Rajasthan Political Crisis: अशोक गहलोत खेमे के विधायकों के संपर्क में थे सचिन पायलट
Rajasthan Political Crisis 14 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र से पहले विधायकों में टूट की आशंका को देखते हुए विधायकों को जैसलमेर शिफ्ट किया गया है।
नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। Rajasthan Political Crisis: राजस्थान के कांग्रेस विधायकों को शुक्रवार अचानक जयपुर से जैसलमेर शिफ्ट कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने खेमे में संभावित टूट को बचाने का प्रयास किया है। राज्य गुप्तचर ब्यूरो (सीआइडी) के माध्यम से मुख्यमंत्री को गुरुवार सूचना मिली थी कि सचिन पायलट के विश्वस्त गहलोत खेमे के चार विधायकों के संपर्क में हैं। इन चारों विधायकों से सचिन पायलट के विश्वस्तों की लगातार बात हो रही है। सीएम को एक अन्य सूचना यह मिली कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व राज्य भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ की भी गहलोत खेमे के दो विधायकों के परिजनों से लगातार बात हो रही थी।
सीएम गहलोत के निकट माने जाने वाले राज्य के एक वरिष्ठ आइएएस अधिकारी ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि 14 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र से पहले विधायकों में टूट की आशंका को देखते हुए विधायकों को जैसलमेर शिफ्ट किया गया है। इस अधिकारी ने बताया कि जैसलमेर के चयन राजनीतिक सुरक्षा के लिहाज से किया गया है। पहले विधायकों को उदयपुर, अलवर व भरतपुर शिफ्ट करने पर भी विचार हुआ था, लेकिन बाद में विचार आया कि ये सभी जिले भाजपा शासित प्रदेशों के निकट हैं। इस कारण अंतिम निर्णय जैसलमेर को लेकर किया गया।
सूत्रों के अनुसार, जैसमलेर के जिस होटल में विधायक रहेंगे उसके आसपास सादी वर्दी में सीआइडी के जवान तैनात किए गए हैं। होटल के अंदर भी सीआइडी की निगरानी रहेगी। सीएम के विश्वस्त आधा दर्जन कांग्रेस नेताओं को विधायकों के इर्द-गिर्द रहने के लिए कहा गया है। उधर, सीएम गहलोत ने कहा कि अब तक हमारे विधायक जयपुर में बैठे हुए थे, लेकिन जैसे ही राज्यपाल का आदेश सदन बुलाने को लेकर जारी हुआ तो कहां-कहां से फोन आने लगे। बाहर से विधायकों व उनके परिवार वालों को फोन किए जा रहे थे। पैसे का लालच दिया जा रहा है, धमकी दी जा रही है। उन्हें मानसिक रूप से परेशान कर दिया गया।
गहलोत बोले, षड्यंत्र कर विधायकों को मानेसर ले जाया गया
सीएम अशोक गहलोत ने एक बयान में कहा कि भाजपा के नेता राजनीतिक खेल खेल रहे हैं। हमारे साथियों को मानेसर व गुरुग्राम के होटल और रिसॉर्ट में रखा गया है। उन्हें षड्यंत्र करके ले जाया गया है। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह का नाम मैं इसलिए लेता हूं, क्योंकि फ्रंट पर हमेशा वे ही आते हैं। कर्नाटक, मध्य प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश सब जगह अमित शाह ही सरकार गिराने का काम करते हैं। वे दिन-रात सोते-जागते यही सोचते हैं कि किस तरह सरकार गिराऊं। अब चुनी हुईं सरकारें यदि इस तरह गिरने लगी तो देश में लोकतंत्र कहां बचेगा। केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय खुद सरकार गिराने में लग जाए तो क्या हालात होंगे। इस बात से राजस्थान का बच्चा-बच्चा चिंतित है।