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अखिलेश यादव का आरोप- किसानों को आयकर के दायरे में लाने की साजिश रच रही बीजेपी सरकार

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों के खेत छीनने की मंशा के साथ पीएम ने अब उन्हें उद्यमी बनाने की ओर प्रयास करने का इशारा कर दिया है। इसका सीधा अर्थ है कि बीजेपी सरकार अब किसानों को भी आयकर के दायरे में लाना चाहती है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 07:39 PM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 07:39 PM (IST)
अखिलेश यादव का आरोप- किसानों को आयकर के दायरे में लाने की साजिश रच रही बीजेपी सरकार
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा कि किसान को अन्नदाता की श्रेणी में रहने दिया जाए।

लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार अन्नदाता किसान के साथ कई तरह के छल-कपट करने की रणनीति बनाने में व्यस्त है। किसानों के खेत छीनने की मंशा के साथ प्रधानमंत्री ने अब उन्हें 'उद्यमी' बनाने की ओर प्रयास करने का इशारा कर दिया है। इसका सीधा अर्थ है कि बीजेपी सरकार अब किसानों को भी आयकर के दायरे में लाना चाहती है। किसान को अभी तक मिलने वाले लाभ शीघ्र समाप्त कर दिए जाएंगे।

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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि समाजवादी पार्टी की स्पष्ट राय है कि किसान को अन्नदाता की श्रेणी में रहने दिया जाए, साथ ही कृषि को उद्योगों जैसी सुविधाएं मिलनी चाहिए। कृषि से संबंधित तीनों कानून किसानों के हितों के विरुद्ध हैं। इसके खिलाफ किसानों में व्यापक आक्रोश है। उसकी योजना अन्नदाता को खेतिहर मजदूर बना देने की है। किसान की खेती कारपोरेट को सौंप दी जाएगी। उसकी फसल का सौदा भी अब बड़े एजेंटों व व्यापारियों की मर्जी पर होगा। किसानों की कर्जमाफी या उनकी आय दुगनी करने की बात हो अथवा उनकी फसल की लागत का डयोढ़ा मूल्य देने की भाजपा सरकार इनमें से एक भी वादा पूरा नहीं कर पाई है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जीडीपी में वृद्धि और रोजगार की उपलब्धता भी कम ज्यादा किसान से जुड़ी है। लॉकडाउन के दौर में अर्थव्यवस्था में जो भारी गिरावट आई है उसके उद्धार में भी कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। भाजपा सरकार किसान को राहत देने, उसका कर्जमाफ करने, उसकी सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित कराने, गन्ना किसानों का बकाया समय से दिलाने आदि के मामलों में तो पूरी तरह निष्क्रिय नजर आ रही है।


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