Rajya Sabha Election 2020: समाजवादियों ने फंसाया बसपा की निर्विरोध जीत में पेंच, भाजपा ने किया खुद को सुरक्षित
Rajya Sabha Election 2020 लोकसभा चुनाव में गठबंधन कर लंबी लड़ाई का दावा करने वाले सपा व बसपा फिर से आमने सामने होंगे। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव विधायकों के वोट पर होना है इस कारण दोनों दलों में क्रास वोटिंग का खेल होगा।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की दसवीं सीट पर निर्विरोध निर्वाचित होने की बहुजन समाज पार्टी की उम्मीद पर समाजवादी पार्टी ने पानी फेर दिया। वोटों की खरीद-फरोख्त व खींचतान से बचते हुए भारतीय जनता पार्टी ने नौंवां उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला लेकर खुद को सुरक्षित कर लिया है। विधायकों की संख्या के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के सभी आठ प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित है, वहीं समाजवादी पार्टी के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव का फिर से राज्यसभा पहुंचना भी तय है। चुनावी मुकाबले में 11 प्रत्याशी उतर आने से दसवें सदस्य की जीत के लिए सपा-बसपा के बीच जोर आजमाइश होगी।
गत लोकसभा चुनाव में गठबंधन कर लंबी लड़ाई का दावा करने वाले सपा व बसपा फिर से आमने सामने होंगे। यह चुनाव विधायकों के वोट पर होना है, इस कारण दोनों दलों में क्रास वोटिंग का खेल होगा। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को बसपा विधायक असलम चौधरी की पत्नी को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराकर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। वर्तमान में विधानसभा में 403 में से 395 विधायक हैं। आठ सीटें खाली हैं, जिसमें सात पर उपचुनाव हो रहा है। अब भाजपा के पास 305 विधायक हैं। सपा के पास 48, बसपा-18, अपना दल-नौ, कांग्रेस सात व सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार विधायकों के अलावा चार निर्दल हैं।
एक प्रत्याशी को जीतने के लिए प्रथम वरीयता की कम से कम 36 वोटों की जरूरत होगी। ऐसे में बसपा व सपा दोनों को बाहरी वोटों की जरूरत होगी। बसपा उम्मीदवार रामजी गौतम की जीत के लिए कांग्रेस की सभी सात, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की चार व निर्दलीयों की वोटों की बेहद जरूरत होगी। भाजपा की निगाह अपने अतिरिक्त 16 और अपना दल के नौ वोटों पर भी रहेगी।
भाजपा व सहयोगी दल होंगे गेम चेंजर : समाजवादी पार्टी के पास रामगोपाल यादव की जीत सुनिश्चित करने के बाद 12 वोट अतिरिक्त बच जाएंगे। उसको भी निर्दलीय उम्मीदवार वाराणसी के प्रकाश बजाज को जिताने के लिए अन्य दलों के वोटों की जरूरत होगी। वोटों की खींचतान में भाजपा व उसके सहयोगी दलों की भूमिका अहम होगी। भाजपा को अपना दल के अलावा रालोद के एक विधायक का समर्थन प्राप्त है। सूत्रों कहना है कि वही दसवां प्रत्याशी राज्यसभा पहुंचेगा, जिसको भाजपा व सहयोगी दलों का समर्थन मिलेगा।