Rajya Sabha Election 2020: गुजरात में कांग्रेस के बाद भाजपा खेमें में सेंध की अटकलें
Rajya Sabha Election 2020 भाजपा विधायक केतन इनामदार व नेता विपक्ष परेश धानानी के बीच चाय पे चर्चा ने भाजपा में भी चिंता की रेखाएं खींच दी।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Rajya Sabha Election 2020. गुजरात की चार सीटों के लिए होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले पांच विधायक टूटने से जहां कांग्रेस में अफरा-तफरी मची है, वहीं भाजपा विधायक केतन इनामदार व नेता विपक्ष परेश धानानी के बीच चाय पे चर्चा ने भाजपा में भी चिंता की रेखाएं खींच दी। कांग्रेस का दावा है कि भाजपा के तीन अन्य विधायक उनके संपर्क में हैं।
कांग्रेस के पांच विधायक टूटने के बाद बाकी 65 विधायक जयपुर मे डेरा डाले हुए हैं। साथ ही, कांग्रेस ने राज्यसभा उम्मीदवार शक्ति सिंह गोहिल व भरत सिंह सोलंकी भी जयपुर पहुंच कर विधायकों से मेल मुलाकात की। तीन दिन तक कांग्रेस के संपर्क में नहीं रहने वाले विधायक जीतू चौधरी भी कांग्रेस के खेमें में आ जाने से पार्टी में राहत है। जयपुर पहुंचे कांग्रेस विधायक अलग-अलग समूह में पर्यटन स्थलों की शेर कर रहें है।
वहीं, कांग्रेस अपने पार्टी नेताओं के जरिये उनकी निगरानी कर रही है। गुजरात व राजस्थान के वरिष्ठ कांग्रेस नेता लगातार संपर्क में है तथा राज्यसभा की दोनों सीट पर जीत का दावा भी कर रहें हैं। बीते दो दिनों से कांग्रेस में एक प्रत्याशी का नाम वापस लिये जाने की चर्चा थी लेकिन पार्टी प्रभारी राजीव सातव ने दो टूक कहा कि कोई भी कांग्रेस का प्रत्याशी नाम वापस नहीं ले रहा है और कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी विजेता होंगे।
इधर, भाजपा विधायक केतन इनामदार तथा सीके राउलजी के कांग्रेस के संपर्क में होने की अटकलों ने भाजपा खेमें की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि इनामदार ने बुधवार सुबह नेता विपक्ष परेश धानानी के के विधानसभा स्थित कार्यलय पर पर जाकर चाय पी तो उनके क्रोस वोटिंग की अटकलें लगने लग गईं।
उधर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गुजरात अध्यक्ष शंकरसिंह वाघेला के इशारे पर भाजपा विधायक सीके राउलजी व दो अन्य विधायकों के क्रोस वोटिंग की अपवाहों ने राजनीतिक गलियारों का माहौल गरमा दिया। गुजरात में एक मात्र राकांपा विधायक कांधल जाडेजा ने भाजपा के प्रत्याशी को वोट देने का एलान किया, वहीं वाघेला ने इससे उलट कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन की बात कही। भारतीय ट्राइबल पार्टी के नेता विधायक छोटु वसावा ने एक बार फिर कांग्रेस का साथ देने का एलान किया, लेकिन उनके बेटे महेश वसावा के भाजपा के साथ संपर्क में होने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
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