Rajasthan Politics: राजस्थान में कांग्रेस का सियासी संकट तो टला पर सरकार पर विधायकों का जबरदस्त दबाव
Rajasthan Political राजस्थान में कांग्रेस का सियासी संकट समाप्त हो गया अब विधायकों का जबरदस्त दबाव बना है। चाहते हैं कि कलेक्टर से तहसीलदार तक उनकी सिफारिश लगे।
जागरण संवाददाता, जयपुर : राजस्थान में कांग्रेस का सियासी संकट तो समाप्त हो गया, लेकिन अब सरकार पर विधायकों का जबरदस्त दबाव बना हुआ है । विधायक चाहते हैं कि जिलों में कलेक्टर से लेकर तहसीलदार तक उनकी सिफारिश से लगे। पुलिस महकमे में भी उनकी सिफारिश को प्राथमिकता दी जाए। सचिन पायलट के साथ 35 दिन तक चले संग्राम के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों को खुश करने के लिए राज्य प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा व निचले स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों में उनकी सिफारिश को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।
अब सभी तरह के तबादले विधायकों की सिफारिश से होंगे
सीएम के निर्देश के बाद अब सभी तरह के तबादले विधायकों की सिफारिश से होंगे। सियासी संकट फिलहाल भले ही थम गया हो लेकिन इस दौरान जिलों से लेकर गांव तक की पूरी अफसरशाही को मथ दिया गया। इनमें अधिकतर तबादले गहलोत के समर्थक विधायकों की मर्जी पर ही किए गए। कई विधायक अधिकारियों के कामकाज से संतुष्ट नहीं थे और लगातार उनको हटाने की मांग कर रहे थे। तबादला सूची में गहलोत खेमे के विधायकों की सिफारिश ही चली। अब भविष्य के लिए तय किया गया है कि कांग्रेस के सभी विधायकों के साथ सरकार को समर्थन देने वाले 13 निर्दलीय व 2 भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायकों की सिफारिश के आधार पर तबादले होंगे।
गहलोत ने विधायकों की हर वाजिब मांग को पूरा किया
सियासी संकट के दौरान विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में अपने मनपसंद अधिकारी लगवाने में भी सफल रहे। राज्य सरकार ने एक महीने में राजस्थान प्रशासनिक सेवा और राजस्थान पुलिस सेवा के करीब 330 अफसर बदल दिए। एक महीने के भीतर राज्य में करीब 17 तबादला सूचियां आईं। इनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा से लेकर राज्य प्रशासनिक सेवा व पुलिस अधिकारी तक बदले गए।
प्रशासनिक सेवा के करीब ढाई सौ अधिकारी इधर-उधर किए
सबसे अधिक राजस्थान प्रशासनिक सेवा के करीब ढाई सौ अधिकारियों को इधर-उधर किया गया। गहलोत खेमे के विधायकों की बाड़ेबंदी की अवधि में पंचायत स्तर के अधिकारियों के तबादलों की भी कई सूची जारी हुई। 10 जुलाई से शुरू हुए ब्लाक विकास अधिकारियों की तबादला सूची में 100 से अधिक अधिकारियों को बदल दिया गया। लगातार हुए तबादलों से कई आईएएस अधिकारी तो आजिज आ गये। ऐसे अधिकारियों को कहना था कि काम करें या फिर इधर-उधर भागते रहें।