Move to Jagran APP

अब समाजवादी पार्टी भी मनाएगी आंबेडकर परिनिर्वाण दिवस, बसपा के दलित वोटबैंक पर लगी निगाहें

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने निर्देश जारी किया है कि जिलों में छह दिसंबर को भारत के संविधान निर्माता व दलितों के मसीहा डॉ.आंबडेकर का परिनिर्वाण दिवस अनिवार्य रूप से मनाया जाए।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 08:39 PM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 05:32 PM (IST)
अब समाजवादी पार्टी भी मनाएगी आंबेडकर परिनिर्वाण दिवस, बसपा के दलित वोटबैंक पर लगी निगाहें
अब समाजवादी पार्टी भी मनाएगी आंबेडकर परिनिर्वाण दिवस, बसपा के दलित वोटबैंक पर लगी निगाहें

लखनऊ, जेएनएन। गठबंधन टूटने के बाद से समाजवादी पार्टी (सपा) अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के वोटबैंक पर निगाहें लगाए है। बागियों को सपा में स्थान और सम्मान देने के अलावा दलितों को जोड़ने की मुहिम भी जारी है। समाजवादी पार्टी पहली बार बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस व्यापक स्तर पर मनाएगी। बाबा साहेब को याद करने के लिए छह दिसंबर को जिलों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे।

loksabha election banner

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि जिलों में छह दिसंबर को भारत के संविधान निर्माता व दलितों के मसीहा डॉ.आंबडेकर का परिनिर्वाण दिवस अनिवार्य रूप से मनाया जाए। इस मौके पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही समाज निर्माण में उनकी भूमिका और आदर्शों पर चर्चा की जाए।

होर्डिंग्स पर लोहिया के साथ बाबा साहेब के चित्र

समाजवादी पार्टी के अधिकृत होर्डिग्स में भी बदलाव किया है। डॉ. राममनोहर लोहिया के साथ में बाबा साहेब के चित्र सभी होर्डिंग्स व अन्य प्रचार माध्यमों पर लगाने को भी कहा गया है। बसपा से सपा में शामिल हुए एक पूर्व विधायक का कहना है कि बसपा से गठबंधन भले ही टूट गया हो परंतु दलितों में सपा को लेकर आक्रोश कम हुआ है। ऐसे में बसपा से नाराज दलितों का एक खेमा समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवारी करने का राजी दिखता है। इसके लिए समाजवादी पार्टी योजनाबद्ध तरीके से दलितों का भरोसा जीतने की कोशिश में लगी है।

चुनाव में भाजपा को लगेगा करंट

सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग के मनमाने रवैये से नाराज किसान, बुनकर तथा आम उपभोक्ता विधानसभा चुनाव में भाजपा को झटका देंगे। शुक्रवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि बिजली दरों में 15 फीसद बढ़ोत्तरी उपभोक्ताओं पर भारी बोझ है। महंगी बिजली कर्जदार किसान के लिए जानलेवा है। विद्युत विभाग अपनी खामियां दूर करने के बजाए उपभोक्ताओं को दोषी ठहरा रहा है। सिक्योरिटी मनी, मीटर रीडिंग और कनेक्शन के नाम पर उपभोक्ताओं का मानसिक-आर्थिक तौर पर शोषण किया जाता है। जनता में भाजपा की गलत नीतियों से भारी नाराजगी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.