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'आज के शिवाजी नरेंद्र मोदी' पुस्तक पर बवाल, संजय राउत भी भड़के

Chhatrapati Shivaji Maharaj दिल्‍ली में भाजपा नेता की पुस्‍तक आज के शिवाजी नरेंद्र मोदी में पीएम मोदी की तुलना शिवाजी महाराज से करने पर सियासी घमासान शुरु हो गया है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 11:23 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 11:23 AM (IST)
'आज के शिवाजी नरेंद्र मोदी' पुस्तक पर बवाल, संजय राउत भी भड़के
'आज के शिवाजी नरेंद्र मोदी' पुस्तक पर बवाल, संजय राउत भी भड़के

मुंबई, जेएनएन। दिल्ली में भाजपा के नेता जय भगवान गोयल की पुस्तक 'आज के शिवाजी नरेंद्र मोदी' में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना शिवाजी महाराज से करने ने महाविकास आघाडी के तीनों दलों ने भाजपा पर प्रहार किया है। इस किताब से सियासी घमासान शुरु हो गया है। पुस्तक के शीर्षक को लेकर शिवाजी महाराज के वंशज और राज्यसभा सांसद संभाजी छत्रपति ने आपत्ति जतायी है, वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने भी भाजपा पर तंज कसते हुए इसकी आलोचना की है। राउत ने कहा है कि शिवाजी महाराज की तुलना विश्व में किसी से नहीं की जा सकती। महाराष्ट्र भाजपा इस पुस्तक को लेकर अपनी भूमिका स्पष्ट करे।  

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शिवसेना नेता राउत ने प्रश्न किया, क्या शिवाजी महाराज के वंशज और भाजपा नेता उदयन राजे भोसले, विधायक शिवेंद्र राजे भोसले और राज्सभा सदस्य संभाजी राजे को इस तरह की तुलना स्वीकार्य है? राकांपा नेता और मंत्री धनंजय मुंडे का कहना है कि इस पुस्तक से भाजपा नेताओं ने मराठी अस्मिता को आहत किया है। ज्ञात हो कि इस पुस्तक का हाल ही में दिल्ली भाजपा कार्यालय में लोकार्पण किया गया था। 

इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत का कहना है कि छत्रपति शिवाजी महाराज की तुलना पीएम मोदी से करना शिवाजी महाराज की विचारधारा का अपमान है क्योंकि शिवाजी महाराज की विचारधारा भाजपा की विचारधारा से बिलकुल विपरीत है

एनसीपी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पहले शिवाजी महाराज के नाम पर वोट मांगा था और आज अपनी तुलना उनसे कर रहे हैं। शिवाजी महाराज से उनकी तुलना बिलकुल भी संभव नहीं है। 

कांग्रेस नेता अतुल सुधाकर लोंढे ने नागपुर के नंदनवन थाने में शिकायत पत्र दे इस पुस्तक पर प्रतिबंध की मांग की है। सुधाकर लोंढे ने आरोप लगाया कि पीएम नरेंद्र मोदी की तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज से करने पर उनकी धार्मिक भावना को आघात लगा है। छत्रपति महाराज करोड़ों शिव भक्तों के आराध्य देव हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी या किसी अन्य से उनकी तुलना करना हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाता है। इस पुस्तक को लेकर लेखक जयभगवान गोयल, प्रकाशक और इसके विमोचक  के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।  

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