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Muslim Quota: भाजपा ने फिर शिवसेना को कांग्रेस-राकांपा का साथ छोड़ने का दिया ‘प्रस्ताव’

Muslim Quota. भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि यदि मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर शिवसेना महाराष्ट्र विकास आघाड़ी गठबंधन से अलग होती है तो भाजपा उनका साथ देगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 08:10 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 08:10 PM (IST)
Muslim Quota: भाजपा ने फिर शिवसेना को कांग्रेस-राकांपा का साथ छोड़ने का दिया ‘प्रस्ताव’
Muslim Quota: भाजपा ने फिर शिवसेना को कांग्रेस-राकांपा का साथ छोड़ने का दिया ‘प्रस्ताव’

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। Muslim Quota. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर शिवसेना को महाराष्ट्र विकास आघाड़ी से अलग होने का ‘प्रस्ताव’ दिया है। इस बार यह प्रस्ताव मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर दिया गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि यदि मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर शिवसेना महाराष्ट्र विकास आघाड़ी गठबंधन से अलग होती है, तो भाजपा उनका साथ देने को तैयार है।

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सुधीर मुनगंटीवार हाल के दिनों में दूसरी बार शिवसेना को इस प्रकार का प्रस्ताव दिय है। इससे पहले वह 30 जनवरी को भी शिवसेना के साथ सरकार बनाने की उम्मीद जता चुके हैं। आज मुनगंटीवार ने मुस्लिमों को शिक्षा में पांच फीसद आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि यदि इस मुद्दे पर शिवसेना कांग्रेस और राकांपा का साथ छोड़ने को तैयार हो, तो भाजपा का उसका साथ देगी।

मुनगंटीवार का कहना है कि मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर दोनों कांग्रेस ने मिलकर शिवसेना का मजाक बना दिया है। जबकि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की भूमिका उचित है। संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण देने की व्यवस्था नहीं है। यदि मुस्लिमों को धर्म के आधार पर आरक्षण दिया जा सकता है, तो सिखों एवं ईसाइयों ने क्या गुनाह किया है, जो उन्हें धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं मिल सकता ? मुनगंटीवार के अनुसार केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 फीसद आरक्षण की व्यवस्था की है। उसमें मुस्लिम भी शामिल हो सकते हैं।

मुनगंटीवार शिवसेना-भाजपा गठबंधन की याद दिलाते हुए कहते हैं कि इन दोनों दलों का गठबंधन हमेशा विचारों के आधार पर रहा है। शिवसेना को आगे भी कांग्रेस-राकांपा के दबाव में राजनीति करने की चिंता नहीं करनी चाहिए। यदि वह इस मुद्दे पर इन दोनों दलों का साथ छोड़ती है, तो भाजपा उसका साथ देगी। बता दें कि कुछ दिनों पहले सीएए-एनआरसी-एनपीआर के मुद्दे पर भी मुनगंटीवार शिवसेना को महाराष्ट्र विकास आघाड़ी से बाहर आने का प्रस्ताव दे चुके हैं। इससे पहले 30 जनवरी को भी मुनगंटीवार कह चुके हैं कि मुनगंटीवार ने कहा है कि यदि भाजपा की ‘प्राकृतिक सहयोगी’ प्रस्ताव दे तो भाजपा आज भी उसके साथ सरकार बनाने को तैयार है। मुनगंटीवार का मानना है कि कांग्रेस और शिवसेना के सभी मुद्दों पर अलग विचार एवं सिद्धांत हैं। दोनों का आपस में कोई मेल नहीं है। इसलिए यह सरकार अधिक दिनों तक नहीं चल सकती। इसलिए वह बार-बार शिवसेना को महाराष्ट्र विकास आघाड़ी से बाहर आने के लिए प्रेरित करते दिखाई दे रहे हैं।

बता दें कि मुस्लिमों शिक्षा में पांच फीसद आरक्षण देने का आश्वासन दो दिन पहले महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार में राकांपा कोटे के मंत्री नवाब मलिक ने विधान परिषद में दिया था। अल्पसंख्यक विकास मंत्री का पद संभाल रहे मलिक का यह बयान एक कांग्रेस सदस्य के सवाल के जवाब में आया था। इस मुद्दे पर राकांपा को बाजी मारते देख कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने भी मंगलवार को यह कहते हुए श्रेय लेने की कोशिश की कि मुस्लिमों को आरक्षण देने का मूल विचार कांग्रेस का रहा है। लेकिन इन दोनों दलों ने सरकार का नेतृत्व कर रही शिवसेना से इस बारे में पूछा तक नहीं। अंततः मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को स्वयं यह बयान देना पड़ा कि मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र विकास आघाड़ी में शामिल तीनों दलों के वरिष्ठ नेताओं की समिति के विचार के बाद ही कोई निर्णय किया जाएगा।

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