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ममता से लोहा लेने को शाह सीख रहे बांग्ला, बंगाल में आगामी वर्ष 2021 में होना है विधानसभा चुनाव

भाजपा अध्यक्ष व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। दरअसल भाजपा मिशन 250 के तहत बंगाल में प्रचार करने वाली है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 09:31 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 09:31 AM (IST)
ममता से लोहा लेने को शाह सीख रहे बांग्ला, बंगाल में आगामी वर्ष 2021 में होना है विधानसभा चुनाव
ममता से लोहा लेने को शाह सीख रहे बांग्ला, बंगाल में आगामी वर्ष 2021 में होना है विधानसभा चुनाव

कोलकाता, जागरण न्यूज नेटवर्क। अभी पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने में एक साल से कुछ अधिक वक्त बाकी है। हालांकि, एक ओर जहां तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव के बाद से ही अपनी तैयारी में जुटी है तो भाजपा भी पीछे नहीं है। भाजपा अध्यक्ष व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है।

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दरअसल भाजपा 'मिशन 250' के तहत बंगाल में प्रचार करने वाली है। चुनावी रणनीति बनाने में कहीं कोई चूक न रहे और इस मामले में भाषा आड़े न आए, इसके लिए भाजपा अध्यक्ष बांग्ला भाषा सीख रहे हैं। खबर है कि उन्होंने बांग्ला पढ़ाने वाले एक शिक्षक को रखा है।

दरअसल, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 'मां, माटी और मानुष' का नारा बुलंद करती रहती हैं और हाल के दिनों में उन्होंने बंगाली अस्मिता और नागरिकता संशोधन कानून व राष्ट्रीय नागरिक पंजी को खूब हवा देने की कोशिश की है। ऐसे में ममता से टक्कर लेने के लिए भाजपा अध्यक्ष का यह एक बड़ा प्रयास है। गौर करने वाली बात यह है कि ममता के बांग्ला भाषा में लोगों से संवाद करने के मुकाबले में भाजपा के पास कोई तगड़ा नेतृत्व नहीं है। इसे देखते हुए शाह बांग्ला सीख रहे हैं, ताकि वह कम से कम बांग्ला भाषा समझने व बोलने लगे और पश्चिम बंगाल की सभाओं में अपने भाषणों की शुरुआत बांग्ला में करें, जिससे भाषण प्रभावी लगे।

बाहरी का जवाब देने की है तैयारी

अपनी सभाओं में ममता भाजपा अध्यक्ष को बाहरी कह कर संबोधित करती हैं। अमित शाह को चुनावी रणनीति का माहिर माना जाता है और हर चुनाव के लिए शाह अलग-अलग रणनीति बनाते हैं। लेकिन पहले महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में चूकने और झारखंड में पार्टी की हार के बाद अब अमित शाह बंगाल में चुनावी कमान अपने हाथ में रखना चाहते हैं। इसके लिए जरूरी है कायकर्ताओं से संवाद और समन्वय। लिहाजा भाषा कहीं इस रणनीति में आड़े न आए, शाह बांग्ला सीख रहे हैं।

गुजरात में प्रवेश पर लगी रोक तो सीख ली हिंदी!

बंगाल भाजपा के एक बड़े नेता के मुताबिक, इसमें कुछ भी नया नहीं है। नेता ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष बांग्ला और तमिल सहित देश के अलग-अलग प्रदेशों में बोली जाने वाली चार भाषाएं सीख रहे हैं। गौरतलब है कि कई लोग आश्चर्य करते हैं कि वषरें गुजरात में बिताने के बावजूद अमित शाह कैसे अच्छी हिंदी बोल लेते हैं। इस पर सूत्रों का कहना है कि जेल में रहने के दौरान और कोर्ट द्वारा गुजरात में प्रवेश पर दो साल का प्रतिबंध लगाए जाने के दौरान अमित शाह ने हिंदी पर पकड़ बनाई थी।

शाह ने शास्त्रीय संगीत की भी ली है शिक्षा

भाजपा अध्यक्ष बनने से पहले उन्होंने देश भर का दौरा किया और वह प्रमुख तीर्थ स्थानों पर गए। इससे उन्हें देश के तमाम हिस्सों के राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक पहलुओं को समझने में मदद मिली। बताया जाता है कि अमित शाह के इसी रिसर्च का परिणाम था कि वह गुजरात से निकलकर उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में चुनावी अभियान को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा सके। बहुत कम लोगों को पता होगा कि बहुभाषी होने के साथ ही अमित शाह ने शास्त्रीय संगीत की भी शिक्षा ली है। खुद को रिलैक्स करने के लिए शाह शास्त्रीय संगीत और योग का सहारा लेते हैं।

बंगाल में भाजपा का 'मिशन 250'

294 विधानसभा सीटों वाले पश्चिम बंगाल में भाजपा ने 'मिशन 250' का लक्ष्य तय किया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कुल 42 सीटों में से 18 पर जीत हासिल की थी, जबकि तृणमूल को 22 सीटें मिलीं। भले ही तृणमूल ने भाजपा से 4 सीटें ज्यादा हासिल कीं, लेकिन यह पहला मौका है, जब भगवा दल को बंगाल में दो अंकों में लोस सीटें मिली। 


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