राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी पर जताया विश्वास
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि मेरा दृढ़ता से मानना है कि इस निर्णायक मोड़ पर सोनिया गांधी को पार्टी का नेतृत्व करते रहना चाहिए।
जागरण संवाददाता, जयपुर। कांग्रेस में 23 वरिष्ठ नेताओं ने आश्चर्यजनक कदम उठाकर संगठन में टॉप टू बॉटम बदलाव के लिए पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा गया है। पत्र लिखने वालों में पांच पूर्व मुख्यमंत्री, कई कार्यसमिति सदस्य, वर्तमान सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री भी शामिल है। गहलोत ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि माननीय अध्यक्ष को 23 वरिष्ठ नेताओं द्वारा पत्र लिखे जाने की खबरें अविश्वसनीय है और अगर यह सच है तो दुर्भाग्यपूर्ण है। मीडिया में इस खबर की जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। गहलोत ने कहा कि मेरा दृढ़ता से मानना है कि इस निर्णायक मोड़ पर सोनिया गांधी को पार्टी का नेतृत्व करते रहना चाहिए। लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई अभी लड़नी है। सोनिया गांधी ने पार्टी की चुनौतियों को अपने सिर पर लिया है, लेकिन फिर भी उन्होंने पद छोड़ने का मन बना लिया तो राहुल गांधी को आगे आकर कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहिए, क्योंकि इस समय देश और संविधान को बचाने की सबसे बड़ी चुनौती है।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को होने वाली कांग्रेस कार्य समिति की बैठक से पहले आए इस पत्र को गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, कपिल सिब्बल, शशि थरूर, विवेक तन्खा, मुकुल वासनिक, जितिन प्रसाद, भूपिंदर सिंह हुड्डा, राजेन्द्र कौर भट्टल, वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चव्हाण, पीजे कुरियन, अजय सिंह, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा शामिल है। पत्र राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली, कौल सिंह ठाकुर, अखिलेश प्रसाद सिंह, कुलदीप शर्मा, योगानंद शास्त्री और संदीप सिंह ने लिखा है।
इधर, राजस्थान में आकाकमान के हस्तक्षेप के बाद गहलोत और पायलट के बीच ऊपरी तौर विवाद शांत हो गया, लेकिन पायलट समर्थक विधायकों ने सत्ता और संगठन में हिस्सेदारी को लेकर आवाज बुलंद कर रखी है। पायलट समर्थक विधायक मुरारी लाल मीणा का कहना है कि पूर्वी राजस्थान ने कांग्रेस को दो तिहाई से अधिक सीट दी है। इसके बावजूद सरकार इस क्षेत्र में ध्यान नहीं दे रही। कार्यकर्ताओं के काम नहीं हो रहे। ऐसे में विधायक बने रहने का क्या फायदा। उन्होंने कहा कि वोट दिया है तो हिस्सेदारी चाहिए। छह बार विधायक रहे पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि पायलट जैसा राजस्थान में कोई नेता नहीं है। डेढ़ साल में जनता के विश्वास पर कांग्रेस सरकार काम नहीं कर पा रही। सीएम ने हमारी बात नहीं सुनी तो हम दिल्ली आलाकमान के पास गए।