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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा-1971 की गलती न दोहराए पाक, वरना पीओके का क्या होगा समझ लेना

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि 1971 की गलती मत दोहराना। ऐसा किया तो पाक अधिकृत कश्मीर का क्या होगा यह समझ लेना।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 09:48 AM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 09:56 AM (IST)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा-1971 की गलती न दोहराए पाक, वरना पीओके का क्या होगा समझ लेना
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा-1971 की गलती न दोहराए पाक, वरना पीओके का क्या होगा समझ लेना

जयपुर, मनीष गोधा। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि 1971 की गलती मत दोहराना। ऐसा किया तो पाक अधिकृत कश्मीर का क्या होगा, यह समझ लेना। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान का वजूद स्वीकर करते है लेकिन पीओके का वजूद स्वीकार नहीं करते, क्योंकि पाकिस्तान ने वहां जबरन कब्जा कर रखा है। उन्होेंने अब तक हमने सावधानी रखी है, लेकिन पाकिस्तान ने आतंकवाद के जरिए हमें अस्थिर करने के प्रयास जारी रखे तो आगे क्या होगा कहा नहीं जा सकता।

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राजनाथ सिंह जयपुर के पास धानक्या में दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्मारक पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 103वीं जयंती पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि जब से हमारी पार्टी बनी है हम धारा 370 के खिलाफ है। दीनदयाल उपाध्याय ने इसका विरोध किया था और श्यामा प्रसाद ने इसके लिए बलिदान दिया था। हम अपने चुनाव घोषणा पत्र में लिखते थे कि अनुच्छेद 370 खत्म करेंगे। लोग कहते थे ये बार-बार लिखते है और देश की जनता को धोखा देते है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि हम चुनाव हारना पसंद करेंगे, लेकिन देश की जनता को धोखा नहीं देंगे, क्योंकि हम राजनीति सरकार बनाने के लिए नहीं देश बनाने के लिए करते है। हमने यह दिखा दिया कि भाजपा की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि पडौसी देश को 370 का हटना हजम नहीं हो रहा है, लेकिन मैं पाकिस्तान से कहना चाहता हूं कि 1971 की गलती मत दोहराना, वरना पीओके क्या होगा, यह अच्‍छी तरह समझ लेना। उन्होने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के जरिए भारत को अस्थिर करने की कोशिश करता हैं, लेकिन हमने बहुत सावधानी रखी है। उसने हमारे सैनिक मारे, लेकिन हमने पाकिस्तान पर हमला नहीं किया, हमने बालाकोट में प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया। हमने उसकी सेना पर भी हमला नहीं किया। लेकिन ऐसा बार-बार किया गया तो आगे क्या होगा कुछ कहा नहीं जा सकता।

राजनाथ सिंह ने कहा कि हम पाकिस्तान के वजूद को स्वीकार करते है, लेकिन हम पीओके के वजूद को स्वीकार नहीं करते, क्योंकि पाकिस्तान ने उस पर जबरन कब्जा कर रखा है, इसीलिए जम्मू कश्मीर की विधानसभा में 24 सीटें खाली रखी जाती है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि आजादी के समय मुसलमान बंटवारा नहीं चाहते थे, लेकिन कुछ नेता चाहते थे कि बंटवारा हो। जनसंघ ने उस समय भी विरोध किया था आगे भी जब जब देश के टुकड़े होने की नौबत आई है हमने हमेशा उसका विरोध किया है। हमारी सोच ऐसी है कि हम जाति धर्म और पंथ पर नहीं इंसाफ और मानवता के आधार पर राजनीति करते है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू कश्मीर में शिक्षा का अधिकार नहीं था, भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती थी। तीन तलाक का कानून भी वहां लागू नहीं होता था। हमने इसे ठीक किया है।

राजनाथ ने कहा कि एक समय स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका में सम्बोधन दे कर देश की सांस्कृतिक पताका फहराई थी। अब भारत की ताकत की पताका फहरा रही है। उन्होंने हाउडी मोदी कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया का सबसे ताकतवार देश अमरीका और उसके राष्ट्रपति के साथ हाथ से हाथ मिला कर चलता भारत का प्रधानमंत्री। इस देख कर हर भारतवासी को गौरव की अनुभूति हुई। अब भारत की शक्ति को दुनिया देख रही है। भारत अब कमजोर देश नहीं रहा हैं। ताकतवर भारत बन गया हैं। उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय को याद करते हुए कहा कि हमारी सरकार उन्हीें के बताए रास्ते पर चल रही है। उन्होंने जनसंघ का जो दीपक जलाया था, वह आज पूरी दुनिया में सूरज बन कर चमक रहा है।

इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कृष्ण गोपाल ने कहा कि जो कांग्रेस देश की आजादी के लिए लड़ रही थी, वहीं आजादी के बाद राजनीति में उतर गई और उसने गांधी, पटेल के रास्ते को छोड़ दिया। ऐसे दौर में देश को भारतीय चिंतन की जरूरत थी जो दीनदयाल उपाध्याय ने दिया।

उन्होंने कहा कि आज भाजपा की सफलता के पीछे कहीं न कहीं दीनदयाल उपाध्याय ही खडे नजर आते है। उस समय लोग उपहास करते थे, लेकिन उपाध्याय के बताए रास्ते पर चलते हुए ही भाजपा यहां तक आ पहुंची है और धारा 370 समाप्त कर भाजपा ने उनके सपने को पूरा किया है। इस अवसर पर दीनदयाल उपाध्याय पर शोध करने वाले शोधार्थियों को सम्मानित भी किया गया। 


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