरेज, प्रत्याशी चयन, प्रचार अभियान तक में बागियों को दिया जा रहा महत्व

लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन के लिए भी बागियों की सलाह को महत्व दिया जा रहा है। लोकसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस को अपने बागियों का सहारा लेने में भी कोई गुरेज नहीं है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 01:09 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 01:09 PM (IST)
बागियों से नहीं है कांग्रेस को गुरेज, प्रत्याशी चयन, प्रचार अभियान तक में बागियों को दिया जा रहा महत्व
बागियों से नहीं है कांग्रेस को गुरेज, प्रत्याशी चयन, प्रचार अभियान तक में बागियों को दिया जा रहा महत्व

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। लोकसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस को अपने बागियों का सहारा लेने में भी कोई गुरेज नहीं है। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जिन बागियों ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों को हराकर जीत दर्ज की थी, उन्हें पार्टी अब अपने बैनर, पोस्टर और मंच पर भी जगह दे रही है। बागियों को राजी करने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,उप मुख्यमंत्री एवं पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट से लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे तक जुटे है।

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विधानसभा चुनाव जीतने वाले इन बागी विधायकों की अभी तक औपचारिक तौर घर वापसी भी नहीं हुई है, लेकिन पार्टी उन्हें 'अपना' होने से बताने से नहीं चूक रही है। लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन के लिए भी बागियों की सलाह को महत्व दिया जा रहा है।

कांग्रेस नेतृत्व ने सत्ता में भागीदारी का किया वादा

लोकसभा चुनाव में मिशन-25 हासिल करने के लिए कांग्रेस ने प्रत्याशियों की घोषणा से पहले ही धुआंधार चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। अशोक गहलोत,सचिन पायलट और अविनाश पांडे एक ही दिन में कई जिलों में पहुंचकर आम सभाओं को संबोधित कर रहे है, मजे की बात ये है कि इन आमसभाओं में लगने वाले कांग्रेस के बैनर और पोस्टर में कांग्रेस के उन बागियों को भी पूरी तवज्जो दी जा रही है जो बगावत कर निर्दलीय विधायक बने है।

हालांकि, बागियों को अधिक तवज्जो दिए जाने से पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का ही एक वर्ग नाराज है,लेकिन लोकसभा चुनाव जीतने के लिए पार्टी नेतृत्व इनकी नाराजगी को दरकिनार कर रहा है। कांग्रेस के बागी होकर चुनाव जीतने वाले निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर,संयम लोढ़ा,खुसबीर सिंह जोजावर,महादेव सिंह खंडेला और रामकेश मीणा भी घर वापसी की तैयारियों से इंकार नहीं करते है। नागर का कहना है कि वे कांग्रेस थे,कांग्रेस उनकी मां है,किन्ही कारणों से टिकट नहीं मिल सका,लेकिन मतदाताओं ने मुझ पर भरोसा किया। अब सरकार से क्षेत्र में विकास कार्य कराने का पूरा प्रयास करूंगा।

उल्लेखनीय है कि निर्दलीय विधायक तकनीकी रूप से तो कांग्रेस में शामिल नहीं हो सकते,लेकिन बाहर से समर्थन अवश्य कर सकते है। जानकारी के अनुसार कांग्रेस नेतृत्व ने सरकार के कामकाज में निर्दलीय विधायकों को पूरा महत्व देने का भरोसा दिया है बागी विधायकों के साथ ही ऐसे प्रमुख कार्यकर्ताओं को भी सत्ता में भागीदारी का विश्वास दिलाया जा रहा है,जिनका अपना जनाधार है ।  


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