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Rajasthan Political: कांग्रेस को 2022 और 2024 के लिए सचिन पायलट की जरूरत

Rajasthan Political कांग्रेस को 2022 और 2024 के लिए सचिन पायलट की जरूरत राजस्थान के अलावा कई राज्यों में निर्णायक है गुर्जर मतदाता

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 10:16 AM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 10:45 AM (IST)
Rajasthan Political: कांग्रेस को 2022 और 2024 के लिए सचिन पायलट की जरूरत
Rajasthan Political: कांग्रेस को 2022 और 2024 के लिए सचिन पायलट की जरूरत

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा।  32 दिन के सियासी संग्राम के बाद सचिन पायलट और उनके समर्थकों की कांग्रेस में वापसी होने के कई राजनीतिक कारण है। सबसे बड़ा कारण है गुर्जर वोट बैंक और दूसरा कारण उनके ससुर फारूक अब्दुल्ला परिवार का दबाव और तीसरा कारण कांग्रेस की युवा ब्रिगेड का सचिन पायलट को पार्टी में बनाए रखने को लेकर को लेकर दबाव रहा। पायलट की वापसी को लेकर इन्हीं कारणों को ध्यान में रखकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ही कांग्रेस की जरूरत और रणनीति के लिहाज से सचिन पायलट की वापसी में मुख्य भूमिका निभाई।

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राजस्थान के अलावा हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में गुर्जर वोट बैंक कई सीटों पर निर्णायक भूमिका में रहते हैं। सीएम अशोक गहलोत सचिन पायलट की वापसी न चाहते थे। उन्होंने पायलट की वापसी रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए, लेकिन सचिन पायलट की जरूरत कांग्रेस को सिर्फ राजस्थान में नहीं, बल्कि अन्य राज्यों में भी है। कांग्रेस को 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सचिन पायलट कांग्रेस को चाहिए। उत्तरप्रदेश की 55 विधानसभा और 12 लोकसभा सीटों पर गुर्जर मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। राजस्थान के 5 जिलों की 30 विधानसभा सीटों के साथ ही 5 लोकसभा सीटों पर गुर्जर मतदाता ही हार-जीत तय करते हैं।

2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सत्त्ता में आने का बड़ा कारण गुर्जर वोट बैंक रहा। सचिन पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहते हुए गुर्जर समाज ने भावी मुख्यमंत्री माना और पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस को एक साथ 20 विधानसभा सीटें दी।

जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश, हरियाणा व दिल्ली में भी गुर्जर मतदाता काफी बड़ी तादाद में है। 2024 में लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस के पास सचिन पायलट के अलावा कोई अन्य बड़ा गुर्जर नेता नहीं है। सचिन पायलट गुर्जर नेता होने के साथ ही युवा और अच्छे वक्ता भी हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा लंबे समय से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करने में जुटी है। प्रियंका गांधी के साथ सचिन पायलट के विश्वस्त धीरज गुर्जर को राष्ट्रीय सचिव के रूप में लगाया गया है।

पायलट की वापसी के लिए कई फैक्टर्स ने किया काम

पायलट के कांग्रेस से अलग होने से कांग्रेस को 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में गुर्जर-बहुल सीटों पर सीधा नुकसान होने का खतरा था। पायलट की राजस्थान ही नहीं, अन्य राज्यों में गुर्जर समाज पर पकड़ है।

सचिन पायलट और कांग्रेस के शुभचिंतकों ने यही बात प्रियंका गांधी वाड्रा को समझाई। कांग्रेस के एक राष्ट्रीय सचिव ने बताया कि ये आंकड़े जब प्रियंका गांधी वाड्रा ने देखे तो पायलट की वापसी की दिशा में एक सप्ताह पहले ही काम करना शुरू कर दिया था। सचिन पायलट की घर-वापसी के पीछे दूसरी बड़ी वजह फारूक अब्दुल्ला परिवार है। राजस्थान में काम कर रहे एक राष्ट्रीय सचिव ने बताया कि कश्मीर की राजनीति में कांग्रेस और अब्दुल्ला परिवार का साथ रहे हैं ।

सचिन पायलट की वापसी का तीसरा बड़ा कारण मिलिंद देवड़ा,दीपेंद्र हुड्डा और भंवर जितेंद्र सिंह जैसे युवा नेता हैं जिन्होंने सेतु का काम किया। पायलट की वापसी के लिए उन नेताओं ने भी प्रयास किए जो अशोक गहलोत के संगठन महासचिव रहते हुए मुख्यधारा से दूर रहे थे।


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