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सरकार का प्रार्थना पत्र खारिज कर राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला, 31 अक्टूबर तक ही होंगे जयपुर, जोधपुर व कोटा नगर निगम चुनाव

राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर जोधपुर व कोटा नगर निगमों के चुनाव 31 अक्टूबर तक कराने के निर्देश दिए हैं। तीनों शहरों में नवगठित 6 नगर निगमों के चुनाव के समय पर ही होंगे। अब राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने पर कर रही विचार।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 06:39 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 06:39 PM (IST)
सरकार का प्रार्थना पत्र खारिज कर राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला, 31 अक्टूबर तक ही होंगे जयपुर, जोधपुर व कोटा नगर निगम चुनाव
हाईकोर्ट ने कहा कि बिहार चुनाव हो सकते हैं तो फिर सरकार निगम के चुनाव क्यों टालना चाहती है।

जागरण संवाददाता, जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर, जोधपुर व कोटा नगर निगमों के चुनाव 31 अक्टूबर तक कराने के निर्देश दिए हैं । तीनों शहरों में नवगठित 6 नगर निगमों के चुनाव के समय पर ही होंगे । हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया, जिसमें सरकार ने 6 माह के लिए चुनाव टालने की मांग की थी । हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जब बिहार में चुनाव हो सकते हैं और राज्य में पंचायत चुनाव हो रहे हैं तो फिर सरकार निगम के चुनाव क्यों टालना चाहती है । 

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खण्डपीठ ने कहा बार-बार चुनाव टालना ठीक नहीं

मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत माहंती की खण्डपीठ ने कहा कि बार-बार चुनाव टाले जाए इसका कोई कारण नहीं बनता है। अब सरकार को 31 अक्टूबर तक तीनों जगह चुनाव कराने होंगे। सुनवाई के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि वह तय समय पर चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। 

तीनों नगर निगमों का विभाजन, 6 निगम बनाए

उल्लेखनीय है कि जयपुर, जोधपुर और कोटा नगर निगम में पहले अक्टूबर, 2019 तक चुनाव होने थे। लेकिन राज्य सरकार ने तीनों नगर निगमों का विभाजन कर 6 निगम बनाए थे । 

पहले 5 अप्रैल, 2020 को चुनाव की तारीख तय

इससे नियमों के तहत राज्य निर्वाचन आयोग को तैयारियों के लिए 6 माह का समय और मिल गया था । उसके बाद 5 अप्रैल, 2020 को चुनाव की तारीख तय की गई थी। लेकिन कोरोना महामारी के कारण राज्य सरकार के प्रार्थना-पत्र पर हाईकोर्ट ने चुनाव 6 सप्ताह के लिए टाल दिए थे। 

कोरोना का हवाला देकर चुनाव टलवा लिए थे

उसके बाद फिर सरकार ने कोरोना का हवाला देकर हाईकोर्ट से 31 जुलाई तक चुनाव टलवा लिए। जुलाई की मियाद खत्म होने से पहले सरकार ने तीसरी बार प्रार्थना-पत्र दायर करके एक बार फिर कोर्ट से चुनाव टालने की गुहार लगाई । 

सोमवार को एक बार फिर प्रार्थना-पत्र लगाया

इस पर कोर्ट ने 31 अक्टूबर तक चुनाव कराने के निर्देश दिए लेकिन सोमवार को एक बार फिर सरकार ने प्रार्थना-पत्र लगाकर चुनाव 6 माह तक टालने की मांग की थी, उसे कोर्ट ने अस्विकार कर दिया। 

सरकार व निर्वाचन आयोग के पास एक माह

हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब 31 अक्टूबर तक चुनाव कराने होंगे। राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग के पास केवल एक माह का समय है। ऐसे में सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने पर विचार कर रही है। 

निर्वाचन आयोग ने कहा हम पूरी तरह तैयार

कोर्ट के रुख को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता आर.बी माथुर ने कहा कि आयोग तय समय पर चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। कोर्ट जो भी आदेश पारित करेगा निर्वाचन आयोग उसे मानने के लिए पूरी तरह से तैयार है। 

चुनाव टालने की प्रार्थना पर नहीं मानी कोर्ट

हालांकि राज्य सरकार की दलीलों के बाद आयोग ने भी कोर्ट से 15 नवम्बर तक चुनाव टालने की प्रार्थना की, लेकिन कोर्ट ने उसे नहीं माना। कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि निगम चुनाव कराने की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग की है। आयोग तय समय सीमा के अंदर चुनाव सम्पन्न करवाए।


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