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PFI के बैंक खातों को लेकर ED की रिपोर्ट के बाद यूपी में संगठन के सक्रिय सदस्यों की छानबीन तेज

लखनऊ में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद समेत तीन सक्रिय सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद साफ हो गया था कि सीएए के विरोध में हिंसा के पीछे गहरा षड्यंत्र था।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 09:59 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 05:03 PM (IST)
PFI के बैंक खातों को लेकर ED की रिपोर्ट के बाद यूपी में संगठन के सक्रिय सदस्यों की छानबीन तेज
PFI के बैंक खातों को लेकर ED की रिपोर्ट के बाद यूपी में संगठन के सक्रिय सदस्यों की छानबीन तेज

लखनऊ, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में हुई हिंसा के दौरान पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) व उनके सहयोगी संगठनों के बैंक खातों में हुए लेनदेन को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रिपोर्ट आने के बाद यूपी पुलिस की जांच एजेंसियां व खुफिया तंत्र सक्रिय हो गया है। उत्तर प्रदेश में पीएफआइ के सक्रिय सदस्यों और उनसे जुड़े लोगों के बारे में और गहनता से छानबीन शुरू कर दी गई है। पीएफआइ के सदस्यों से जुड़े उनके करीबियों की आय के बारे में भी जानकारियां जुटाई जा रही हैं।

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लखनऊ में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद समेत तीन सक्रिय सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद साफ हो गया था कि सीएए के विरोध में हिंसा के पीछे गहरा षड्यंत्र था। हिंसक प्रदर्शनों के मामले में पुलिस ने प्रदेश में पीएफआइ के 25 सक्रिय सदस्यों की गिरफ्तारी की थी। डीजीपी ओपी सिंह ने पीएफआइ के सहयोगी संगठनों की छानबीन के भी निर्देश दिए थे।

दरअसल, कुछ अन्य संगठनों की मदद से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया करीब एक साल से उत्तर प्रदेश में हिंसा भड़काने की फिराक में था। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर काम करता है। पीएफआइ ने महिला व स्टूडेंट फ्रंट भी बनाए हैं। खुफिया रिपोर्ट में सिमी के कई सक्रिय पदाधिकारियों व सदस्यों के पीएफआइ से जुड़े होने के तथ्य भी सामने आ चुके हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शामली, बिजनौर व मुजफ्फरनगर में पीएफआइ की सक्रियता काफी रही है। ऐसे ही लखनऊ, कानपुर, वाराणसी व अलीगढ़ में भी संगठन के सदस्यों की सक्रियता रही है। उत्तर प्रदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्यों के खिलाफ सीएए के विरोध में हुई हिंसा की घटनाओं से पहले करीब एक दर्जन मुकदमे दर्ज थे। एटीएस समेत अन्य जांच एजेंसियों के रडार पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कई सदस्य पहले से ही हैं।


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