Move to Jagran APP

राजद नेताओं को भी नहीं पता, दिल्ली में कौन-सा सियासी पेंच सुलझा रहे हैं तेजस्वी

बिहार में हर कोई ये जानना चाह रहा है कि आखिर तेजस्वी यादव कहां हैं? यहां तक कि राजद नेताओं को भी पता नहीं कि वो दिल्ली में हैं या कहीं और? दिल्ली में हैं तो कौन सा पेंच सुलझा रहे।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 03 Aug 2019 10:43 AM (IST)Updated: Sat, 03 Aug 2019 10:16 PM (IST)
राजद नेताओं को भी नहीं पता, दिल्ली में कौन-सा सियासी पेंच सुलझा रहे हैं तेजस्वी
राजद नेताओं को भी नहीं पता, दिल्ली में कौन-सा सियासी पेंच सुलझा रहे हैं तेजस्वी

 पटना [अरविंद शर्मा]। बिहार में फिर चर्चा है कि तेजस्वी यादव कहां हैं। लोकसभा चुनाव के बाद एक बार अदृश्य हो गए थे तो 33 दिन बाद लौटकर बताया था कि घुटने में चोट का दिल्ली में इलाज करा रहे थे। अब दोबारा क्या हो गया? लोकसभा चुनाव के पहले तक बात-बात पर बयान जारी करने वाले नेता प्रतिपक्ष अब उसमें भी चूक रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी कभी-कभी ही दिखते हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि लालू प्रसाद की सियासी विरासत को इतने हल्के तरीके से क्यों लिया जा रहा है।

loksabha election banner

तेजस्वी कहां हैं, यह सही-सही राजद के किसी नेता को नहीं पता है। रघुवंश प्रसाद सिंह को भी नहीं। राजद प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे भी अनजान हैं। उनके करीबी रिश्तेदार मणि यादव भी अभी तेजस्वी के साथ नहीं हैं। उन्होंने इतना बताया कि नेताजी अभी दिल्ली में हैं और दो-तीन दिनों में पटना आने के लिए बोल रहे थे।

राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव कमर आलम के मुताबिक तेजस्वी दिल्ली में ही एक अति महत्वपूर्ण काम में लगे हुए हैं। हम सबके संपर्क में हैं और जल्द ही पटना लौटने वाले हैं। राजद के प्रदेश महासचिव आलोक कुमार मेहता भी तेजस्वी के दिल्ली में होने की बात स्वीकार करते हैं। किंतु संवाद के सवाल पर वह भी चुप्पी लगा जाते हैं।

पिछले करीब ढाई महीने से नेता प्रतिपक्ष के अदृश्य रहने के पीछे परोक्ष तौर पर तीन वजहें बताई जा रही हैं। पहली पारिवारिक और दूसरी सियासी अभियान। कानूनी लफड़े को भी एक बड़ा कारण बताया जा रहा है। लालू परिवार के करीबी लोग पारिवारिक पेंच से इन्कार करते हैं। कानूनी लफड़े में भी उन्हें कोई दम नजर नहीं आता। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कौन सा ऐसा सियासी अभियान है, जिसके लिए नेता प्रतिपक्ष का पटना से ज्यादा दिल्ली में रहना जरूरी है।

तेजस्वी की चुप्पी से सब हैरान

तेजस्वी के बयान का सबसे ज्यादा इंतजार उस दिन हुआ जिस दिन राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर विपक्ष बुरी तरह मात खा गया। हालांकि सदन में राजद ने कांग्र्रेस का साथ तो दिया, लेकिन तेजस्वी का कोई बयान नहीं आया। बिहार में भाजपा की प्रचंड विरोधी पार्टी की पहचान रखने वाले राजद के सबसे बड़े नेता की चुप्पी ने सबको हैरान किया। हालांकि विधायक भाई वीरेंद्र और ललित यादव ने दावा किया कि नेता प्रतिपक्ष की अनुपस्थिति में भी राजद ने विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष की अपनी भूमिका बेहतर निभाई।

बड़े जतन से लालू ने राजद को बढ़ाया

नब्बे के दशक में लालू ने जनता दल से खुद को अलग करके बड़े जतन से राजद की स्थापना की थी। विपरीत हालात में भी कठिन मेहनत और लगन से इसे खड़ा किया। इसी दौरान चारा घोटाले में भी फंसे लेकिन राजद को बड़ा करते रहे। एक समय में इसे राष्ट्रीय पार्टी की पहचान भी दिलाई। अब खुद जेल में हैं तो राबड़ी देवी के अलावा पार्टी का ख्याल रखने वाला कोई नहीं है।

पिछले ही महीने राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से तेजस्वी यादव के नेतृत्व में अगला विधानसभा चुनाव लडऩा सुनिश्चित किया है। बिहार में सभी छोटे-बड़े दल चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं, लेकिन राजद अभी दूसरे ही उलझन में है। शीर्ष नेतृत्व में बेचैनी भी नहीं दिख रही।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.