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सपा के जिलाध्यक्षों पहली सूची में 'यादवों' का बोलबाला, अन्य पिछड़ा वर्ग को जोड़ने की कोशिश

समाजवादी पार्टी अपने मूल वोट बैंक को जरा भी निराश करने की स्थिति में नहीं है। इसी कारण गुरुवार को पार्टी के जिलाध्यक्षों की पहली सूची में यादवों का बोलबाला रहा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 12:13 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 12:13 PM (IST)
सपा के जिलाध्यक्षों पहली सूची में 'यादवों' का बोलबाला, अन्य पिछड़ा वर्ग को जोड़ने की कोशिश
सपा के जिलाध्यक्षों पहली सूची में 'यादवों' का बोलबाला, अन्य पिछड़ा वर्ग को जोड़ने की कोशिश

लखनऊ [अवनीश त्यागी]। प्रदेश में मिशन- 2022 की तैयारी में लगी समाजवादी पार्टी अपने मूल वोट बैंक को जरा भी निराश करने की स्थिति में नहीं है। इसी कारण गुरुवार को पार्टी के जिलाध्यक्षों की पहली सूची में यादवों का बोलबाला रहा। इसके साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग को जोड़ने की कोशिश भी नजर आती है। 15 जिलों की इस सूची में नए चेहरों के साथ अनुभवी नेताओं को भी जिलों की जिम्मेदारी सौंपकर संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है। इन 15 में आठ जिलाध्यक्ष यादव हैं।

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प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने गुरुवार को सूची जारी की। जिसमें 15 जिलाध्यक्षों के साथ चार उपाध्यक्ष व एक जिला महामंत्री के नाम भी घोषित किया गया है। जिलाध्यक्षों में आधे से ज्यादा यादव समाज से है। बस्ती, औरेया, इटावा, लखनऊ, जालौन, उन्नाव, कानपुर ग्रामीण और गोंडा जिलों की कमान यादव नेताओं के हाथ में सौंपी गई है। दो मुस्लिम नेताओं को बुलंदशहर व गाजियाबाद जिलों में अध्यक्ष बनाया गया है। अन्य पिछड़ा वर्ग को साधने के लिए मैनपुरी में पाल, सहारनपुर में गुर्जर व बरेली जिले में मौर्य बिरादरी से जिलाध्यक्ष बनाया है। इसके अलावा सवर्ण समाज को जोड़ने के लिए मुजफ्फरनगर में त्यागी ब्राह्मण और मथुरा में राजपूत समाज का जिलाध्यक्ष नामित किया गया है।

युवाओं को तरजीह, अनुभवियों को भी सम्मान

नवनियुक्त जिलाध्यक्षों में युवाओं को तरजीह दी गई है। खास कर छात्र राजनीति में सक्रिय नेताओं को संगठन में आजमाने का फैसला लिया गया। पहली सूची में 70 प्रतिशत जिलाध्यक्ष युवा हैं। इसके अलावा पार्टी के गत चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले भी जिलाध्यक्ष बनाए गए हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि संगठन व जनप्रतिनिधियों में टकराव न हो, इसका भी विशेष ध्यान रखा गया है। युवजन सभा एवं छात्र सभा में सक्रिय रहे पदाधिकारियों को प्रोन्नत करके मुख्य संगठन में लाया गया है। नियुक्ति को लेकर असंतोष न बने, इसके लिए औरेया, मथुरा और कानपुर ग्रामीण में जिलाध्यक्ष के साथ उपाध्यक्ष व महामंत्री भी तैनात कर दिए गए है। पहली सूची में महिलाओं को जगह न मिल पाना अटपटा लगा परंतु शीर्ष नेताओं का कहना है कि जिला कमेटियों में महिला प्रतिनिधित्व का भरपूर ध्यान रखा जाएगा।

उल्लेखनीय है कि गत लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद प्रदेश अध्यक्ष को छोड़कर संगठन की सभी इकाइयां भंग कर दी गयी थी। पिछले करीब दो माह से नया संगठन तैयार करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव क्षेत्रवार प्रमुख नेताओं की बैठकों में चर्चा कर रहे हैं।

नवनियुक्त जिलाध्यक्ष

1-मैनपुरी-दीप सिंह पाल।

2-इटावा-गोपाल यादव।

3-औरेया-राजवीर सिंह-अध्यक्ष, ओमप्रकाश ओझा-महामंत्री, रवि वर्मा- उपाध्यक्ष।

4-मुजफ्फरनगर- प्रमोद त्यागी।

5-सहारनपुर- रुद्रसेन चौधरी।

6-बस्ती-महेंद्र यादव।

7-गाजियाबाद-राशिद मलिक।

8-मथुरा-लोकमणि जादौन-अध्यक्ष, रणवीर सिंह धनगर-उपाध्यक्ष।

9-लखनऊ- जयसिंह जयंत।

10-जालौन- नवाब सिंह।

11-बुलंदशहर- अमजद गुड्डू।

12-उन्नाव- धर्मेंद्र सिंह यादव।

13-कानपुर- राघवेंद्र सिंह-अध्यक्ष, राजकुमार चौहान व रमाकांत पासवान -उपाध्यक्ष।

14-बरेली- इंजीनियर अगम मौर्य।

15-गोंडा- आनंद स्वरूप उर्फ पप्पू यादव। 


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