Move to Jagran APP

Rajasthan: खादी को फैशन से जोड़ना जरूरी

Khadi In Rajasthan. फैशन डिजाइनर रितु बेरी ने कहा कि खादी वैश्विक फैब्रिक बन गई है और पूरी दुनिया में इसकी मांग बढ़ रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 06:31 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 06:31 PM (IST)
Rajasthan: खादी को फैशन से जोड़ना जरूरी
Rajasthan: खादी को फैशन से जोड़ना जरूरी

जयपुर, जेएनएन। Khadi In Rajasthan. खादी ऐसा फैब्रिक है, जिससे हर तरह का कपड़ा बन सकता है, सिर्फ नई सोच और सिस्टम को बेहतर बनाने की जरूरत है। खादी को नए फैशन से जोड़ना जरूरी है, तभी युवा पीढ़ी खादी से जुड़ पाएगी।

prime article banner

राजस्थान सरकार के उद्योग विभाग और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) की ओर से महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर शुरू हुए खादी के दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में यह बात निकल कर आई। खादी को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने रितु बेरी, हिम्मत सिंह, परेश लांबा जैसे कई फैशन डिजाइनर्स और खादी संस्थाओं और इस उद्योग से जुड़े लोगों जयपुर में बुला कर यह दो दिन का सम्मेलन आयेाजित किया है। सम्मेलन में खादी को मौजूदा दौर के हिसाब से तैयार किए जाने पर चर्चा हो रही है, ताकि खादी से जुड़ी संस्थाएं लाभ में चल सकें और इससे जुड़े बुनकरों व कातिनों को बेहतर रोजगार मिल सके।

सम्मेलन में फैशन डिजाइनर रितु बेरी ने कहा कि खादी वैश्विक फैब्रिक बन गई है और पूरी दुनिया में इसकी मांग बढ़ रही है। साथ ही, यह सामजिक समानता का प्रतीक भी है। वहीं, डिजाइनर हिम्मत सिंह ने कहा कि उन्होंने जयपुर के खादी भंडार से कपड़ा खरीद वेस्टर्न कट के कपड़े तैयार किए और उन्हें अमेरिका में फैशन शो में प्रदर्शित किया। इसके बाद से उन्हें इतने ऑर्डर मिल रहे हैं कि संभालना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि खादी से हर तरह का परिधान तैयार हो सकता है। बस हमें नई सोच की जरूरत है। वहीं, मध्य प्रदेश के सागर में जैन संत आचार्य विद्यासागर की प्रेरणा से चल रही संस्था श्रमदान के प्रतिनिधि अमित जैन ने बताया कि हमारी संस्था से करीब 500 महिलाएं और 800 पुरुष जुड़े हैं और इनकी औसत आयु 25 वर्ष है। ये सभी इसी काम से जुडे रहे, इसके लिए जरूरी है कि नई पीढ़ी की सोच के मुताबिक कपड़े तैयार हों।

सम्मेलन की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इसी बात पर जोर दिया कि युवा पीढ़ी को खादी से जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि खादी केवल वस्त्र नहीं बल्कि स्वाभिमान और सम्मान का कारण है। उन्होंने कहा कि खादी के क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं में नई पीढ़ी का रुझान कम देखने को मिलता है। आज गांवों में रोजगार कम हो रहे हैं और बुनकर एवं कातिनों की संख्या भी लगातार कम हो रही है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि नई पीढ़ी को खादी से जोड़ा जाए।

उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि नए बुनकर और नए कातिन तैयार हों, ताकि नई पीढ़ी खादी के महत्व को समझे।

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि खादी को आगे बढ़ाने के लिए इसे आधुनिक फैशन के अनुरूप बदलना होगा।

अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल ने बताया कि खादी की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए ऑनलाइन कंपनियों के प्लेटफाॅर्म का भी उपयोग करने का प्रयास किया जा रहा है।

सम्मेलन में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के पूर्व चेयरमैन लक्ष्मीदास, खादी सीआइसी लंदन की नाॅन एग्जीक्यूटिव बोर्ड मेंबर जाॅ साल्टर, माॅरल फाइबर फेब्रिक्स की संस्थापक शालिनी सेठ अमीन, ग्राम भारती समिति के अध्यक्ष भवानी शंकर कुसुम, सीआइआइ राजस्थान के चेयरमैन आनंद मिश्रा और सम्मेलन के संयोजक जीएस बाफना ने भी विचार व्यक्त किए। 

राजस्थान की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.