राजस्थान में कृषि मंडियों को आईटी से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू,किसानों को राहत देने का प्रयास
इस साल 5 अप्रैल से 30 जून के बीच नई 119 मंडियों को ई-नाम पोर्टल से जोड़ा गया है। इस दौरान 2205 किसानों ने पंजीकरण किया है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने किसानों की आय दोगुना करने के लिहाज से ऑनलाइन मंडियों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस साल 119 और मंडियों को ई-नाम पोर्टल से जोड़ा गया है।
जानकारी के अनुसार इस साल 5 अप्रैल से 30 जून के बीच नई 119 मंडियों को ई-नाम पोर्टल से जोड़ा गया है। इस दौरान 2205 किसानों ने पंजीकरण किया है। इसके साथ में 2989 व्यापारी पंजीकृत हुए हैं। वहीं कुल 2885.3 टन का व्यापार हुआ है।
कृषि अधिकारियों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में पहले से मौजूद 25 ऑनलाइन मंडियों में 97 किसानों और 50 व्यापारी और कमीशन एजेंट के नए पंजीकरण हुए है । साथ में 1,79,420 मीट्रिक टन से अधिक कृषि उपज का कारोबार किया गया। कृषि और बागवानी विभाग के प्रमुख सचिव कुंजी लाल मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सोच के अनुसार राज्य सरकार किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत किसान कल्याण के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने हेतु कई प्रयास किए जा रहे है तथा किसानों के बीच प्रौद्योगिकी साक्षरता में वृद्धि पर भी जोर दिया जा रहा है ।
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के बीच राज्य सरकार ऑनलाइन मंच के जरिए किसानों को उनकी उपज का अच्छा लाभ दिलाने के लिए काम कर रही है। राजस्थान देश का पहला राज्य है जहां 144 मंडियों (एपीएमसी) को ई-नाम से जोड़ा गया है।
उधर किसान कर्ज माफी के तहत 2 हैक्टेयर की कृषि भूमि के मालिक लघु एवं सीमांत किसानों को पहली श्रेणी में शामिल किया गया है। इसमें 2 लाख तक का कर्ज माफ किया जा रहा है। इस श्रेणी में वे किसान शामिल होंगे जिनकी पिछली भाजपा सरकार ने 50 हजार तक की कर्ज माफी की थी। शेष डेढ़ लाख मौजूदा सरकार माफ करेगी। दूसरी श्रेणी में उन किसानों को शामिल किया गया है जो लघु एवं सीमांत की श्रेणी में तो नहीं आते,लेकिन पिछली सरकार के कार्यकाल में अनुपातिक आधार पर कर्ज माफी की गई थी,अब उनकी शेष राशि को नई कर्ज माफी योजना में एडजस्ट कर दिया जाएगा ।