Move to Jagran APP

Ayodhya After Verdict : नई दिल्ली से अयोध्या पहुंचे रामलला के वैकल्पिक मंदिर के गर्भगृह के पैनल UP News

ShriRam Mandir in Ayodhya नई दिल्ली में निर्मित प्री फैब्रिकेटेड मेक शिफ्ट फोल्डिंग स्ट्रक्चर को विशेष सुरक्षा में गोपनीय स्थान पर रखवाया गया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 15 Mar 2020 12:57 PM (IST)Updated: Sun, 15 Mar 2020 02:44 PM (IST)
Ayodhya After Verdict : नई दिल्ली से अयोध्या पहुंचे रामलला के वैकल्पिक मंदिर के गर्भगृह के पैनल UP News
Ayodhya After Verdict : नई दिल्ली से अयोध्या पहुंचे रामलला के वैकल्पिक मंदिर के गर्भगृह के पैनल UP News

अयोध्या [रमाशरण अवस्थी]। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में रामलला के मंदिर के वैकल्पिक गर्भगृह के लिए दिल्ली में तैयार विशेष पैनल शनिवार को अयोध्या पहुंच गए। यहां रामलला का वैकल्पिक गर्भगृह 24 फीट लंबा एवं 18 फीट चौड़ा यानी 432 वर्ग फीट में निर्मित होना है।

loksabha election banner

नई दिल्ली में निर्मित प्री फैब्रिकेटेड मेक शिफ्ट फोल्डिंग स्ट्रक्चर को विशेष सुरक्षा में गोपनीय स्थान पर रखवाया गया है। स्ट्रक्चर को पूर्ण वातानुकूलित बनाया गया है। नव संवत्सर की पूर्व संध्या पर 24 मार्च को वैदिक रीति से अनुष्ठानपूर्वक रामलला को इस स्ट्रक्चर में प्रतिष्ठित कर दिया जाएगा। नवरात्र के पहले दिन से दर्शनार्थियों को नये स्थान पर ही रामलला का दर्शन उपलब्ध होगा। वैकल्पिक गर्भगृह फाइबर का है। श्रद्धालु रामलला का आसानी से दर्शन कर सकें, इस लिहाज से गर्भगृह के सामने का हिस्सा बुलेट प्रूफ शीशे का होगा। मंदिर निर्माण की तैयारियों में लगे श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से इसे निर्मित करने का जिम्मा दिल्ली की एक प्रतिष्ठित कंपनी को सौंपा गया था। दिल्ली से बनकर आए वैकल्पिक गर्भगृह के पैनल चिह्नित स्थान पर निर्धारित आकार में संयोजित किए जाएंगे। ट्रस्ट की योजना के मुताबिक 24 मार्च को रामलला वैकल्पिक गर्भगृह में शिफ्ट किए जाएंगे।

रामलला को नए गर्भगृह में स्थापित किए जाने के उपलक्ष्य में 20 मार्च से ही धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे। इसके लिए वाराणसी से विशेषज्ञ 22 वैदिक विद्वान बुलाए गए हैं। 25 मार्च से इसी गर्भगृह में विराजे रामलला का नियमित पूजन-दर्शन शुरू होगा। श्रीराम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रथम राम जन्मोत्सव को भव्यता देने की कार्ययोजना को भी ट्रस्ट अंतिम रूप देने में लगा है। ट्रस्ट यह संदेश देना चाहता है कि रामलला को 27 वर्षों से टेंट के अस्थाई गर्भगृह में रहने की लाचारी से मुक्ति मिलेगी। मौजूदा गर्भगृह में रामलला का दर्शन जहां करीब 50 फीट दूरी से होता है, वहीं वैकल्पिक गर्भगृह में रामलला का दर्शन 24 फीट दूर से ही संभव होगा। मौजूदा गर्भगृह में विराजे रामलला के सम्मुख दर्शनार्थियों को ठहरने की समय सीमा जहां कुछ सकेंड की होती थी, वहीं वैकल्पिक गर्भगृह में दर्शनार्थियों को यह सुविधा कुछ मिनट के लिए मिल सकेगी।

मौजूदा गर्भगृह में रामलला की आरती मात्र गिनती के अर्चकों की मौजूदगी में होती थी, वहीं नई व्यवस्था के तहत आरती में अपेक्षित संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद रह सकेंगे। इसी के साथ ही दर्शनार्थियों को वर्तमान के मुकाबले अधिग्रहीत परिसर में एक किलोमीटर की बजाय छह-सात सौ मीटर ही पैदल चलना होगा।

पानी और अग्नि से सुरक्षित है फाइबर का मंदिर

रामलला को 1992 के बाद अब सुख-सुविधायुक्त फाइबर का मंदिर मिलने जा रहा है। अब तक रामलला टेंट के मंदिर में विराजमान थे, जहां पर सर्दी, गर्मी और बरसात तीनों ही मौसम में समस्याएं होती थीं। रामलला के पास गर्मी से बचने के लिए भी इंतजाम नहीं थे। फाइबर का नया मंदिर, पानी और अग्नि से पूर्ण रूप से सुरक्षित है। रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि यहां 27 वर्ष से रामलला टेंट में विराजमान हैं। रामलला का फाइबर का मंदिर आ गया है। इसमें जल्द से जल्द रामलला को शिफ्ट कर दिया जायगा। फाइबर का मंदिर बहुत ही बेहतर है। उसमें रामलला के लिए जरूरत की सारी सुख-सुविधाएं होंगी। अब रामलला को अब किसी भी तरह की समस्या नहीं होगी। रामलला तिरपाल में रहकर के तमाम कठिनाइयों को 27 वर्षों से झेल रहे थे। अब रामलला का कष्ट जल्दी खत्म होगा। रामलला फाइबर के नए सुविधा युक्त मंदिर में विराजमान होंगे। रामलला को अस्थाई रूप से विराजमान कराने के बाद रामलला के गर्भ गृह पर जमीन के समतलीकरण का कार्य शुरू कराया जाएगा।

17-18 तक पूरा होगा सुरक्षा प्रबंध

जिलाधिकारी एवं रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी अनुजकुमार झा ने बताया कि 17-18 मार्च तक सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंध कार्य पूर्ण होने के बाद प्री फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर को स्थापित करा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह प्री फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर पूर्णतया वातानुकूलित है। रामलला 24-25 डिग्री सेल्सियस तापमान में रहेंगे। जिलाधिकारी श्रीझा ने बताया कि 20 मार्च से अयोध्या के एकादश वैदिक आचार्य रामलला की प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान आरंभ करेंगे जो कि 25 मार्च तक जारी रहेगा। पुन: चैत्र नवरात्र का नौ दिवसीय अनुष्ठान 25 मार्च से आरम्भ होकर दो अप्रैल को रामनवमी तक चलेगा।

पहुंचे तकनीकी दल के14 सदस्य

रामजन्मभूमि के सत्तर एकड़ के विस्तृत परिसर में निर्माण कार्य आरम्भ करने से पहले तकनीकी स्तर पर की जाने वाली प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए शनिवार को तकनीकी दल के 14 सदस्य अयोध्या पहुंचे। लार्सन एण्ड टुर्बो कंपनी के यह सदस्य राजस्थान से आए हैं। इस दल का नेतृत्व इंजीनियर राजेश गुप्त कर रहे हैं। इस दल के सदस्य जमीन की खुदाई के लिए अपने साथ आधुनिक मशीनों को भी लाएं। मालूम हो कि रामजन्मभूमि परिसर में मृदा परीक्षण का कार्य जारी है। इसके लिए अलग-अलग स्तर मिट्टी निकाली जानी है। इं.श्रीगुप्त ने बताया कि मृदा परीक्षण के लिए 30 मीटर गहरे तक खुदाई कराई जाएगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.