डॉ.रामकरन निर्मल को लोहिया वाहिनी की कमान सौंप सपा ने दलित एजेंडे की दिशा में बढ़ाया एक और कदम
समाजवादी पार्टी में दलित महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि बड़े स्तर पर मनाने का सिलसिला आरंभ करने के साथ संगठन में दलितों का प्रतिनिधित्व भी बढ़ाया जा रहा है।
लखनऊ, जेएनएन। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से गठबंधन टूटने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) लगातार दलितों को लुभाने में जुटी है। दलित महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि बड़े स्तर पर मनाने का सिलसिला आरंभ करने के साथ संगठन में दलितों का प्रतिनिधित्व भी बढ़ाया जा रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को समाजवादी लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर कौशांबी के छात्र नेता डॉ.रामकरन निर्मल की तैनाती कर सपा ने दलित एजेंडे की दिशा में एक कदम और बढ़ा दिया है।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने बताया कि डॉ. रामकरन निर्मल इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में जाना पहचाना नाम हैं। धोबी समाज से ताल्लुक रखने वाले रामकरन अब तक जिला स्तर पर ही सक्रिय थे। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नए चेहरों व जुझारू युवाओं को आगे लाने का निर्देश दिया है। पटेल ने कहा कि भाजपा के कुचक्र का जवाब देने के लिए युवाओं में उत्साह है। उनको अखिलेश में उम्मीद नजर आ रही है।
बता दें कि समाजवादी पार्टी ने विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए संगठन के पुनर्गठन का काम शुरू कर दिया है। लगभग दो दर्जन जिलों में अध्यक्षों की तैनाती के अलावा कुछ स्थानों पर पदाधिकारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष पटेल ने बताया कि शेष पदाधिकारियों की नियुक्ति भी जल्द हो जाएगी। बसपा से आए एक पूर्व विधायक का कहना है कि बसपा कमजोर होने से दलित समाज में सपा के प्रति आकर्षण बढ़ा है। इसलिए बसपा से बड़ी संख्या में नेताओं का सपा में शामिल होने का सिलसिला जारी है। कांग्रेस में उन्हें अपना राजनीतिक भविष्य नहीं दिख रहा है। कांशीराम, आंबेडकर व संत गाडसे जैसे महापुरुषों को सपा ने भी याद करना शुरू किया है। होर्डिंग्स और पोस्टरों पर डा.आंबेडकर के चित्र लगाने से सपा में दलित समाज का भरोसा बढ़ा है।
मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव लड़ेंगे
अगले साल मध्य प्रदेश में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी पूरी ताकत से उतरेगी। स्थानीय संगठन को तैयारी में जुटने के निर्देश दिए गए हैं।