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Rajasthan Politics News: विधानसभा में बहुमत परीक्षण की ओर बढ़ी राजस्थान की लड़ाई, गंभीर मंत्रणाओं का दौर चला

विधानसभा अध्यक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से फौरी राहत नहीं मिलने के बाद गुरुवार को कांग्रेस के कानूनी और राजनीतिक रणनीतिकारों में गंभीर मंत्रणाओं के दौर चले।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 09:46 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 01:22 AM (IST)
Rajasthan Politics News: विधानसभा में बहुमत परीक्षण की ओर बढ़ी राजस्थान की लड़ाई, गंभीर मंत्रणाओं का दौर चला
Rajasthan Politics News: विधानसभा में बहुमत परीक्षण की ओर बढ़ी राजस्थान की लड़ाई, गंभीर मंत्रणाओं का दौर चला

नई दिल्ली, संजय मिश्र। राजस्थान में सचिन पायलट के बगावत प्रकरण की लंबी खिंचती कानूनी लड़ाई कांग्रेस के सियासी विकल्पों को सीमित करता जा रहा है। इसीलिए दोहरे मोर्चे की कानूनी लड़ाई में बढ़ती राजनीतिक परेशानी को देखते हुए पार्टी को अब विधानसभा का सत्र बुलाने का विकल्प ही आखिरी रास्ता नजर आ रहा है। स्पीकर के संवैधानिक अधिकारों पर राजस्थान हाईकोर्ट की रोक के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से फौरी राहत नहीं मिलने के बाद गुरुवार को कांग्रेस के कानूनी और राजनीतिक रणनीतिकारों में गंभीर मंत्रणाओं के दौर चले। 

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कांग्रेस के लिए हर दिन बढ़ रही है चुनौती  

पार्टी सूत्रों के अनुसार, कानूनी पेंच में फंसी बागी कांग्रेस विधायकों की लड़ाई में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजनीतिक रूप से अभी भी मजबूती से डटे हुए हैं। लेकिन सचिन पायलट गुट के पक्ष में भाजपा और केंद्र सरकार का समूचा तंत्र जिस तरह की ताकत लगा रहा, उसमें हर बीतते दिन के साथ कांग्रेस की चुनौती बढ़ रही है। ऐसे में पार्टी के रणनीतिकार सीएम गहलोत को अब विधानसभा में संख्या बल की ताकत से पायलट और भाजपा दोनों को मात देने की रणनीति को आगे बढ़ाने के विकल्प पर काम करने की सलाह देने लगे हैं। हालांकि इस दिशा में कांग्रेस अगला कदम राजस्थान हाईकोर्ट के शुक्रवार को आने वाले फैसले के बाद ही उठाएगी। 

कई विकल्‍पों की ओर काम रहे हैं अशोक गहलोत 

पार्टी सूत्रों ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला चाहे जिस दिशा में हो मगर आखिर में मौजूदा संकट का रास्ता विधानसभा में बहुमत परीक्षण के विकल्प की ओर ही जाएगा। इसीलिए गहलोत ने पहले से ही अपने मौजूदा विधायकों की एकजुटता कायम रखने के साथ पायलट खेमे से लौट सकने की संभावना वाले कुछ विधायकों को वापस लाने की रणनीति पर भी काम शुरू कर दिया है। हालांकि स्पीकर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका की तरह कांग्रेस विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर जल्दबाजी में फैसला लेने से बचेगी।

पार्टी का मानना है कि केंद्र की भाजपा-एनडीए सरकार के नुमाइंदे के तौर पर राज्यपाल स्वाभाविक रूप से गहलोत सरकार से सियासी सहानुभूति नहीं दिखाएंगे। इस राजनीतिक चिंता के बावजूद कांग्रेस रणनीतिकार मौजूदा सियासी लड़ाई में भाजपा की ताकत के सहारे अब तक मैदान में डटे सचिन पायलट की सियासत को पंक्चर करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।


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