सिद्धू ने दी सीधी चुनौती तो कैप्टन ने विभाग बदल दिया झटका, कैबिनेट बैठक से दूर रह की अलग प्रेस कांन्फ्रेंस
नवजोत सिद्धू पंजाब कैबिनेट की बैठक से दूर रहे और इसी दौरान अगल प्रेस कांन्फेंस की। इस तरह उन्होंने कांग्रेस व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को जैसे सीधी चुनौती दे दी है।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के फायर ब्रांड नेता और कैबिनेट मंत्री आज यहां आयोजित पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में नहीं आए। कैबिनेट की बैठक में जाने के बजाय सिद्धू ने अलग से प्रेस कान्फेंस की और कांग्रेस नेतृत्व व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को एक तरह से चुनौती दे दी। उन्होंने फिर आक्रामक तेवर दिखाए और कहा कि मैं किसी व्यक्ति नहीं पंजाब के लोगों के प्रति जवाबदेह हूं। बताया जाता है कि वह एक-दो दिन बड़ा ऐलान कर सकते हैं। दूसरी ओर, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू का विभाग बदल दिया है। उनको स्थानीय निकाय विभाग की जगह ऊर्जा विभाग दिया गया है।
कैप्टन अमरिंदर का पलटवार, सिद्धू का विभाग बदला, स्थानीय निकाय विभाग वापस लेकर ऊर्जा विभाग दिया
पूरे मामले पर कैप्टन अमरिंदर ने भी पलटवार कर दिया है। उन्होंने सिद्धू सहित करीब तीन मंत्रियों के विभाग बदल दिया है और इस संबंध में फाइल पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को भेजी गई है। शाम में राज्यपाल की मंजूरी के साथ फाइल सरकार के पास वापस आ गई। सिद्धू को स्थानीय निकाय विभाग से हटाकर ऊर्जा विभाग सौंपा गया है।
ब्रह्म माेहिंदरा कोे स्थानीय निकाय विभाग सौंपा
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वरिष्ठ मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा को स्थानीय निकाय विभाग का कार्यभार सौंपा है। ब्रहम मोहिंदरा के पास पहले स्वास्थ्य विभाग था। बलबीर सिंह सिद्धू को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग सौंपा गया है। उनके पास श्रम विभाग भी होगा। सुखबिंदर सिंह सरकारिया को जल संसाधन, खनन और भूविज्ञान व
आवास और शहरी विकास विभाग सौंपा गया है।
पंजाब कैबिनेट की बैठक का नजारा।
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा- किसी व्यक्ति नहीं पंजाब के लोगों के प्रति हूं जवाबदेह
बता दें कि सिद्धू द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान की गई बयानबाजी से कैप्टन अमरिंदर सिंह और कई मंत्री काफी नाराज हैं। अमरिंदर ने तो सिद्धू को नॉन परफॉर्मर मिनिस्टर तक दिया। इसका जवाब सिद्धू ने अपने विभाग के कामकाज के आंकड़े देकर भी करना चाहा, लेकिन दोनों के बीच दूरियां घटने के बजाए बढ़ती जा रही हैं। माना जा रहा था कि आज जब वह कैबिनेट की मीटिंग में शामिल होंगे तो यह दूरियां कुछ कम हो जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नवजोत सिंह सिद्धू को स्थानीय निकाय विभाग से हटाने के लिए कदम उठा दिया है। इसके लिए उन्होंने राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को फाइल भेज दी। कैप्टन अमरिंदर सिंह इससे पहले सिद्धू के विभाग में फेरबदल करने को लेकर राहुल गांधी से लगातार संपर्क कर रहे थे। चूंकि, राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश के कारण राष्ट्रीय नेतृत्व में ऊहापोह की स्थिति थी, इसलिए सिद्धू के बारे में फैसले में देरी हुई।
सिद्धू बोले- मैं पंजाब के लोगों के प्रति जवाबदेह
दूसरी ओर, सिद्धू कैबिनेट बैठक में नहीं गए, लेकिन इस दौरान प्रेस कांन्फेंस कर पार्टी नेतृत्व और कैप्टन अमरिंदर सिंह को एक तरह से चुनौती दे दी। नवजोत सिंह सिद्धू ने लोकसभा चुनाव में बठिंडा और गुरदासपुर सीटों सहित चार सीटों पर हार के लिए खुद को दोषी ठहराने का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब में शहरी सीटों पर लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत में मेरी और मेरे विभाग के कार्य प्रदर्शन की महत्वपूर्ण भूमिका थी। मुख्यमंत्री ने मुझे पंजाब में दो जिलों की जिम्मेदारी दी थी और कांग्रेस ने इन दोनों जिलों में बड़ी जीत हासिल की।
नवजोत सिद्धू कहा कि लोकसभा चुनाव और सरकार का कार्य एक सामूहिक जिम्मेदारी है, लेकिन मेरा विभाग सार्वजनिक रूप से एकल हो गया है। व्यक्ति के पास चीजों को सही परिप्रेक्ष्य में देखने की क्षमता होनी चाहिए। बिना प्रमाण के मुझे दोषी नहीं ठहराया जा सकता या मुझ पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। मैं खुद को सबित करने वाला और प्रदर्शन करके दिखाने वाला व्यक्ति हूं। मेरी निष्ठा पंजाब के लिए है और मैं पंजाब के लोगों के प्रति जवाबदेह हूं। मुझे अन्य बातों की कोई चिंता नहीं। सिद्धू ने कहा कि उन्हें जानबूझकर सिंगल आउट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी जवाबदेही जनता के प्रति है इसलिए वह अपने महकमे पर उठी अंगुली के बारे में सफाई जरूर देंगे क्योंकि उन पर सार्वजनिक रूप से आरोप लगाए गए हैं।
सिद्धू बोले- राजनीति में फैसला नफा नुकसान देखकर नहीं करता
सिद्धू ने कहा, राजनीति में मैं नफा-नुकसान देखकर निर्णय नहीं लेता। राजनीति मेरा प्रोफेशन नहीं है बल्कि मेरा पैशन है। मैं राजनीति में लाखों करोड़ों रुपये कमाने नहीं आया। मैं परफार्मर रहा हूं, चाहे वह क्रिकेट का मैदान हो या कमेंट्री या टीवी शो और राजनीति का। मैं हर जगह अपना सौ फीसदी देने की कोशिश की है।
कहा- सीएम को मुझ पर नहीं भरोसा, इसलिए नहीं गया कैबिनेट बैठक में
यह पूछे जाने पर कि आप कैबिनेट की बैठक में शामिल होने की जगह प्रेस कांन्फ्रेंस कर रहे है, बैठक में क्यों नहीं गए तो सिद्धू ने कहा कि कैबिनेट बैठक के एजेंडे में मेरे स्थानीय निकाय विभाग का कोई एजेंडा नहीं था। यदि बैठक में मेरे विभाग का एजेंडा होता तो उसमें जरूर शामिल होता। यह पूछे जाने पर कि क्या आपको बैठक के लिए सूचना या न्यौता आया था, नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, हां बुलावा आया था। लेकिन जब मेरे बॉस (कैप्टन अमरिंदर सिंह) का ही मुझ पर विश्वास नहीं रह गया है तो मैं वहां जाकर क्या करता।
उन्होंने कहा, अगर अन्य महकमों के बारे में सामूहिक जवाबदेही की बात करें तो जिनको (कैप्टन का नाम लिए बगैर) मेरे ऊपर विश्वास ही नहीं है उनके बगल में तीन इंच के फासले पर बैठने का क्या औचित्य है? अगर वह मेरे से नाराज थे तो मुझे बुलाकर कुछ भी कह सकते थे लेकिन उन्होंने सार्वजनिक तौर पर शहरी सीटों की हार के लिए मुझे जिम्मेवार ठहरा दिया जबकि आंकड़े कुछ और बोलते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने आधा सच बताया है, मैं पूरा सच बताऊंगा।
यह बताया लोकसभा चुनाव में जीत का आंकड़ा
सिद्धू ने कहा कि 2014 के संसदीय चुनाव में भी मोदी लहर थी और कांग्रेस ने पंजाब की 13 में से तीन सीटें जीतीं थीे जिनमें 37 असेंबली हलके बनते हैं। लेकिन इन चुनाव में आठ सीटें जीती हैं और कुल 69 असेंबली सीटें बनती हैं। इनमें लुधियाना, अमृतसर, जालंधर, पटियाला और मोहाली जैसे महानगरों की 65 फीसदी शहरी सीटों पर कब्जा किया है। सिद्धू ने कहा कि पीपीसीसी के अपने मापदंडों के अनुसार राज्य की 117 सीटों में से 54 शहरी सीटें बनती हैं जिनमें कांग्रेस को 34 सीटों पर विजय मिली है। अगर पूरी तरह से अर्बन सीटों की बात करें तो वह 25 बनती हैं जिनमें से 16 पर उन्हें विजय मिली है जो 64 फीसदी बनती है जबकि रूरल सीटों पर 55 फीसदी सफलता मिली है।
सिद्धू के अगले सियासी कदम को लेकर चर्चाएं गर्म
इसके साथ ही सिद्धू को लेकर पंजाब की राजनीति में कयासबाजी तेज हो गई है। कहा तक यह भी जा रहा है कि सिद्धू कोई अन्य राजनीतिक विकल्प तलाश सकते हैं। इस चर्चा को उस समय भी बल देने की कोशिश की गई जब आम आदमी पार्टी से अलग होकर अलग मोर्चा बनाने वाले सुखपाल सिंह खैहरा ने सिद्धू को साथ आने की दावत दी। बताया जा रहा है एक-दो दिन में सिद्धू बड़ी घोषणा कर सकते हैं।
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पंजाब मंत्रिमंडल का नया स्वरूप
1 | कैप्टन अमरिंदर सिंह | प्रशासनिक सुधार, कृषि और किसान कल्याण, बागवानी, भूमि और जल संरक्षण, नागर विमानन, रक्षा सेवा कल्याण, एक्साइज एंड टैक्सेशन, सामान्य प्रशासन, गृह मामले और न्याय, सत्कार, निवेश प्रोत्साहन, सूचना और जनसंपर्क, कानूनी और विधायी कार्य, कार्मिक, वातावरण जागरूकता, वन्यजीव, विज्ञान प्रौद्योगिकी, शासन सुधार, सूचना प्रौद्योगिकी |
2 | ब्रह्म मोहिन्द्रा | स्थानीय निकाय, संसदीय कार्य, चुनाव शिकायतों को दूर करना |
3 | नवजोत सिंह सिद्धू | ऊर्जा व नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत |
4 | मनप्रीत सिंह बादल | वित्त योजना, कार्यक्रम कार्यान्वयन |
5 | ओम प्रकाश सोनी | चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान, स्वतंत्रता सेनानी, खाद्य प्रसंस्करण |
6 | साधु सिंह धर्मसोत | वन, मुद्रण और स्टेशनरी, एससी और बीसी का कल्याण |
7 | तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा | ग्रामीण विकास और पंचायत, पशुपालन, मत्स्य और डेयरी विकास, उच्च शिक्षा |
8 | राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी | खेल और युवा मामले, एनआरआइ मामले |
9 | चरणजीत सिंह चन्नी | तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण, रोजगार सृजन, पर्यटन और सांस्कृतिक मामले |
10 | अरुणा चौधरी | सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास |
1 1 | रजिया सुल्ताना | जल आपूर्ति और स्वच्छता, ट्रांसपोर्ट |
12 | सुखजिंदर सिंह रंधावा | कॉपरेशन एवं जेल |
13 | सुखबिंदर सिंह सरकारिया | जल संसाधन, खनन और भूविज्ञान, आवास और शहरी विकास |
14 | गुरप्रीत सिंह | राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन |
15 | बलबीर सिंह सिद्धू | स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, श्रम |
16 | विजय इंदर सिंगला | विद्यालय शिक्षा, लोक निर्माण कार्य |
17 | सुंदर शाम अरोड़ा | उद्योग और वाणिज्य |
18 | भारत भूषण आशु | खाद्य और नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता मामले |
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