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मॉब लिचिंगः राजस्थान सरकार ने माना, पुलिस हिरासत में हुई अकबर की मौत

राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि अकबर की मौत पुलिस हिरासत में हुई है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 24 Jul 2018 04:45 PM (IST)Updated: Wed, 25 Jul 2018 08:26 AM (IST)
मॉब लिचिंगः राजस्थान सरकार ने माना, पुलिस हिरासत में हुई अकबर की मौत
मॉब लिचिंगः राजस्थान सरकार ने माना, पुलिस हिरासत में हुई अकबर की मौत

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के अलवर में हुए मॉब लिंचिंग मामले में राज्य सरकार ने मान लिया है कि कथित गोतस्कर अकबर उर्फ रकबर की मौत पुलिस हिरासत में हुई थी। सरकार ने कहा है कि घटना के बाद पुलिस को सबसे पहले पीडि़त को अस्पताल लेकर जाना चाहिए था, लेकिन वह गाय की हिफाजत में लग गई।

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मंगलवार को राज्य के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि पुलिसकर्मियों की गलती यह रही कि ललावंडी में भीड़ से अकबर को छुड़ाने के बाद वे सीधे उसे अस्पताल नहीं ले गए। पुलिसकर्मी पहले जब्त की गई गायों को गोशाला पहुंचाने में जुट गए जिससे उसकी मौत हो गई। इस मामले में एक पुलिसकर्मी को निलंबित करने के साथ ही तीन को लाइन हाजिर किया गया है। पहले यह बताया जा रहा था कि भीड़ ने अकबर को घेरकर मारपीट की, लेकिन हमारी अब तक की पड़ताल में सामने आया है कि चार-पांच लोग ही घटनास्थल पर मौजूद थे। सोमवार को घटनास्थल का दौरा कर लौटे चार पुलिस अधिकारियों से रिपोर्ट भी मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद केंद्र सरकार को मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी जाएगी।

होगी न्यायिक जांच, मुआवजे की घोषणा
कटारिया ने इस मामले की न्यायिक जांच कराने की बात कही। साथ ही मृतक के परिजनों को सवा लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा भी की। जिला विधिक सहायता समिति अपने स्तर पर अलग से मुआवजा देगी और यदि मानवाधिकार आयोग सहित अन्य कोई संस्था अलग से सहायता के लिए कहेगी तो वह भी उपलब्ध कराई जाएगी।

रामगढ़ थाने जाकर जांचा रिकॉर्ड
केंद्र सरकार के निर्देश के बाद कटारिया मंगलवार को अलवर पहुंचे। उन्होंने पहले यहां वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की और बाद में रामगढ़ थाने जाकर रिकॉर्ड जांचा। रामगढ़ थाने में ही अकबर की मौत होने की बात सामने आई है। उन्होंने ललावंडी गांव के उस स्थान का भी मौका मुआयना किया, जहां ग्रामीणों ने हरियाणा के नूंह जिला निवासी अकबर उर्फ रकबर की कथित रूप से पिटाई की थी और पुलिस उसे वहां से अपने साथ गाड़ी में लेकर गई थी।

मॉब लिंचिंग के लिए मुसलमान जिम्मेदार एक तरफ इस मामले को लेकर पूरे देश में हंगामा मचा है, वहीं दूसरी ओर राज्य के कैबिनेट मंत्री जसवंत यादव और भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने मेव समाज को गोतस्करी न करने की नसीहत दी है। मीडिया से बातचीत में यादव ने मॉब मॉब लिंचिंग के लिए मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि कानून हाथ में लेना तो गलत है, लेकिन गोतस्करी की घटनाओं से हिंदुओं का खून खौलता है। किसी की आस्था को ठेस न पहुंचे, इस बात का ख्याल दोनों समुदायों को रखना चाहिए। तस्कर एक ट्रक में 50-50 गायों को बेरहमी से भरकर ले जाते हैं और उन पर तेजाब छिड़का जाता है। वहीं आहूजा ने फिर दोहराया कि अकबर की मौत के लिए पुलिस जिम्मेदार है।

मेव पंचायत के संरक्षक ने विधायक को जिम्मेदार ठहराया
मेव पंचायत के संरक्षक शेर मोहम्मद ने अकबर की मौत के लिए भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा को जिम्मेदार ठहराया है। कहा कि विधायक सार्वजनिक रूप से यह कह रहे हैं कि अकबर को पीटने वाले मेरे लोग हैं। इस कारण वह ही इस घटना के लिए दोषी हैं। खुद को घटना का चश्मदीद बताने वाला नवल किशोर शर्मा इस पूरे प्रकरण के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है। घटना के समय वह खेत में छिपकर बैठा था। उसी के लोगों ने अकबर के साथ मारपीट की और अब पुलिस को अकबर की मौत का जिम्मेदार बता रहे हैं। 


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