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Bengal Elections: बंगाल में हिंदुत्व ही बनेगा भाजपा का अमोघ अस्त्र

Bengal Elections. भाजपा नेता लोगों को बताएंगे कि ममता बनर्जी कितनी हिंदू विरोधी हैं। एक तरह से तृणमूल सुप्रीमो के हिंदू विरोधी कार्यकलापों को आम जनता के समक्ष रखा जाएगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 12 Mar 2020 06:56 PM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 06:56 PM (IST)
Bengal Elections: बंगाल में हिंदुत्व ही बनेगा भाजपा का अमोघ अस्त्र
Bengal Elections: बंगाल में हिंदुत्व ही बनेगा भाजपा का अमोघ अस्त्र

इंद्रजीत सिंह, कोलकाता। Bengal Elections. पश्चिम बंगाल में होने वाले आगामी निकाय तथा विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व ही भाजपा का अमोघ अस्त्र बनेगा। हालांकि भाजपा बंगाल में हिंदुत्व कार्ड का इस्तेमाल अन्य राज्यों से थोड़ा इतर करने जा रही है। इसके तहत भाजपा नेता लोगों को बताएंगे कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कितनी हिंदू विरोधी हैं। एक तरह से तृणमूल सुप्रीमो के हिंदू विरोधी कार्यकलापों को आम जनता के समक्ष रखा जाएगा।

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दरअसल, भाजपा ने 'और नहीं अन्याय' अभियान (शिकायत पत्र) में मुख्य रूप से ममता बनर्जी को हिंदू विरोधी तथा मुसलमानों की हिमायती बताया है। तृणमूल कांग्रेस के अभियान 'दीदी के बोलो' का मुकाबला करने के लिए भाजपा खुलकर हिंदुत्व कार्ड खेलने के लिए मैदान में उतर आई है। इस अभियान में आगामी निकाय चुनाव और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ 10 सूत्री आरोप पत्र (शिकायत पत्र) तैयार किया है। इसके एक बड़े हिस्से में कहा गया है कि ममता कैसे हिंदू विरोधी हैं और मुस्लिमों के प्रति कितना उनका प्रेम है। ममता बनर्जी की हिंदू विरोधी नीतियां व मुस्लिम प्रेम किसी से छिपा नहीं है।

मुस्लिम तुष्टीकरण को छिपाने के लिए स्वयं को धर्मनिरपेक्षता की सबसे बड़ी ठेकेदार बताती हैं, लेकिन ये छद्म धर्मनिरपेक्षता सिर्फ हिंदुओं पर थोपी जाती है। शिकायतपत्र में कहा गया है कि ममता के शासनकाल में हिंदुओं को अपने धार्मिक रीति-रिवाज, पर्व-त्योहार मनाने तक की स्वतंत्रता नहीं रह गई है। 1947 में यह सोचकर देश का बंटवारा किया गया था कि पश्चिम बंगाल बंगाली हिंदुओं की भूमि होगी, लेकिन बंगाल में वाम मोर्चा और तृणमूल कांग्रेस की सरकारों ने वर्षों तक बंगाली हिंदुओं को सताया। शिकायत पत्र के दो अनुच्छेदों में कहा गया कि मुख्यमंत्री शरणार्थी विरोधी हैं और इसे नागरिकता अधिनियम (सीएए) विरोधी के रूप में लक्षित किया है। भाजपा ने मुख्यमंत्री को आतंकवाद प्रेमी के रूप में दिखाया गया है। इसका इशारा यहां की कथित दम तोड़ चुकी कानून-व्यवस्था की ओर है।

भाजपा नेता कल (शुक्रवार) से शिकायत पत्र लेकर लोगों के घर-घर जाएंगे। इस सिलसिले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि दरअसल भीतर ही भीतर पश्चिम बंगाल का इस्लामीकरण हो रहा है और इसकी नायिका ममता बनर्जी हैं। हाल के दिनों में ममता ने हिंदुओं के खिलाफ कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिससे लगता है कि अपने ही देश के भीतर बहुसंख्यकों को अपनी पूजा-पद्धति और संस्कार बचाने के लाले पड़ गए हैं।

हालांकि, तृणमूल भाजपा के शिकायत पत्र को महत्व नहीं दे रही है। तृणमूल के महासचिव और मंत्री पार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा कि प्रचार के इस रूप से स्पष्ट है कि यह भाजपा की सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पर वोट जीतने की रणनीति हैं।

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