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कांग्रेस ने किया नवजोत सिंह सिद्धू से किनारा, 'गुरु' को पार्टी ने दिया जोर का झटका

लगता है खास अंदाज में भाषण के लिए मशहूर नवजोत सिंह सिद्धू अब कांग्रेस के लिए उपयोगी नहीं रह गए हैं। पार्टी ने दाे राज्‍यों के विधानसभा चुनाव में उनको स्‍टार प्रचारक नहीं बनाया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 08:27 AM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 04:46 PM (IST)
कांग्रेस ने किया नवजोत सिंह सिद्धू से किनारा, 'गुरु' को पार्टी ने दिया जोर का झटका
कांग्रेस ने किया नवजोत सिंह सिद्धू से किनारा, 'गुरु' को पार्टी ने दिया जोर का झटका

चंडीगढ़, जेएनएन। लगता है कि फायर ब्रांड नेता और अपनी खास भाषण कला के लिए मशहूर नवजोत सिंह सिद्धू अब कांग्रेस के लिए उपयोगी नहीं रह गए हैं। पार्टी ने उनको बड़ा झटका दिया है और कभी देशभर में चुनाव प्रचार के लिए सबसे अधिक मांग में रहने वाले सिद्धू को हरियाणा सहित दो राज्‍यों के चुनाव प्रयचार से दूर रखा है। पंजाब की राजनीति से गायब हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री सिद्धू अब ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने स्टार प्रचारकों की सूची में भी नहीं रखा है।

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कभी देशभर में रहे खास प्रचारक सिद्धू को हरियाणा व महाराष्‍ट्र चुनाव में स्‍टार प्रचारक से बाहर रखा

बता दें के बीते लोकसभा चुनाव और एक साल पहले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान जैसे राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सिद्धू को स्टार प्रचारक बनाया था। लोकसभा चुनाव 2019 में भी वह पूरे देशभर में कांग्रेस का प्रचार करते रहे थे और हरियाणा में भी काफी संख्‍या में जनसभाएं की थीं व रोड शो किया था। लेकिन, अब वह कांग्रेस महाराष्ट्र व हरियाणा के स्टार प्रचारकों की सूची से गायब हो गए हैैं।

बताया जाता है कि हरियाणा कांग्रेस ने पहले सिद्धू को स्टार प्रचारक के रूप में शामिल करने के लिए पार्टी हाईकमान को कहा था, लेकिन बाद में कई नेता इसके विरोध में आ गए थे। इसके बाद पार्टी ने सिद्धू को दोनों ही राज्यों की स्टार प्रचारकों की सूची में स्थान नहीं दिया है। हरियाणा के स्टार प्रचारकों की सूची में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ और शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला शामिल हैं।

मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सिद्धू ने बना रखी है पार्टी से दूरी

लोकसभा चुनाव के साथ ही नवजोत सिद्धू का राजनीतिक ग्राफ पंजाब में गिरने लगा था। लोकसभा चुनाव में सिद्धू और सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया था। जिसके बाद कांग्रेस ने बठिंडा सीट पर मिली हार के लिए सिद्धू को दोषी ठहराया था। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू से स्थानीय निकाय विभाग वापस लेकर उन्हें ऊर्जा विभाग दे दिया था, लेकिन सिद्धू ने नया विभाग लेने से मना कर दिया।

राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा के हस्तक्षेप के बावजूद मामले का हल नहीं निकला जिसके चलते सिद्धू ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से वह लगातार पार्टी, मीडिया व सरकार से दूरी बनाए हुए हैैं। लगता है अब कांग्रेस ने भी उनसे दूरी बनानी ली है। ऐसे में गुरु सिद्धू के राजनीतिक भविष्‍य को लेकर चर्चा शुरू हो गई हैं।

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दूसरी ओर, यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि पाकिस्‍तान को लेकर पिछले दिनों सिद्धू की बयानबाजी के कारण भी कांग्रेस ने उनको चुनाव प्रचार से दूर रखने का फैसला किया जाता है। समझा जाता है कि कांग्रेस को लगा कि सिद्धू के चुनाव प्रचार करने से वह राष्‍ट्रवाद के मुद्दे पर घिर सकती है।

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