Rajasthan Congress बसपा के 6 विधायकों के बाद अब आरएलडी विधायक कांग्रेस में शामिल होंगे
Rajasthan Congress राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सभी छह विधायकों के बाद अब राष्ट्रीय लोकदल के विधायक डॉ.सुभाष गर्ग भी कांग्रेस में शामिल होंगे।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सभी छह विधायकों के बाद अब राष्ट्रीय लोकदल के विधायक डॉ.सुभाष गर्ग भी कांग्रेस में शामिल होंगे। डॉ.गर्ग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पिछले दो दशक से काफी निकट है। आठ माह पूर्व विधानसभा चुनाव में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की आपत्ति के कारण गर्ग को टिकट नहीं दिया जा सका तो गहलोत ने उन्हे राष्ट्रीय लोकदल से टिकट दिलवा कर भरतपुर सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। कांग्रेस ने भरतपुर सीट राष्ट्रीय लोकदल को समझौते में छोड़ी थी। चुनाव जीतने पर गहलोत ने गर्ग को मंत्री बनाया था।
उधर बसपा के सभी छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने से नाराज हुई मायावती ने कांग्रेस को गैर-भरोसेमंद और धोखेबाज पार्टी करार दिया है। ट्वीट कर उन्होंने कहा कि यह धोखा है। बीएसपी मूवमेंट के साथ ऐसा धोखा दोबारा तब किया गया जब बीएसपी वहां कांग्रेस को बिना शर्त बाहर से समर्थन दे रही थी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने विरोधियों से लड़ने के बजाय हर जगह उनकी पार्टी को नुकसान पहुंचाने का काम करती है। बसपा के प्रदेश प्रभारी धर्मवीर अशोक ने पार्टी छोड़ने वाले विधायकों को धोखेबाज बताया है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार सोमवार देर रात करीब 11 बजे बसपा के सभी छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होते समय सीएम अशोक गहलोत ने दो विधायकों राजेंद्र गुढ़ा और वाजिब अली को मंत्री एवं चार विधायकों जोगिंदर सिंह अवाना,संदीप यादव,दीपचंद खेरिया और लाखन सिंह को संसदीय सचिव बनाने का वादा किया।
इन विधायकों के आधा दर्जन समर्थकों को राजनीतिक नियुक्तियों के माध्यम से उपकृत किरने का भी आश्वासन दिया गया है। राज्य विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सी.पी.जोशी ने बताया कि बसपा विधायक दल का कांग्रेस में विलय हुआ है। उन्हे यह पत्र मिला है। इस पत्र के माध्यम से बसपा का कांग्रेस में पूरी तरह विलय हो गया। इसमें किसी प्रकार की कानूनी अड़चन नहीं है।
मुख्यमंत्री बोले,बसपा विधायकों का कांग्रेस में स्वागत
सीएम गहलोत ने कहा कि बसपा विधायकों ने प्रदेश में स्थिर सरकार देने के लिए विधायक दल का कांग्रेस में विलय किया है। इन विधायकों का कांग्रेस में स्वगत है। कांग्रेस हमेशा मायावती के साथ खड़ी रही है,लेकिन राजस्थान में उनकी सरकार नहीं बन सकती यह बात साफ है। भाजपा बसपा विधायकों को प्रलोभन दे रही थी,लेकिन वे उनके झांसे में नहीं आए। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश को नए विकास के पथ पर ले जाएंगे। उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि बसपा विधायकों को बिना शर्त कांग्रेस में बिना किसी शर्त के शामिल किया गया है।
भाजपा बोली,गहलोत के मन में असुरक्षा
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराने का निर्णय सीएम अशोक गहलोत के मन में असुरक्षा दिखाता है। उन्होंने कहा कि प्रलोभन देकर गहलोत ने बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल किया है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने कहा कि गहलोत का उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ चल रहा मनमुटाव सार्वजनिक है। कांग्रेस में खुद को असुरक्षित मान रहे गहलोत ने बसपा विधायकों को प्रलोभन देकर अपने साथ लिया है।
दो निर्दलीय विधायकों को भी मिल सकता है मंत्री पद
वर्तमान में 13 निर्दलीय विधायकों में से 12 विधायक कांग्रेस को समर्थन दे रहे है। इनमें दो बाबूलाल नागर और राजकुमार गौड़ गहलोत के खास है,वहीं संयम लोढ़ा डॉ.सी.पी.जोशी के निकट है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार नागर और लोढ़ा को मंत्री बनाने पर विचार किया जा रहा है। 200 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बसपा विधायक दल के विलय के बाद सत्तारूढ़ दल कांग्रेस का संख्या बल 106 और भाजपा का 72 है। 13 निर्दलियों में से 12 गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे है और एक भाजपा के साथ है।
माकपा के 2 ,आरएलडी के 2 और भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2 विधायकों का गहलोत सरकार को समर्थन हासिल है। हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 2 विधायक भाजपा को समर्थन दे रहे है। 200 सदस्यीय विधानसभा के लिहाज से 30 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। वर्तमान में 24 मंत्री है। अब शेष 6 खाली स्थानों में बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले 2 विधायकों के साथ ही 2 निर्दलीय विधायकों को मंत्री बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है।