सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति के स्वागत में सैकड़ों करोड़ रुपये की बर्बादी
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत में आम जनता की गाढ़ी कमाई के सैकड़ों करोड़ रुपये अपव्यय करने का आरोप लगाया है।
लखनऊ, जेएनएन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे को लेकर विपक्ष की राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी (SP) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत में आम जनता की गाढ़ी कमाई के सैकड़ों करोड़ रुपये अपव्यय करने का आरोप लगाया है। देश की गरीबी छिपाने के लिए गुजरात मॉडल अपनाने का आरोप भी लगाया है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को जारी बयान में कहा कि कई लाख लोगों की भीड़ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नमस्ते कहने के लिए ही जुटाई जा रही है। जिस गुजरात ने गांधी को जन्म दिया, वहां जबरदस्त शान शौकत के पटाखे दगाए जा रहे हैं। अहमदाबाद में गांधी के आदर्शों का तिरस्कार किया जा रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि जिस रास्ते से ट्रंप गुजरेंगे वहां गरीबों की झोपड़ियां नहीं दिखाई दें, इसलिए सामने दीवार खड़ी कर दी गई है। गरीबी ढकने का यह गुजरात मॉडल गरीबों से वीभत्स मजाक है। अमेरिकी राष्ट्रपति को यह बनावटी और चमकता भारत दिखाने का क्या मंतव्य हो सकता है? गांधी के देश में विदेशी मेहमान का स्वागत सादगी से क्यों नहीं हो सकता है?
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि दिखावे की तमाम कोशिशों के बावजूद सच्चाई पर पर्दा नहीं डाला जा सकता है। पूरे विश्व को मालूम है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के दौर में फंसी है। बेरोजगारों को सब्जबाग दिखा जश्न में लगाना उनके भविष्य को अंधकारमय बनाना है। सरकार किसानों को अंधकार में धकेल चुकी है अब युवा को भटकाया जा रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के शासनकाल में ही गुणवत्तापूर्ण विकास हुआ था। इस कारण ही आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विमान की आपात लैंडिंग पर रनवे के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए चुना गया है। इसकी ऐसी गुणवत्ता थी कि इस पर वायुसेना का युद्धक विमान और भारी माल वाहक हरक्यूलिस विमान भी उतर सका था। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के तीन वर्ष हो चुके हैं अभी तक धेला भर काम नहीं किया है। उनके कार्यकाल की सम्पूर्ण उपलब्धि यही है कि वे विकास के नाम पर एक के बाद एक तुकबंदी करते रहे हैं।