नासाज पूर्व मंत्री पर कांग्रेस का निष्कासन वापसी का 'रहम', प्रियंका के फैसलों पर उठाया था सवाल...
जीवन भर पार्टी की सेवा करने वाले जिन पूर्व मंत्री रामकृष्ण द्विवेदी को कांग्रेस ने कठोर दिल से बाहर निकाल दिया अब उन पर संगठन रहम दिखाने चला है।
लखनऊ, जेएनएन। जीवन भर पार्टी की सेवा करने वाले जिन पूर्व मंत्री रामकृष्ण द्विवेदी को कांग्रेस ने कठोर दिल से बाहर निकाल दिया, अब उन पर संगठन रहम दिखाने चला है। जीवन के लिए अस्पताल में संघर्ष कर रहे वयोवृद्ध रामकृष्ण द्विवेदी के निष्कासन वापसी के पत्र में जो इबारत लिखी गई है, उसकी जमकर आलोचना हो रही है। कार्रवाई वापस लेने का अजीब तर्क दिया गया है कि रामकृष्ण द्विवेदी बीमार चल रहे हैं, इसलिए मानवीय संवेदनाओं के आधार पर निष्कासन वापस लिया गया है।
कांग्रेस के पूर्व मंत्री रामकृष्ण द्विवेदी सहित दस वरिष्ठ कांग्रेसियों ने 14 नवंबर, 2019 को पूर्व सांसद डॉ. संतोष सिंह के लखनऊ स्थित आवास पर पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन मनाया। उसमें कांग्रेस को मजबूत करने की चर्चा के साथ ही पार्टी के महासचिव प्रियंका वाड्रा के कुछ फैसलों से असहमति जताई गई। इस पर सभी दस वरिष्ठ कांग्रेसियों को 19 नवंबर को पार्टी से निकाल दिया गया।
इन वरिष्ठजन ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर केंद्रीय अनुशासन समिति के अध्यक्ष तक को पत्र लिखकर कहा कि उनका निष्कासन नियम विरुद्ध ढंग से हुआ है। आज तक नोटिस तक नहीं दिया गया। मगर, एक बात तक न सुनी गई।
अब द्विवेदी नासाज हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में बुधवार देर शाम प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से रामकृष्ण द्विवेदी के निष्कासन वापसी का पत्र मीडिया में जारी कर दिया गया, जिसमें द्विवेदी के बीमार होने और मानवीय संवेदनाओं के आधार पर निष्कासन वापसी की बात लिखी है।
रामकृष्ण द्विवेदी के साथ निष्कासित किए गए पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी ने पत्र की भाषा पर हैरत जताई है। बोले कि कांग्रेस ने इतने वरिष्ठ नेता पर दया दिखाई है। वहीं, पूर्व विधायक नेकचंद पांडेय का कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व में संवेदनाओं की कमी है। सभी बुजुर्गों को सम्मान दे, दया न दिखाए।
पीछे यह भी है चर्चा
निष्कासन वापसी के पीछे पार्टी में अलग चर्चा है। बताया जा रहा है कि निष्कासित किए गए वरिष्ठ कांग्रेसियों में द्विवेदी सहित सवर्ण ही ज्यादा हैं। इसे लेकर पार्टी में अंदरखाने नाराजगी बढ़ रही है। डैमेज कंट्रोल के लिए यह प्रयास किया है। वहीं, प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र मदान का कहना है कि यह निष्कासन वापसी सिर्फ मानवता के आधार पर की गई है।