Triple Talaq: तीन तलाक पर NDA में मतभेद फिर गहराया, संसद में बिल का JDU ने किया विरोध
Triple Talaq केंद्र सरकार ने गुरुवार को संसद में तीन तलाक विधेयक पेश किया लेकिन एनडीए में इस मुद्दे पर एक राय नहीं दिखी। बीजेपी के सहयोगी जेडीयू ने विधेयक का विरोध किया।
By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 25 Jul 2019 10:05 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 07:15 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) व जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बीच तीन तलाक (Triple Talaq) बिल पर मतभेद फिर गहराता दिखा। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) ने गुरुवार को संसद (Parliament) में तीन तलाक का विधेयक (Triple Talaq Bill) पेश किया। जदयू ने इस बिल का विरोध किया। गुरुवार को लोकसभा (Lok Sabha) में इस बिल का विरोध जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने जोरदार ढंग से किया।
बीजेपी ने अपने सांसदों को जारी किया था व्हिप
बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने वर्तमान लोकसभा (Lok Sabha) के पहले सत्र के पहले ही दिन तीन तलाक विधेयक का मसौदा पेश कर इसके प्रति अपनी गंभीरता जाहिर कर दी थी। विधेयक को गुरुवार को लोकसभा में पेश किया। विधेयक को लेकर बीजेपी ने अपने सांसदों को व्हिप (Whip) जारी किया था।
विधेयक का जेडीयू ने किया विरोध
दूसरी ओर एनडीए में बीजेपी का सहयोगी दल जेडीयू इसके विरोध में उतर आया। लोकसभा में जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि 'इस विधेयक से एक विशेष समुदाय में अविश्वास पैदा होगा। उन्होंने कहा कि इसपर आम सहमति जरूरी है।
इसके पहले पटना में जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी को विधेयक पेश करने के पहले इस मुद्दे पर सबको बिठाकर बात करनी चाहिए थी। एनडीए में अन्य दलों से इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने के लिए विमर्श नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि हर पार्टी का अपना एजेंडा होता है। जेडीयू और बीजेपी के भी अपने-अपने एजेंडे हैं।
जेडीयू का पहले से ही साफ है स्टैंड
विदित हो कि जेडीयू इस मुद्दे पर अपना यह स्टैंड पहले ही साफ कर चुका है कि वह मौजूदा स्वरूप में इस विधेयक का समर्थन नहीं करेगा। जेडीयू सुप्रीमो व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) लॉ कमीशन को पहले बता चुके हैं कि यह संवेदनशील मामला है, जिस पर आम सहमति जरूरी है।
बीजेपी व जूडीयू में कई मुद्दों पर मतभेद
दरअसल, बीजेपी व जेडीयू साथ तो हैं, लेकिन कई बड़े मुद्दों पर दोनों के स्टैंड अलग-अलग हैं। तीन तलाक का मुद्दा इनमें शामिल है। इसके अलावा दोनों दल धारा 370, अनुच्छेद 35 ए, एनआरसी और समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दों पर भी अलग-अलग राय रखते हैं।
बीजेपी ने अपने सांसदों को जारी किया था व्हिप
बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने वर्तमान लोकसभा (Lok Sabha) के पहले सत्र के पहले ही दिन तीन तलाक विधेयक का मसौदा पेश कर इसके प्रति अपनी गंभीरता जाहिर कर दी थी। विधेयक को गुरुवार को लोकसभा में पेश किया। विधेयक को लेकर बीजेपी ने अपने सांसदों को व्हिप (Whip) जारी किया था।
विधेयक का जेडीयू ने किया विरोध
दूसरी ओर एनडीए में बीजेपी का सहयोगी दल जेडीयू इसके विरोध में उतर आया। लोकसभा में जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि 'इस विधेयक से एक विशेष समुदाय में अविश्वास पैदा होगा। उन्होंने कहा कि इसपर आम सहमति जरूरी है।
इसके पहले पटना में जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी को विधेयक पेश करने के पहले इस मुद्दे पर सबको बिठाकर बात करनी चाहिए थी। एनडीए में अन्य दलों से इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने के लिए विमर्श नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि हर पार्टी का अपना एजेंडा होता है। जेडीयू और बीजेपी के भी अपने-अपने एजेंडे हैं।
जेडीयू का पहले से ही साफ है स्टैंड
विदित हो कि जेडीयू इस मुद्दे पर अपना यह स्टैंड पहले ही साफ कर चुका है कि वह मौजूदा स्वरूप में इस विधेयक का समर्थन नहीं करेगा। जेडीयू सुप्रीमो व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) लॉ कमीशन को पहले बता चुके हैं कि यह संवेदनशील मामला है, जिस पर आम सहमति जरूरी है।
बीजेपी व जूडीयू में कई मुद्दों पर मतभेद
दरअसल, बीजेपी व जेडीयू साथ तो हैं, लेकिन कई बड़े मुद्दों पर दोनों के स्टैंड अलग-अलग हैं। तीन तलाक का मुद्दा इनमें शामिल है। इसके अलावा दोनों दल धारा 370, अनुच्छेद 35 ए, एनआरसी और समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दों पर भी अलग-अलग राय रखते हैं।
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