West Bengal: विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाना राजनीतिक कदम: शशि थरूर
Kolkata Literary Meet. शशि थरूर ने दावा किया कि सत्ताधारी पार्टी के एजेंडे में विकास नहीं है इसलिए ये हिंदू राष्ट्र बनाने के अपने एजेंडे को पूरी तरह लागू कर रही है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। Kolkata Literary Meet. कांग्रेस सांसद व वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा है कि सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने का राज्यों का कदम राजनीति से प्रेरित है क्योंकि नागरिकता देने में उनकी बमुश्किल ही कोई भूमिका नजर आती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण (एनपीआर) और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी के क्रियान्वयन में राज्यों की अहम भूमिका होगी क्योंकि केंद्र के पास मानव संसाधन का अभाव है, ऐसे में उनके अधिकारी ही इस काम को पूरा करेंगे।
थरूर का बयान ऐसे समय में आया है, जब कांग्रेस शासित पंजाब और वाममोर्चा की अगुवाई वाली केरल विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाए जा चुके हैं। बंगाल विधानसभा में इसके खिलाफ 27 जनवरी को प्रस्ताव लाया जाना है। जबकि महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य भी इसके खिलाफ प्रस्ताव लाने की योजना बन रहे हैं। हालांकि इससे पहले थरूर के पार्टी सहयोगी कपिल सिब्बल ने बी गत सप्ताह यह कह कर बवाल मचा दिया था कि सीएए के क्रियान्वयन से कोई राज्य इन्कार नहीं कर सकता क्योंकि संसद ने इसे पहले ही पारित कर दिया है। बाद में उन्होंने इसे असंवैधानिक करार दिया और स्पष्ट किया कि उनके रुख में कोई बदलाव नहीं है।
बकौल थरूर यह एक राजनीतिक कदम अधिक लगता है क्योंकि नागरिकता संघीय सरकार ही देती है और यह स्पष्ट है कि कोई राज्य नागरिकता नहीं दे सकता इसलिए इसे लागू करने या नहीं करने से उनका कोई संबंध नहीं है। उनके अनुसार वे (राज्य) प्रस्ताव पारित कर सकते हैं या अदालत जा सकते हैं लेकिन व्यावहारिक रूप से अधिक कुछ करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें यह नहीं कह सकतीं कि वे सीएए को लागू नहीं करेंगी, वे यह कह सकती हैं कि वे एनपीआर-एनआरसी को लागू नहीं करेंगी क्योंकि इसमें उनकी अहम भूमिका होगी।
वहीं, सीएए पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से आए फैसले का स्वागत करते हुए थरूर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा सीएए पर रोक लगाने का आदेश नहीं देने से इसके खिलाफ प्रदर्शन कतई कमजोर नहीं हुए हैं। उन्होंने पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ गठित करने के शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत किया।
भाजपा की प्राथमिकता में विकास नहीं, हिंदू राष्ट्र बनाना है: शशि थरूर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व सांसद शशि थरूर ने बुधवार को कोलकाता में कहा कि विकास का कोई एजेंडा नहीं होने के चलते भाजपा अब एक हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती है। उन्होंने कोलकाता साहित्य सम्मेलन में दावा किया कि असली 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' सत्ताधारी पार्टी है, जो देश को टुकड़ों-टुकड़ों में बांट रही है। थरूर ने दावा किया, सत्ताधारी पार्टी के एजेंडे में विकास नहीं है, इसलिए ये हिंदू राष्ट्र बनाने के अपने एजेंडे को पूरी तरह लागू कर रही है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मौजूदा केंद्र सरकार के पास विकास की मानसिकता ही नहीं है। उन्होंने कहा, असली टुकड़े-टुकड़े गैंग सत्ताधारी पार्टी है, जो देश को टुकड़ों-टुकड़ों में बांट रही है। बांटों और राज करो की तर्ज पर पार्टी हमें उसी तरह बांट रही है, जैसा कि ब्रिटिश राज में किया गया। 'टुकड़े- टुकड़े गैंग' इस शब्दावली का इस्तेमाल अक्सर दक्षिणपंथी दल की तरफ से विपक्ष पर हमला करने के लिए किया जाता है, खासतौर से वापपंथी दलों और समर्थित संगठनों के लिए। उन्होंने कहा, क्या राष्ट्रीयता का आधार धर्म होना चाहिए? महात्मा गांधी ने एक धर्मनिरपेक्ष भारत की बात की, पाकिस्तान की तरह नहीं जो इस्लामिक देश बन गया।
थरूर ने कहा, हमारा संविधान सभी के लिए गरिमा और सम्मान को दर्शाता है। संविधान इसे दर्शाता है और साथ ही उसने धर्म आधारित नागरिकता के विचार को अनिवार्य रूप से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि भारत में पहली बार नागरिकता तय करने के लिए धर्म को आधार माना जा रहा है और एक धर्म, इस्लाम को इससे बाहर रखा जा रहा है। उन्होंने कहा, हम भारत के नागरिक हैं, यह साबित करने की जिम्मेदारी हमारे ही ऊपर होगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता हमेशा स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण का जिक्र करते हैं, जिसमें सभी धमरें के लोगों को बहनों और भाइयों कहकर संबोधित किया गया था, लेकिन भाजपा ने इसे छह धमरें और तीन देशों तक सीमित कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने तुगलकी अंदाज में नोटबंदी लागू की और अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया। उन्होंने कहा कि देश में भारी बेरोजगारी है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं और महंगाई बढ़ रही है।