Rajasthan Political Crisis: सचिन पायलट समर्थक विधायक विधानसभा सत्र में शामिल होंगे, नहीं तो जा सकती है सदस्यता
Rajasthan Political Crisis सचिन पायलट समर्थक विधायक विधानसभा सत्र में शामिल होंगे नहीं तो जा सकती है सदस्यता-सीएम गहलोत खेमा पायलट ग्रुप को घेरने की रणनीति कर रहा तैयार
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान विधानसभा का सत्र बुलाने को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र और अशोक गहलोत सरकार के बीच चली लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार 14 अगस्त से सत्र बुलाने की अधिसूचना जारी कर दी गई।
सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी की सिफारिश पर एक तरफ तो स्पीकर डॉ. सी. पी. जोशी ने सचिन पायलट सहित 19 बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस दे दिया। वहीं दूसरी तरफ सीएम गहलोत और कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग इस प्रयास में जुटा है कि पायलट और उनके समर्थक विधायक सत्र में शामिल हो और फ्लोर टेस्ट में सरकार के पक्ष में मतदान करें।
गहलोत की एक रणनीति यह भी है कि यदि फ्लोर टेस्ट के लिए व्हिप जारी कर दिया जाए, जिससेे पायलट और उनके समर्थक सदन में मौजूद रहें और अगर वे नहीं आते हैं या सरकार के खिलाफ मतदान करते हैं तो उनकी सदस्यता समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। स्पीकर के माध्यम से उनकी सदस्यता समाप्त कराई जाए।
गहलोत खेमे की इस रणनीति के बीच पायलट खेेमे ने तय किया है कि वे विधानसभा सत्र में शामिल होंगे। विधानसभा सत्र में शामिल होकर गहलोत सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरेंगे। उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट और सहित 19 बागी विधायक पिछले 20 दिन से हरियाणा और दिल्ली में हैं। सीएम गहलोत सहित कई कांग्रेसी नेता आरोप लगाते रहे हैं कि सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक हरियाणा की खट्टर सरकार के मेहमान हैं।
गहलोत समर्थकों का यह भी कहना है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में शामिल सचिन पायलट समर्थक दो विधायकों विश्वेंद्र सिंह व भंवरलाल शर्मा से पूछताछ के लिए एसओजी पिछले दो सप्ताह से प्रयास कर रही है। एसओजी की दो टीम इस काम को देख रही है। टीम इन विधायकों के पास पहुंचने का प्रयास करती है, लेकिन हरियाणा पुलिस कार्रवाई से पहले ही टीम को रोक लेती है। इससे साफ जाहिर होता है कि सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक खट्टर सरकार के मेहमान है।
राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि सचिन पायलट खेमे को भाजपा और खट्टर सरकार का पूरा समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इन विधायकों को विधानसभा सत्र में शामिल होकर सरकार के पक्ष में मतदान करना चाहिए।