Move to Jagran APP

दिल्ली सरकार का लाखों पैरेंट्स को तोहफा, 10-12वीं के छात्रों को नहीं देना होगा परीक्षा शुल्क

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के मुताबिक यह राहत सरकारी स्कूलों के छात्रों के साथ मान्यता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को भी दी गई है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 14 Aug 2019 02:53 PM (IST)Updated: Thu, 15 Aug 2019 07:16 AM (IST)
दिल्ली सरकार का लाखों पैरेंट्स को तोहफा, 10-12वीं के छात्रों को नहीं देना होगा परीक्षा शुल्क
दिल्ली सरकार का लाखों पैरेंट्स को तोहफा, 10-12वीं के छात्रों को नहीं देना होगा परीक्षा शुल्क

नई दिल्ली, प्रेट्र। दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) सरकार ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education) के 10वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं को बड़ा तोहफा दिया है। 10वीं-12वीं के लाखों छात्र-छात्राओं को अगले साल होनी वाली परीक्षा के लिए परीक्षा शुल्क नहीं देना होगा। दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को यह एलान किया है। उपमुख्यमंत्री के मुताबिक, यह राहत सरकारी स्कूलों के छात्रों के साथ मान्यता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को भी दी गई है। इनमें सभी श्रेणी के छात्र-छात्राएं शामिल हैं।  

loksabha election banner

गौरतलब है कि सीबीएसई द्वारा परीक्षा शुल्क बढ़ाने पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि उन्होंने शिक्षा विभाग को एक फार्मूले के तहत काम करने का निर्देश दिया है, ताकि छात्रों पर फीस का बोझ कम से कम पड़े। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि उन्होंने शिक्षा निदेशालय (DoE) से एक प्रस्ताव तैयार करने को कहा है जिसके जरिए 10वीं और 12वीं के छात्रों पर फीस का बोझ कम से कम किया जा सके। इसी के मुद्देनजर दिल्ली सरकार ने लाखों पैरेंट्स को राहत देते हुए सभी वर्ग के छात्र-छात्राएं को राहत देते हुए परीक्षा शुल्क खुद देने का फैसला दिया है। 

गौरतलब है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने पिछले दिनों 10वीं और कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की फीस बढ़ा दी है। सीबीएसई ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को पांच विषयों के लिए फीस 50 रुपये से बढ़ाकर 1,200 रुपये किया है। ऐसे में कहा जा रहा है कि सीबीएसई ने 24 गुना फीस बढ़ा दी है।

दरअसल मामला यह है कि सीबीएसई द्वारा दिल्ली में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों से 350 रुपये शुल्क लिया जाता था। जिसमें 300 रुपए का भुगतान दिल्ली सरकार करती थी और बाकि बचे 50 रुपए छात्रों द्वारा दिया जाता था। सीबीएसई ने नोटिफिकेशन में बताया कि यह मामला दिल्ली सरकार का आंतरिक मामला है। वहीं, पूरे देश में सभी छात्रों की फीस 750 रुपए थी, जिसे बढ़ा कर 1500 रुपए कर दी गई है। ऐसे में देखें तो फीस दोगुना बढ़ाई गई है।

हालांकि, जो बात 24 गुने फीस बढ़ोत्तरी की हो रही थी, वह सिर्फ दिल्ली के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों पर लागू होती है। अब उनकी फीस में 24 गुने की बढ़ोत्तरी की गई है। वहीं, इस फीस को लेकर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि अगर चीजें ऐसी जारी रहीं, तो सरकार अपने बोर्ड पर विचार करेगा।

बता दें कि इस मामले को सीबीएसई पहले से सफाई दे चुका है। सीबीएसई ने कहा है कि बोर्ड ने पांच साल बाद फीस में बढ़ोत्तरी की है। यह सिर्फ दिल्ली में नहीं हुआ है,बल्कि पूरे देश में ऐसा किया गया है।

दिल्ली-NCR की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.