हरियाणा की राजनीति में बड़े हलचल के संकेत, निर्दलीय विधायकों ने मनोहर सरकार को दिखाई ताकत
निर्दलीय विधायकों की नई हलचल से हरियाणा की राजनीति में बदलाव के संकेत हैं। निर्दलीय विधायकों ने एकजुट होकर मनोहरलाल सरकार को अपनी ताकत दिखाई है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के राजनीतिक गलियारों में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और निर्दलीय विधायकों के तेवर राज्य की राजनीति में हलचल के संकेत हैं। भाजपा सरकार को बिना शर्त समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों ने एकजुटता दिखाते हुए चंडीगढ़ में बैठक की और महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू के विरुद्ध दर्ज मुकदमे का प्रबल विरोध किया है। कुंडू द्वारा दो दिन पहले समर्थन वापसी की चेतावनी देने और उस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा सरकार को कोई फर्क नहीं पडऩे संबंधी बयान देने के बाद निर्दलीय विधायकों की इस बैठक को अहम माना जा रहा है।
महम के विधायक बलराज कुंडू के खिलाफ केस दर्ज करने पर नाराज हुए निर्दलीय विधायक
हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला की अगुवाई में निर्दलीय विधायकों की बैठक हुई। इसमें बलराज कुंडू व उनके भाई के खिलाफ दर्ज मामले पर कड़ी आपत्ति जाहिर की गई। निर्दलीय विधायकों ने इस मामले में सरकार पर दबाव बनाने के संकेत दिए हैैं। बिजली मंत्री रणजीत चौटाला खुद निर्दलीय विधायक हैैं तथा रानियां से चुनाव जीतकर आए हैैं।
बिजली मंत्री रणजीत चौटाला व नयनपाल रावत ने समझाया, सीएम से मिलकर करेंगे बातचीत
90 विधायकों वाली हरियाणा विधानसभा में इस समय भाजपा के 40, कांग्रेस के 31, जजपा के 10 तथा सात निर्दलीय व इनेलो तथा हलोपा के एक-एक विधायक हैं। भाजपा को सरकार गठन के समय ही सातों निर्दलीय विधायकों ने बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान कर दिया था। सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों में महम से बलराज कुंडू, रानियां से रणजीत सिंह चौटाला, पृथला से नयनपाल रावत, दादरी से सोमबीर सांगवान, पुंडरी से रणधीर गोलन, बादशाहपुर से राकेश दौलताबाद तथा नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर शामिल हैैं।
हरियाणा में सरकार के गठन के समय मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कई समीकरणों को ध्यान में रखते हुए रानियां के निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला को कैबिनेट मंत्री बनाया था। इसके अलावा सरकार ने नयनपाल रावत, सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन व धर्मपाल गोंदर को चेयरमैन नियुक्त किया। मंत्री बनने के प्रबल दावेदारों में शामिल रहे बलराज कुंडू पिछले कई दिनों से पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के खिलाफ मोर्चेबंदी में जुटे हैैं। ग्र्रोवर की गिनती सीएम के नजदीकी नेताओं में होती है।
इस उठापटक के बीच मंगलवार को उस समय नए राजनीतिक समीकरण पैदा हो गए, जब सभी निर्दलीय विधायक चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में एकत्र हुए। शुरू में खबर आई कि इन विधायकों ने बैठक कर सरकार के समर्थन में एकजुट रहने का संदेश दिया है, लेकिन बाद में पता चला कि मामला बलराज कुंडू के विरुद्ध दर्ज मुकदमे के विरोध से है।
बैठक में जहां निर्दलीय विधायकों ने कुंडू का समर्थन किया, वहीं रणजीत सिंह चौटाला ने सुझाव दिया कि किसी तरह का फैसला लेने से पहले इस मुद्दे पर एक बार मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात की जाए। रणजीत चौटाला की समझदारी के चलते यह तय किया गया कि बहुत जल्द मुख्यमंत्री से मुलाकात की जाएगी। ऐसी बात ही हरियाणा वेयरहाउसिंग कारपोरेशन के चेयरमैन नयनपाल रावत ने कही। रावत बोले कि मुख्यमंत्री निर्दलीय विधायकों की जरूर सुनवाई करेंगे।