Gujarat Assembly By Election 2020: गुजरात उपचुनाव में विजय रूपाणी के लिए प्रतिष्ठा की जंग, कांग्रेस को साख बचाने की फिक्र
Gujarat Assembly By Election 2020 विजय रूपाणी के लिए जहां आठ सीटों का चुनाव परिणाम प्रतिष्ठा की जंग है वही कांग्रेस को साख बचाने की फिक्र है। सीएम हर चुनावी सभा में कांग्रेस में गुटबाजी व चुनाव के बाद कांग्रेस के टूटने की संभावना पर चर्चा कर रहे हैं।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat Assembly By Election 2020: गुजरात की आठ विधानसभा सीटों पर आगामी मंगलवार को होने वाले उपचुनाव के लिए रविवार को अंतिम दिन दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के लिए जहां आठ सीटों का चुनाव परिणाम प्रतिष्ठा की जंग है, वही कांग्रेस को अपनी साख बचाने की फिक्र है। मुख्यमंत्री रूपाणी अपनी हर चुनावी सभा में बार-बार कांग्रेस में गुटबाजी व चुनाव के बाद कांग्रेस के टूटने की संभावना पर चर्चा कर रहे हैं, वही कांग्रेस ने अपना चुनाव प्रचार गद्दार वर्सेज वफादार पर फोकस रखा है। कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा में नेता विपक्ष परेश धनानी लगातार हर चुनावी सभा में कांग्रेस व मतदाताओं के साथ धोखा कर पार्टी बदलने वाले पूर्व विधायकों पर बात कर रहे हैं।
कांग्रेस का इन विधायकों पर सीधा आरोप है कि सत्ता में पैसे के लालच में उन्होंने अपनी पार्टी व अपने मतदाताओं को धोखा देकर चुनी हुई सीट से इस्तीफा देकर दूसरे दल में चले गए। विधानसभा उपचुनाव से राज्य सरकार की सेहत पर वैसे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। रूपाणी सरकार आज भी पूर्ण बहुमत में है, लेकिन चुनाव परिणाम गुजरात की भविष्य की राजनीति को जरूर प्रभावित करेंगे। आठ सीटों पर आने वाले चुनाव परिणाम जहां प्रदेश भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री विजय रूरपाणी की जनता पर पकड़ को साबित करेंगे, वहीं राज्य में कांग्रेस की साख का भी खुला प्रदर्शन होगा। राज्य में 25 साल से भारतीय जनता पार्टी का शासन है तथा भाजपा अपने इस आसन में जनहित व जनकल्याण के विविध कामों को गिना भी रही है। सड़क पानी बिजली यातायात के साथ गांव-गांव तक ब्रॉडबैंड इंटरनेट नर्मदा नहर नर्मदा पाइपलाइन के साथ राज्य के बजट में भारी वृद्धि को भाजपा अपनी उपलब्धि गिना रही है।
वहीं, कांग्रेस किसान, युवा रोजगार व महिला सुरक्षा की बात को आगे कर प्रदेश सरकार पर लगातार हमला कर रही है। उपचुनाव में किसी एक मुद्दे पर बात नहीं हो रही है। भाजपा जहां केंद्र सरकार व राज्य सरकार के कामकाज को गिराने का प्रयास कर रही है, वहीं कांग्रेस लगातार किसानों का फसल बीमा किसानों के कर्ज तथा किसान आत्महत्याओं को मुद्दा बनाए हुए है। राज्य में बेरोजगारी का मुद्दा भी लंबे समय से चर्चा में है, वही अब महिला सुरक्षा को लेकर भी कांग्रेस प्रदेश सरकार पर सवाल उठा रही है।
अबडासा, लिंबड़ी, डांग, कपराड़ा, मोरबी, गढडा, करजण व धारी सीट के लिए तीन नवंबर को मतदान होगा। रविवार शाम को चुनाव प्रचार समाप्त हो गया है तथा प्रत्याशी व उनके समर्थक इसके बाद घर-घर जाकर जनसंपर्क कर सकेंगे। भाजपा में कांग्रेस ने इस चुनाव प्रचार में अपनी अपनी तरफ से पूरी ताकत लगाई है। दोनों ही दलों का चुनावी प्रबंधन व रणनीति अलग-अलग रही है।
इस बार मुकाबला इसलिए भी रोचक नजर आ रहा है, क्योंकि आठ सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने उन पांच पूर्व विधायकों को प्रत्याशी बनाया है, जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। मोरबी में कांग्रेस के प्रत्याशी जयंतीलाल पटेल अपने वेतन के 2400000 रुपये हर जनता की सेवा पर खर्च करने का वादा कर चर्चा में है, वही अबदासा में एक निर्दलीय प्रत्याशी के कांग्रेस के समर्थन में आने की चर्चा ने मुकाबले को कांटे का बना दिया है।