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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा- भाजपा राज में अपराधियों के हौसले बुलंद, हर ओर अराजकता का बोलबाला

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस कानून व्यवस्था संभालने के बजाय सत्ताधारियों के इशारे पर विपक्षियों को झूठे केसों में फंसाने में व्यस्त है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 07:33 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 07:33 PM (IST)
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा- भाजपा राज में अपराधियों के हौसले बुलंद, हर ओर अराजकता का बोलबाला
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा- भाजपा राज में अपराधियों के हौसले बुलंद, हर ओर अराजकता का बोलबाला

लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि लॉकडाउन हो या अनलॉक भाजपा राज में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, उन्हें खुली छूट मिली है। पुलिस कानून व्यवस्था संभालने के बजाय सत्ताधारियों के इशारे पर विपक्षियों को झूठे केसों में फंसाने में व्यस्त है। प्रदेश में भाजपा सरकार के चलते हर ओर अव्यवस्था और अराजकता है। चाहे वह कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में लारवाही हो या गरीबों, श्रमिकों व सामान्य जन की सुरक्षा की बात हो।

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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि प्रदेश में खूनी खेल चरम पर है और पुलिस तथा प्रशासन मौन धारण किए हुए है। कमिश्नरी व्यवस्था शुरू होने का भी कोई फायदा नहीं है। समाजवादी सरकार ने अपराध नियंत्रण की जो आधुनिकतम व्यवस्थाएं की थी उसे भाजपा सरकार ने ध्वस्त कर दिया है। पुलिस का आधुनिकीकरण रोक दिया है। प्रशासनिक शिथिलता और लापरवाही के कारण प्रदेश इस स्थिति को प्राप्त हो गया है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज में सबसे ज्यादा बदहाली किसानों की हुई है। क्रय केंद्रों का पता नहीं है। किसान अपने ट्रैक्टर ट्रालियां लिए खड़े हैं। न तो उनका गेहूं बिक रहा है और न ही चीनी मिलें उनका गन्ना ले रही हैं। सब्जी बोने वाले किसानों ने अपनी फसलें नष्ट कर दी हैं। मटर-चना उत्पादक किसानों को उत्पादन लागत भी नहीं मिली। कर्ज में डूबे किसानों को राहत देने के बजाए भाजपा सरकार बैंकों और मिल मालिकों की मदद कर रही है।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राजनीतिक साजिश और षड्यंत्र करती रहती है। इससे जनता को सावधान रहना पड़ेगा। यूपी ने देश को प्रधानमंत्री दिया। भाजपा की सरकार ने 3 एमओयू किए हैं, लेकिन क्या सरकार बताएगी किस उद्योगपति ने निवेश किया और उद्योगपति को किस बैंक ने कितना लोन दिया है। मुख्यमंत्री जितने निवेश की बात कर रहे हैं अगर उतना हुआ होता तो अब तक उत्तर प्रदेश में करोड़ों लोगों को नौकरियां मिल चुकी होती। आज हालत यह है कि पुराने उद्योग धंधे डूब रहे हैं। तीन साल की भाजपा सरकार में एक भी नया कारखाना नहीं लगा। अब सरकार श्रमिकों को भ्रमित करने के लिए नया आयोग की बात कर रही हैं, जबकि यूपी के पास इसके लिए पुराना विभाग है।


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