Rajasthan Political Crisis: पायलट सर्मथक बोले, विधायकों की जासूसी करा रही गहलोत सरकार; भाजपा ने मांगा जवाब
Rajasthan Political Crisis सचिनपायलट खेमे के मुताबिक गहलोत सरकार जैसलमेर में रह रहे विधायकों के टेलीफोन टेप कराने के साथ ही आपसी बातचीत भी रिकॉर्ड करा रही है।
नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान में चल रहे सियासी संग्राम के बीच सचिन पायलट खेमे ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने खेमे के विधायकों की ही जासूसी करा रही है। पायलट खेमे का दावा है कि गहलोत सरकार के निर्देश पर जयपुर के मानसरोवर में बैठकर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी दो निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर जैसलमेर में रह रहे विधायकों के टेलीफोन टेप कराने के साथ ही आपसी बातचीत भी रिकॉर्ड करा रही है। पायलट खेमे की ओर से इस संबंध में शुक्रवार को कुछ कागज भी जारी किए गए। सचिन पायलट खेमे की तरफ से कहा कहा गया कि होटल सूर्यगढ़ में गहलोत खेमे के विधायक ठहरे हैं, वहां चार जैमर लगाए गए हैं। इस कारण मोबाइल पर बात नहीं हो सकती।
ऐसे में विधायक होटल का नेटवर्क इस्तेमाल करने के लिए मजबूर है। होटल में रिसेप्शन ही जगह एक ऐसी जगह है, जहां से फोन पर बात करना संभव है। विधायक जैसे ही फोन पर बात करते हैं तो उनकी रिकॉर्डिंग हो जाती है। उधर उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, हर संदिग्ध विधायक पर नजर रखी जा रही है कि वो किससे बात कर रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि छह दिन पूर्व होटल के प्रत्येक हिस्से में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें आवाज भी रिकॉर्ड होती है। इनके माध्यम से यह रिकॉर्डिंग होती है कि विधायक आपस में क्या बात कर रहे हैं और फिर पूरा रिकॉर्ड सीएम गहलोत के विश्वस्त मुख्य सचेतक महेश जोशी देखते हैं और जरूरत पड़ने तक सीएम तक पहुंचाते हैं।
इन विधायकों की रिकॉर्डिंग का दावा
सचिन पायलट खेमे की तरफ से उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के मुताबिक, दो से चार अगस्त तक स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, टीएडी मंत्री अर्जुन बामनिया, विधायक रोहित बोहरा, जाहिदा खान, बलजीत यादव और वीरेंद्र चौधरी के कॉल रिकॉर्ड हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, इनके अलावा दानिश अबरार, प्रशात बैरवा और शकुंतला रावत की आपसी बातचीत की भी रिकॉर्डिंग की गई है।
पुलिस की सफाई
विधायकों के फोन टेप होने का मामला गरमाने के बाद राजस्थान पुलिस मुख्यालय की ओर से शुक्रवार शाम एक प्रेस नोट जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि पुलिस की किसी भी यूनिट ने किसी भी विधायक की फोन टेपिंग ना तो अब की जा रही है और ना ही पहले की गई थी। पुलिस की तरफ से कहा गया कि होटल के रिसेप्शन से कमरों में इंटरकॉम के माध्यम से बातचीत की रिकॉर्डिंग की बात भी काल्पनिक व मिथ्या है। फोन टेपिंग आपराधिक व असैंवधानिक कृत्य है। राजस्थान पुलिस हमेशा आपराधिक कृत्य को रोकने का काम करती है।
भाजपा ने सरकार को घेरा
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर गहलोत सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चुने हुए विधायकों को भेड़, बकरियों की तरह हांक कर, डरा-डमका कर निगराने में रखकर उनकी जासूसी कर कौन से लोकतंत्र को बचाने की नौटंकी कर रहे हैं। शेखावत ने कहा कि जैसलमेर के होटल में फोन टेपिंग, इंटरकॉम टेपिंग व होटल में मोबाइल जैमर लगाना गहलोत का भय है। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि फोन टेपिंग की सच्चाई जानना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारी विधायकों के फोन टेप करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत को इस मामले में जवाब देना चाहिए।